मन के रोग मिटाने का सर्वश्रेष्ठ साधन भगवती गोमाता ही है*
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 234 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने पत्र में बताया प्रसव के बाद माँ को कैसा आहार ग्रहण करना चाहिए।प्रसव के 90 दिनों बाद तक माँ को आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। व्यक्ति को स्वाधीन बनना चाहिए जितना हो सके खाने पीने की वस्तुओं के लिए बाजार पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए घर की वस्तुएं अधिक उपयोग में लानी चाहिए। बाजार की पैकेट बंद वस्तुएं मां को नहीं जीमनी चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव बच्चे पर पड़ता है, आजकल कैंसर हो रहा है उसका एक कारण जहरीली कृषि भी है। पूज्य महाराज जी ने आगे कथा में बताया कि वैष्णव जैसा सादा ,शुद्ध, भगवान को भोग लगाया हुआ प्रसाद पाते हैं वैसा भोजन करने से बच्चों में वैष्णवता आती है।
पूज्य महाराज जी ने सद्गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि जिन पर गुरु कृपा है उनको सभी वस्तुएं सुलभ है। गुरु को साधारण मनुष्य समझने वाल व्यक्ति कितने ही शास्त्र पढ़ ले उससे उसका मान तो बढ़ सकता है लेकिन मुक्ति नहीं मिल सकती है।
मन के रोगों को मिटाने का सर्वश्रेष्ठ साधन भगवती गोमाता ही है तन के रोग तो कोई भी मिटा सकता है लेकिन मन के रोग मिटाने की क्षमता गौ माता में ही है। गोमाता के स्पर्श से, परिक्रमा करने से, गोमाता जी की सेवा करने से जीवन में सतोगुण बढ़ता है जिससे मन के रोग समाप्त होते हैं।
कथा के 234 वें दिवस पर झालावाड़ जिले की रायपुर एवं पिड़ावा तहसील के तहसीलदार श्री गणेश जी शर्मा ने अपने परिवार के साथ भगवती गोमाता की पूजन कर पूज्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती का आशीर्वाद लिया एवं अतिथि के रूप में मदन सिंह जी गोहिल
, इन्दौर,एडवोकेट भाव सिंह जी ,रविन्द्र सिंह जो गोहिल बिछावाडी सांचौर एवं बालाराम जी दांगी गर्दन खेड़ी से पधारे जो जैविक खेती करते हैं आपने आज तक अपने कृषि में डीएपी, यूरिया,रसायनिक दवाई का उपयोग नहीं किया है कार्यकर्ताओं ने दुपट्टा पहना करके बालाराम जी एवं अन्य अतिथियों का बहुमान किया।
*234 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजगढ़ जिले की ओर से *
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 234 वें दिवस पर चुनरी यात्रा श्री बद्रीलाल जी गुर्जर, जेथली , जीरापुर (राजगढ़)ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।