मध्यप्रदेश के गोपालन मंत्री की भांति देश के हर मंत्री गौसेवा की भावना रखे तो देश में एक भी निराश्रित गोवंश नहीं रहेगा* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 310 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि भारत में चल रहें महाकुंभ के दौरान माघ पूर्णिमा के दिन संगम स्नान के साथ गोदान दान का विशेष महत्व होता है और जो कोई महाकुंभ में संगम स्नान के लिए नहीं जा पाएं और उन्होंने आज किसी गोशाला में जाकर गौसेवा के लिए दान कर दिया तो उस दान का महत्त्व संगम स्नान के बराबर है अर्थात जो गौसेवा करता है उन्हें संगम के स्नान का पुण्य सहज ही मिल जाता है क्योंकि भगवती गोमाता के चरणों में सब तीर्थों का फल मिलता है ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि देश में प्रतिदिन लाखों निरपराध पूज्य गोमाता का वध किया जाता है, उस पाप में क्या हमारे जैसे सामान्य व्यक्ति की भी कोई हिस्सेदारी है?
हां जी,, उस पाप में हर भारतीय की भागीदारी है,उसकी मुख्य वजह दो है,,,एक तो हमारे वोटों से चुनी सरकारें यह गोवध का लाइसेंस देकर करवाती है और गोवध के लिए जाते गोवंश को रोकने वालों को जेल में डाल देती है
और दूसरा जो भी गोवंश सड़कों पर निराश्रित घूम रहा है वो हमारे ही किसी के घर से छोड़ा गया है और हमारे शास्त्रों में क्षण भी है कि जो घर से गो को निकालता है वह भी गो हत्या के समान महापाप का भागी है अर्थात गो को घर से निकालना गो हत्या के बराबर ही पाप है और
इस पाप की मुक्ति गौसेवा करने से हो सकती है, और गौसेवा करने का सामर्थ्य भगवान ने हमें दिया है, तो हम तन,मन ,धन एवं समय दान देकर अपने इहलोक के साथ परलोक को सुधारे ।।
स्वामीजी ने माघ पूर्णिमा के दिन जन्मे सामाजिक समरसता के प्रखर पुरोधा गुरु रविदास जी के जन्मदिवस पर समाज में जाति पाती के भेट को मिटाकर समाज के सामने उन्होंने जो कार्य किया है,उसे भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि भगवती मान मीरा ने भी उन्हीं से प्रेरणा लेकर प्रभु भक्ति के रस में डूबकर अंत में स्वयं गोविन्द में ही समा गईं थी ।
*स्वामीजी ने मध्यप्रदेश के गोपालन मंत्री लखन जी पटेल का उदाहरण देकर बताया कि वे भारत के ऐसे गो प्रेमी है जो अपने घर पर भारतीय नस्ल की थारपारकर गोमाता की सेवा करना चाहते है ,यदि उनसे प्रेरणा लेकर देश एवं राज्यों के सभी मंत्री भी गौसेवा की भावना रखेंगे तो मेरे देश की एक भी गोमाता निराश्रित नहीं घूमेगी*
310 वें दिवस पर उत्तरप्रदेश के हरदोई (प्रह्लादपुरी ) से श्री अमरनाथ गुप्ता, मुन्नू सिंह ,श्री गिरीश दीक्षित,श्री आदेश सिंह ,श्री संजय बाबू एवं कमला ने हरदोई में एवं रतलाम के अंकित यादव ने रतलाम में एवं भारतीय किसान संघ के आगर तहसील अध्यक्ष श्री श्याम सिंह ने आगर में गो चिकित्सालय के लिए भूमि उपलब्ध करवाने का संकल्प लिया*
*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के द्वादश दिवस पर प्रशिक्षणार्थियों ने स्वयं एक एक गोष्ठ की व्यवस्थाओं को संभालकर ग्वालों से विधिवत गौसेवा कार्य का किया*
*310 वे दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तरप्रदेश के प्रह्लादपुरी (हरदोई) एवम् मध्यप्रदेश से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 310 वें दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तरप्रदेश के हरदोई (प्रह्लादपुरी ) श्री अमरनाथ गुप्ता के परिवार से उनके साथ पधारे मुन्नू सिंह जी,श्री गिरीश जी दीक्षित,श्री आदेश जी सिंह ,श्री संजय बाबू एवं कमला कांत एवं रतलाम से अंकित यादव,उज्जैन से पवन राव,एवं आगर से चंद्रशेखर पाटीदार एवं शिवराज सिंह ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।