शक्ति के साथ सतोगुण हेतु सेना की कैंटीन में गो दुग्ध एवं गोघृत उपलब्ध कराएं सरकार
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 240 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय नौसेना के वीरतापूर्ण प्रयासों और बलिदानों का सम्मान करने के लिए आज भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है और यह सौभाग्य की बात है कि जिन महापुरुष ने नौसेना दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था वे भी गोपाल राव थे जिनके नेतृत्त्व में 04 दिसम्बर 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी सेना को हराया था और उसी याद में नौसेना दिवस मनाया जा रहा है ।
स्वामीजी ने बताया कि किसी भी युद्ध को जीतने के लिए शक्ति के साथ सात्विकता हो तो उसका फल कई गुणा होता है इसलिए नौसेना दिवस पर हम भारत सरकार से आग्रह करते है कि सेना की कैंटीन पर वेदलक्षणा गोमाता का दूध एवं घी उपलब्ध करवाना चाहिए और शासन सेना की सभी कैंटीन में दूध एवं घी की आपूर्ति के श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा को बताएगा तो पथमेड़ा गोमाता के दूध एवं घी की व्यवस्था करेगा।
पूज्य महाराज जी ने रघुवंश में गोदान के महत्व को बताते हुए बताया कि रघुवंशकुल में हमेशा गौसेवा रही है और राजा दशरथ की मृत्यु के समय 12 वें दिन में गोदान किया और जब भगवान राम वनवास से वापिस लौटे तो उनके राजतिलक से पूर्व एक लाख गोमाताओ ब्राह्मणों को दान में दी और भगवान राम ने तो अपने भ्राता भरत को कहां है कि गोमाता के बिना राष्ट्र रक्षा नहीं हो सकती ।
स्वामीजी ने बताया कि जिनके जीवन में गौसेवा रहती है और वह गोदान करता है तो उसे हजारों वर्ष तक गोलोकधाम में निवास मिलने के बाद उसे स्वर्ग में भगवान राम के धाम में निवास मिलता है।
स्वामीजी ने रूपए दान से अधिक सेवा दान का महत्त्व बताते हुए कहां कि अगर किसी के पास पैसा नहीं हो तो चलेगा लेकिन वह समय दान करता है तो उसे उसका कई गुणा फल मिलता है इसलिए हर व्यक्ति को समय निकालकर पास की गोशाला में जाकर गोसेवा करनी चाहिए ।
*240 वें दिवस पर बागड़ क्षेत्र के पूज्य कांतिलाल जी महाराज एवं उनके साथ धूनीधाम के अनेक पूज्य संत पधारे एवं श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के प्रबन्ध न्यासी अम्बालाल सुथार एवं मेवाड़ से गोपाल परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहें गोपाल तेली आकोला एवं बंशीलाल तेली कानोड़ अतिथि उपस्थित रहें *
*240 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजस्थान से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 240 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के मेवाड़ से गोपाल परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहें गोपाल तेली व कालू लाल आकोला एवं बंशीलाल तेली एवं झालावाड़ जिले की पिड़ावा तहसील के सारखेड़ी ग्राम की महिला मण्डल की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए अमावस्या के पुण्य दिवस पर गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।