संत दादूदयाल जी ने अकबर के शासन में कराई गो हत्या बंद* -संत रामझूलन दास महाराज
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 320 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज जी ने बताया कि राजस्थान के जोधपुर में शासन द्वारा देश का प्रथम पंचगव्य प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ हुआ जिसमें केवल पंचगव्य आधारित चिकित्सा पद्धति का हाइबोरशिक्षण दिया जाएगा जो पूरे देश के लिए एक मिशाल के रूप में काम करेगा और इससे प्रेरणा लेकर देश के अन्य राज्यों में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ होंगे ।
स्वामीजी ने बताया कि भारत के नॉर्थ ईस्ट में जहां गोरक्षा के लिए एक नई अलख जगाने के लिए गोसेवा संघ के अदभुत कार्य कर रहा है,अर्थात भारत से बांग्लादेश के बोर्डर पर जो गोवंश कत्ल खानों में कटने जाता था उन गोवंश को भारतीय सेना के माध्यम से बोर्डर पर रोका जाता था और उन 21000 गोवंश को भारत की सीमा पर गो सेवा संघ चाकोलिया गोधाम मातृत्व भाव से सेवा कर रहा है ओर उनकी टीम के प्रमुख कार्यकर्ता आज विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में पधारे है और गौसेवा संघ के एक अदभुत कार्य और किया है और वह कार्य है गोपाल परिवार संघ के माध्यम से देश में जो 1008 गो चिकित्सालय बनने वाले है उनमें से प्रथम गो चिकित्सालय महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बन चुका है जिसका जिसका श्री गणेश गो सेवा संघ द्वारा 23 फरवरी को होने जा रहा है ।
*एक वर्षीय गो कृपा कथा के 320 वें दिवस पर मेवाड़ की पुण्यधरा चित्तौड़गढ़ से पधारे पूज्य युवा संत दिग्विजय राम जी महाराज,रामद्वारा चितौड़,युवा सन्त रामझूलन दास जी महाराज एवं संगीत सम्राट प्रकाश दास जी महाराज के कृपा पात्र दयाल दास जी महाराज,श्री दाऊ दयाल गोशाला किवाड़ा का मंगल पदार्पण हुआ ।
जयपुर से पधारे पूज्य रामझूलन दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि इस कलियुग में केवल दो ही कार्य संसार से पार लगा सकते प्रथम शरीर से गो सेवा और दूसरा नाम सुमिरन जीव करने लग जाये तो भगवत प्राप्ति हो जाएगी क्योंकि गो माता ही वैतरणी नदी पार कराती है ।
महाराज जी ने आगे बताया कि दादूदयाल जी महाराज ने 41 दिन तक अकबर को ज्ञान दिया उसके बदले मे अकबर ने एक तोते का पिंजरा जो उर्दू में कुरान पढ़ता था ऐसा तोता भेंटे किया इस पर दादूदयाल जी महाराज ने कहां कि है अकबर मन ही पिंजरा है और यह शरीर तोता है, इसलिए तुझे मुझे भेंट देना है तो तेरे शासन में गौहत्या न हो इस प्रकार का संकल्प करो और दादूदयाल जी महाराज के कहने के बाद अकबर ने सम्पूर्ण भारत में गौहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया ।
विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में गो सेवा समिति हावड़ा (कोलकाता) पश्चिम बंगाल से गोभक्तो की टीम के ओम जी भईया ,भवानी शंकर जी मूंदड़ा,कपिल जी पारीक,कमल किशोर जी मोहता,कैलाश जी बजाज,निर्भय जी मोहता,सीताराम जी पेड़ीवाल,हरिनारायण जी, एवं शिवाजी तिवारी ने गो अभयारण्य के 24 गोष्ठ में विराजित 6000 से अधिक गौमाताओं का दर्शन कर गोपाल परिवार संघ द्वारा संचालित धेनु धन फाउंडेशन के प्रथम विक्रय केन्द्र का उद्घाटन धेनु धन फाउंडेशन के प्रभारी संत भारतश्री महाराज के साथ मंत्रोच्चार से करवाया ।
*स्वामीजी ने बताया कि आगामी 25 फरवरी को विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में गोष्ठाधिपति भगवान गोपालेश्वर महादेव के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ भगवान राधा कृष्ण एवं दो गरीब कन्याओं का विवाह कार्यक्रम रहेगा , कन्या विवाह में आगर के विधायक माधव सिंह मधु गहलोत एवं उदर के गोभक्त मनीष गुप्ता के सहयोग से सम्पन्न होगा । शुभ विवाह के साथ 23 से 27 फरवरी तक श्री शिव कथा,गो कृपा कथा व अग्नि नृत्य जैसे विशाल आयोजन होंगे ।
*320 वे दिवस पर चुनरी यात्रा पश्चिम बंगाल, झारखण्ड एवं मध्यप्रदेश से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 320 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गो सेवा समिति हावड़ा (कोलकाता) पश्चिम बंगाल से ओम भईया ,भवानी शंकर मूंदड़ा,कपिल पारीक,कमल किशोर मोहता,कैलाश बजाज,निर्भय मोहता,सीताराम पेड़ीवाल,हरिनारायण , एवं शिवा तिवारी एवं झारखण्ड के खूंटी से गणेश प्रसाद भगत पिता स्वर्गीय श्री राम किश्तों भगत व मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील के गैलाना ग्राम की और से सर पंच दिनेश ,निर्भय सिंह यादव,रामेश्वर यादव, धुला हरिजन, गोरधन यादव,,रमेश यादव एवं चन्दर हरिजन के साथ ग्राम सेकंडों मातृशक्ति एवं युवाओं ने समस्त ग्रामवासियों की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।