सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 230 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज गुरु तेग बहादुर जी का निर्वाण दिवस है. गुरु तेग बहादुर, सिख धर्म के नौवें गुरु थे. औरंगज़ेब के आदेश पर उनका दिल्ली में सिर कलम कर दिया गया था ।
गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म, संस्कृति, और मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी.
गुरु तेग बहादुर जी उस समय धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थक थे, जब लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा था.
गुरु तेग बहादुर जी के उपदेशों का संग्रह “गुरु ग्रंथ साहिब” में किया गया है ।
गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को याद करने के लिए दिल्ली के गुरुद्वारा सीस गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब जैसे गुरुद्वारे बनाए गए हैं ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि अभी अभी महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि जो गाय की बात करेगा,वही देश में राज करेगा।
स्वामीजी ने कहां कि भारत के चारों मठों सभी पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य भगवान एवं गोपालमणि जी महाराज सहित देश के सभी गोप्रेमी सन्त महात्माओं द्वारा गोमाता की जो अलख जनमानस में जगाई है उसके परिणाम अब सामने आ रहें है, अर्थात महाराष्ट्र के एक रिक्शा चालक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस एवं अजीत पंवार सरकार ने जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज (ज्योतिर्मठ) के मार्गदर्शन एवं सानिध्य में भगवती गोमाता को राज्यमाता का जो दर्जा महाराष्ट्र सरकार ने दिया है,उसी का परिणाम वर्तमान महाराष्ट्र चुनाव में महाराष्ट्र के मतदाताओं के परिणाम से यह साबित हो गया है कि जो गाय की बात करेगा,वही देश पर राज करेगा और बाल्मीकि रामायण में तो भगवान राम ने अपने भ्राता भरत जी को स्पष्ट कहां है कि "गायमाता के बिना राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं है" इसलिए देश के सत्ताधीशों को भी अब इस रास्ते की और बढ़ना होगा क्योंकि गायमाता के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं हो सकता जिसका स्पष्ट उल्लेख बाल्मीकि रामायण में प्रभु श्रीराम ने अपने छोटे भइया भरत को कहां है कि है! भरत गाय के बिना राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता और जिसका रास्ता महाराष्ट्र सरकार एवं वहां के देवतुल्य मतदाताओं ने दिखा दिया है ।
स्वामीजी ने विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में विगत 229 दिनों से गो कृपा कथा का अभ्यास कर रहें द्वारिका के बटुक जयवत्स गोपाल को सम्पूर्ण गुजरात में गोमाता की महिमा कथा के लिए सुरभि माघव गोसेवा द्वारका से पधारे बटुक जयवत्स गोपाल के माता पिता तेजल बैन,हार्दिक भाई वायडा के साथ द्वारका के लिए विदा किया और बताया कि यह बालक गुजरात के हर नगर,कस्बे,ग्राम में भगवती गोमाता की महिमा गो कृपा कथा के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का पुनित कार्य करेगा और गोमाता की रक्षा के लिए अगर भिक्षा भी मांगना पड़े तो उससे भी यह बालक पीछे नहीं हटेगा और आज एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 230 वे दिवस की गो कृपा कथा में पधारे श्रोताओं से बटुक जय वत्स गोपाल ने भिक्षा मांगकर श्रीगणेश किया ।
*230 वे दिवस पर भारतीय दूरदर्शन DD News के आगर मालवा संवाददाता भागीरथ देवड़ा ने सपरिवार गो अभयारण्य पधारकर गोकृपा कथा में पूज्य गोपालानंद जी सरस्वती महाराज से गोमाता की छवि लेकर आशीर्वाद लिया*
*230 वे दिवस पर श्री राधाकृष्ण गोशाला वृन्दावन से अनिल कृष्ण व उनके माता पिता श्रीमती चम्पाबाई, देवीलाल ठेकेदार, पुत्रवधु श्रीमती सुमन,महंत वासुदेव त्यागी गुना,सुरभि सेवा संस्थान द्वारका हार्दिक भाई एवं श्रीमती तेजल बैन वायडा, कालूराम व्यास (भादवा) महिदपुर, लखन जोशी (तालोद) रतलाम एवं रायपुर महिला मंडल की मातृशक्ति आदि अतिथि उपस्थित रहें*
*230 वे दिवस पर चुनरीयात्रा गुजरात,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की ओर से *