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9 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में एक से दो लाख गोवंश ठंड में सड़कों पर भटक रहा है


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 267 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने की शून्य से शिखर पर पहुंचना चाहे तो उसके लिए यमुनाबाई वाईकर से प्रेरणा लेनी चाहिए आज उनका जन्मदिवस है जो एक भारतीय लोक कलाकार थीं। वह लावणी और तमाशा की मराठी लोक परम्पराओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं , इन्हें यमुनाबाई विक्रम जवले के नाम से भी जाना जाता हैं । सन 2012 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री के चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

आज ही के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल के दाहिने हाथ कहें जाने वाले केरल निवासी राऊ बहादुर बालप्पा का निर्वाण दिवस है जिन्होंने देश में राज्यों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का सहयोग किया था ।
 स्वामीजी ने बताया कि भारत को एकीकरण करने का सबसे बड़ा माध्यम गोमाता ही है क्योंकि हम अलग अलग राज्यों मेंख अलग भाषाओं में बंट गए है,लेकिन सम्पूर्ण भारत में एक भाव बचा है वह है गाय हमारी माता है और जब पूरा भारत एक स्वर में स्वीकार कर लेंगे कि गाय हमारी माता है तब हम अपने आप एक हो जाएंगे क्योंकि हर भारत वासी गोमाता का पुत्र बन जाएंगे तो अपने आप स्वत:राष्ट्र का एकीकरण हो जाएगा। हालांकि कहने में तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक है ,लेकिन विचारों से व्यवहारों से एवं कानून के दायरों से भारत खण्ड खण्ड बंटा हुआ है इन परिस्थितियों में इसको एक करने का एक ही तरीका है वह है धेनु शरणम् गच्छामि....अर्थात गायमाता की शरण ले ले तो सब कुछ ठीक हो सकता है बस हम सब एक स्वर में कह दे कि हम सब गायमाता के पुत्र है तो कुछ भी शेष नहीं बचेगा ।
 स्वामीजी ने दुःख प्रकट हुए बताया कि मध्यप्रदेश में 9 करोड़ की जनसंख्या है और सड़क पर मात्र एक से दो लाख निराश्रित गोवंश है अगर अपने आपको गोभक्त मानने वाला एक एक निराश्रित गोवंश को अपने घर में बांध ले तो मध्यप्रदेश की सड़कों पर एक भी निराश्रित गोवंश नहीं घूमेगा और अतिथि के रूप में पधारे उज्जैन संभाग के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के कार्यवाहक संयुक्त संचालक एवं आगर मालवा के उपसंचालक हरि वल्लभ जी त्रिवेदी जी से पूज्य महाराज जी ने आग्रह किया कि आगर मालवा की सड़कों पर इस कड़कड़ाती ठंड में एक भी गोवंश सड़कों पर नहीं रहें इसके लिए आपके जिले में स्थापित विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में ठंड से बचाव के लिए अस्थाई आवास की व्यवस्था कर देंगे तो गो अभयारण्य प्रबंधन आगर मालवा जिले की सड़कों पर एक भी गोवंश को ठंड से नहीं मरने देगा और हम एक सप्ताह के अन्दर 6000 से 10,000 गोवंश की सेवा करेंगे बस आप ठंड के बचने के लिए छाया हेतु त्रिपाल की ही व्यवस्था करवा दीजिए साथ ही श्रद्धालुओं से भी आह्वान किया कि आज हम आंग्ल वर्ष 2024 को विदाई दे रहें है और कल से 2025 में प्रवेश करने वाले है । आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है अर्थात 2024 में हमारे जीवन में जो जो कमियां रहीं है उन्हें सुधारने के लिए हमारे लिए 2025 का वर्ष शुरू हो रहा है और आज ही हम सड़कों में घूम रहें निराश्रित गोवंश को ज्यादा नहीं तो कम से हम दो माह बांधकर उनकी सेवा करेंगे तो इससे बड़ा कोई पुण्य हो ही नहीं सकता यानि आपके घर में स्वयं कन्हैया गोकुल से आपके घर आ जाएंगे। 

*267 वे दिवस पर दिल्ली से श्रीमति ऊषा प्रदीप गर्ग, श्रीमति नीतू यशपाल गुप्ता,प्रमोद कुमार,रवींद्र कुमार , डॉ. हरि वल्लभ त्रिवेदी, संयुक्त संचालक पशुपालन विभाग,पेंशनर समाज आगर के अध्यक्ष राधारमण पंड्या,,युवराज राठौर डाबी,छीतरमल राठौर कनवास,परशुराम राठौर कोटा, गणेश गोशाला चिपया के उपाध्यक्ष भगवान सिंह, भा.कि.संघ आगर जिला उपाध्यक्ष राघु सिंह ,कालूराम प्रजापति,त्रिलोक राठौर,सुरेश राठौर डाबी आदि अतिथि उपस्थित रहें*




*267 वे दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 267 वें दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली के ने
 अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।