जो गोसेवा में लग गया उसका मनुष्य जीवन सफल हो जाता है


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 243 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज भारत के एक क्रांतिकारी वीर जतिन्द्रनाथ मुखर्जी का जन्मदिवस है । जब उन्होंने अकेले ही तीन घंटे तक रॉयल बंगाल टाइगर से लड़ाई की और खंजर से उसे मार डाला था तब उन्हें बाघा जतिन' की उपाधि मिली थी, कॉलेज के छात्र के रूप में जतिन्द्रनाथ स्वामी विवेकानंद की आयरिश शिष्या सिस्टर निवेदिता द्वारा आयोजित एक राहत शिविर में शामिल हुए थे।

साथ ही आज भगवान कृष्ण के परम भक्त नरसी मेहता का निर्वाण दिवस है वे संसार के ऐसे व्यक्ति थे जिनके पास संपति के नाम से कुछ नहीं था लेकिन फिर भी वे संसार के सबसे धनी व्यक्ति थे यानि उनके पास राम नाम रूपी धन का अथाह भण्डार था और इसके प्रभाव से ही नरसी नानी बाई का मायरा भरने नानी बाई के यहां पहुंचे तो भगवान से भक्त का भरोसा नहीं उठे, इसलिए भगवान कृष्ण को नानी बाई का भाई बनकर भात भरना पड़ा ।

स्वामीजी ने आज की कथा में बताया कि जिन पर गो की कृपा नहीं उस पर नजर लगना स्वाभाविक है और नजर बच्चों, बड़ों को ही नहीं बल्कि मृत एवं निर्जीव को भी लग सकती है क्योंकि नकारात्मक ऊर्जा अपने प्रभाव के कारण ही होता है, जिससे दुःख, कष्ट एवं परेशानी बढ़ेगी इसलिए जो गोसेवा में लग गया उसका मनुष्य जीवन सफल हो जाता है अर्थात चौदह भुवनो को अपने तन में धारण करने वाली भगवती गोमाता अपने शरण में आए जीव का मानव जीवन सफल कर देती है।
कहां भी है कि दूसरों के लिए जीना ही जिन्दगी है बाकि अपने लिए तो श्वान एवं त्रियक योनि में जीने वाले पशु भी जीते ही है और जिन्होंने दूसरों के लिए अपना जीवन लगा दिया असल में यही जीवन है , जो दूसरों के लिए काम नहीं आया वह जीवन जीवन नहीं है ये जीवन केवल रॉबर्ट की तरह ही है यानि उससे मानव जीवन की सफलता नहीं है,मानव जीवन तो तभी सफल है,जब हम हमारे जीवन को दूसरों के लिए लगाएं ।



*गो कृपा कथा के 243 वें दिवस पर निलेश सचदेवा *Head - Nature Based Solutions Equilibrium Company से अतिथि के रूप में उपस्थित रहें और इन्होंने गो अभयारण्य प्रबंधन को भरोसा दिलाया कि शीघ्रताशीघ्र विश्व के इस गोमाता के पुण्य तीर्थ में हमारी Nature Based Solutions Equilibrium Company अभयारण्य एवं अभयारण्य क्षेत्र से जुड़े आस पास के ग्रामों के किसानो के लिए कार्बन क्रेडिट का बड़ा कार्य करेंगे"



*243 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की ओर से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 243 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील के कादेड़ा 
लक्ष्मेन्द्र सिंह - श्रीमती। नन्द कंवर बाई ने
राघवेन्द्र सिंह जी के जन्मदिन पर एवं मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के आगर नगर के माहेश्वरी समाज के बंधुओं व सुसनेर तहसील के धतुरिया ग्राम की महिला मण्डल ने अपने परिवार के साथ सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।