अपनी कमियों को छुपाने वाला कभी जीवन में उन्नति नहीं कर पाता है*
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 250 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों (17 जुलाई 1943 - 14 दिसंबर 1971) का आज निर्वाण दिवस है, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 के दौरान पाकिस्तानी वायु सेना के हवाई हमले के खिलाफ श्रीनगर एयर बेस के बचाव में शहीद हो गए थे लेकिन भारत को विजय दिलाई और उस युद्ध में पाकिस्तान हारा और साथ ही पूर्वी पाकिस्तान के टुकड़े होकर बांग्लादेश नामक स्वतंत्र राष्ट्र बना और उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से वर्ष 1972 में सम्मानित किया गया । भारत के इस वीर महानायक को शत शत वंदन ।
पूज्य स्वामीजी ने गैया मैंया की पूछ की महिमा बताते हुए कहां कि गैया मैंया की पूछ में धर्म का निवास होता है और वह धर्म, अर्ध, काम एवं मोक्ष चारों की पूर्ति करता है और जिसने मैंया की पूछ पकड़ ली,उसकी कभी मूछ नहीं कटेगी ।अर्थात गायमाता की पूछ वैतरणी पार लगाती है और सन्यासी के लिए तो गो पुच्छ का इतना महत्व है कि जिस सन्यासी ने अपने दण्ड में गो पुच्छ के बाल बांध लिए तो उस संन्यासी पर माया का प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
राजाभोज भी श्रेष्ठ गोभक्त रहें है और गोमाता की कृपा से उन्हें एक धातु का अद्भुत सिंहासन प्राप्त हुआ जिसमें 32 धातु की पुतलियां विराजमान थी और उन 32 पुतलियों ने राजा भोज को एक एक करके कथा सुनाई और राजा भोज ने उन पुतलियों के माध्यम से अपने अन्दर जो जो भी दुर्गुण एवं कमियां थी उन्हें दूर किया क्योंकि जो व्यक्ति अपनी कमियों को छुपाता है वह अपने जीवन में कभी उन्नति नहीं कर पाता है इसलिए जो व्यक्ति अपनी कमियों को स्वीकार कर लेता है वह अपने आप में श्रेष्ठ बन जाता है, राजा विक्रमादित्य इसलिए महान थे कि उन्होंने अपने अन्दर की कमियों को नहीं छुपाया और राजा भोज ने भी अपने आसन में विराजित 32 पुतलियों के माध्यम से सीख ली और भारत के सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमान राजा के रूप में अपना नाम स्थापित कर गए।
*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में 15 दिसंबर रविवार को कल्पगुरु दत्तात्रेय भगवान का भव्य प्रकट उत्सव मनाया जाएगा*
*गो कृपा कथा के 250 वें दिवस पर गुजरात के सूरत से सत्यनारायण चांडक,महाराष्ट्र के जलगांव से रोशन सोनवडे , निखिल शिरोडे, नितेश राठौर,भूपेंद्र सिंह परिहार, झलारा, बड़ोद (आगर), हरियाणा के हिसार जिले के लाड़वी ग्राम से राम मूर्ति जी कंसुलिया की धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला देवी,पुत्र निशांत जी
पुत्री प्रियंका एवं नमामि गो सेवा समिति नावभाटखेड़ी बड़वाह(खरगौन) से सोनाली पंवार व सालरिया उप स्वास्थ्य केंद्र से सपना सांखला CHO, सीमा गुर्जर सुसनेर आदि अतिथि उपस्थित रहें ।
*गुजरात प्रदेश के बनासकाठा जिले के डीसा के अमरनाथ ग्लोबल इंडस्ट्रीज के अर्जुन चौधरी, राजाराम चौधरी, करणा राम चौधरी, रमेश भाई चौधरी,महेश भाई चौधरी ने मध्यप्रदेश के खरगौन जिले के बड़वाह क्षेत्र के नमामि गो सेवा समिति गो चिकित्सालय से पधारी सोनाली पंवार को दवादेवी फाउंडेशन की और से निःशुल्क दवाइयों का किट प्रदान किया*
*250 वे दिवस पर चुनरीयात्रा गुजरात के बनासकाठा जिले से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 250 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात प्रदेश के बनासकाठा जिले के डीसा के अमरनाथ ग्लोबल इंडस्ट्रीज के अर्जुन चौधरी, राजाराम चौधरी, करणाराम चौधरी, रमेश भाई चौधरी,महेश भाई चौधरी एवं सूरत निवासी सत्यनारायण चांडक ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।