सुसनेर: सालरिया गोअभ्यारण में पूर्व मंत्री एवं विधायक डंक ने गोसेवा पर प्रसन्नता व्यक्त की
गोसेवा करने वाले को ही चुनाव लड़ने का अधिकार हो ऐसा देश में कानून बने*- हरदीप सिंह डंक,पूर्व मंत्री एवं विधायक
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 224 वे दिवस पर 15 से 21 नवम्बर तक चल रहें राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह मनाया के चौथे दिवास पर नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए भगवती गोमाता की भूमिका के बारे में बताते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने कहां कि नवजात शिशु के जन्म से लेकर 17 वर्ष की आयु तक बच्चों को विभिन्न ग्रही अर्थात वायरस से भगवती गोमाता अपने अमूल्य पंचगव्य से कैसे बचाती है उसकी विस्तृत जानकारी दी ।
महाराज जी ने बताया कि पुराने समय में खेती के लिए ही पाली जाती थी यानि गायमाता पूर्व में गोमाता खेती की भूल आधार थी ।
महाराज जी ने बताया कि भारत सहित सम्पूर्ण विश्व की गोमाता स्वस्थ रहें और उनका संरक्षण रहें उसी के लिए युवा सन्त एवं साध्वी बहिनें अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर गोमाता के लिए अपना जीवनदान देकर देश विदेश में भगवती गोमाता की महिमा का वर्णन निस्वार्थ भाव से कर रही है और उसके लिए पाकिस्तान सरकार अनुमति देती है तो वहां भी साध्वी बहिनें गोमाता की महिमा बताने जाएगी ।
एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के अन्तर्गत चल रही एक वर्षीय गो कृपा कथा के 224 वे दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सुवासरा विधायक श्री हरदीप सिंह डंक ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए बताया कि गोमाता की जय बोलने से ही गोमाता की सेवा नहीं होगी बल्कि जहां तक गोमाता की सेवा उन्हें मां मानकर नहीं की जाएगी तब तक गोमाता ऐसे ही सड़कों पर भटकती रहेगी और इस गो अभयारण्य में जब से पूज्य पथमेड़ा महाराज जी के पावन सानिध्य में मातृत्वभाव से जो गो सेवा हो रहीं है उससे मैं अविभूत हुआ हूं और मैं यह देखकर बहुत प्रसन्न हूं।
श्री डंक ने खान कि भारत में ऐसा कानून बने कि कोई भी जनप्रतिनिधि चुनाव लड़े तो सबसे पहले वह खुद गोसेवा करता है या नहीं उसी आधार पर उसको चुनाव लड़ने का अधिकार होना चाहिए ।
श्री डंक ने पूज्य महाराज जी को भरोसा दिलाया कि भगवती गोमाता हितार्थ मैने विधान सभा पटल पर प्रसन्न उठाया था कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गोशाला खुले ओर सरकार ने उस बात को मानकर प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गोशाला बनानी है बस उन गौमाताओं की मातृत्त्वभाव से सेवा हो इसके लिए हम सभी को जुटना होगा ।
अतिथि के रूप में पधारे कथावाचक श्री जगन्नाथ जी बरखेड़ी ने बताया कि लालसिंह जी,नाथू सिंह जी, कालू सिंह जी जैसे गोभक्तो ने एक छोटी सी गोशाला का बीजारोपण किया था आज वह गोशाला एक विशाल वटवृक्ष के रूप ने विश्व का सबसे बड़ा गो अभयारण्य एक गोकुल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है ।
*स्वामीजी ने सभी श्रोताओं को बताया कि विश्व के प्रथम गो। अभयारण्य में आगामी 20 नवम्बर 2024 बुधवार को जगतगुरु श्री वल्लभाचार्य जी के वंशज श्री वत्सल बाबा जी मुंबई वाले अपने अनुयायियों के साथ गो अभयारण्य पधार रहें है*
*224 वे दिवस पर सुवासरा के वर्तमान विधायक एवं पूर्व मंत्री हरदीप सिंह डंक, कथावाचक श्री जगन्नाथ बरखेड़ी, सीतामऊ जनपद अध्यक्ष रोडू लाल वर्मा,सुसनेर भाजपा मण्डल अध्यक्ष सज्जन सिंह कलारिया एवं श्री सुल्तान सिंह सरपंच उबायान (जीरापुर) , हनुमान प्रसाद शर्मा, पुरुषोत्तम शर्मा बानोर, सीताबाई,जानकी देवी एवं गीता भाई आदि अतिथि उपस्थित रहें*
*224 वे दिवस पर चुनरीयात्रा तेलंगाना एवं मध्यप्रदेश से * एक वर्षीय गोकृपा कथा के 224 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले के जावरा विधानसभा के विधायक हरदीप सिंह डंक एवम् उनके साथ आए कथावाचक श्री जगन्नाथ बरखेड़ी, सीतामऊ जनपद अध्यक्ष रोडू लाल वर्मा,सुसनेर भाजपा मण्डल अध्यक्ष सज्जन सिंह कलारिया एवं श्री सुल्तान सिंह सरपंच उबायान (जीरापुर) एवं तेलंगाना के खंडेलवाल परिवार के सतीश, पूनम एवं अनीता व मध्यप्रदेश के बैतूल से ममता एवं गिरीश खंडेलवाल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।