लोगों ने घर से गाय को निकाला है यह दुःख की बात नहीं ,बल्कि दुःख इस बात का है कि लोगों के हृदय से गाय निकली है* - आलोक सिंहल,मुख्यकारी अधिकारी,श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 272 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने गोमाता के गोबर की महिमा बताते हुए कहां कि भगवती गोमाता के गोबर में साक्षात यमुना जी एवं लक्ष्मी देवी विराजमान रहती है और भगवती गोमाता के गोमय से ही धरती माता को बचाया जा सकता है क्योंकि धरतीमाता को हमने रासायनिक खाद बनाकर बंजर बना दिया है ओर वह इन रासायनिक खाद एवं कीटनियंत्रको के कारण मृत सी हो गई है और हमने इन पर अंकुश नहीं लगाया तो धरती माता मृत हो जाएगी यानि उसकी उर्वरा शक्ति बिल्कुल नष्ट हो जाएगी और अब तो खाद बनाने वाली कम्पनियां भी कहने लग गई है कि अगर आपने यूरिया डीएपी के साथ गोबर की खाद नहीं डाली तो आपकी उपज धीरे धीरे कम हो जाएगी।
*एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 273 वें दिवस पर श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी अधिकारी एवं ग्वाल शक्ति सेना के राष्ट्रीय सह संयोजक आलोक सिंघल ने बताया कि आजादी के बाद से भारत में गोवंश की अधिक दुर्दशा हुई है क्योंकि आजादी के पहले भारत में नाम मात्र के कत्लखाने थे लेकिन आजादी के बाद असंख्य कत्लखाने सरकार की अनुमति के बाद चल रहें है और उनसे कही गुना बिना अनुमति के चल रहें है जो भारत भूमि के लिए एक कलंक के रूप में हो गया है साथ ही दुःख इस बात का नहीं है कि लोगों ने घर से गाय को निकाला है बल्कि दुःख इस बात का है कि लोगों के हृदय से गाय निकली है।
आज से 31 वर्ष पूर्व राजस्थान गुजरात सीमा पर 8 गोवंश जो कटने के लिए जा रहें थे उन्हें बचाने के लिए पथमेड़ा रूपी एक वटवृक्ष का बीजारोपण हुआ था जो आज अपनी 64 शाखाओं के माध्यम से 157000 से अधिक गोवंश की मातृत्व भाव से सेवा करने वाला विशाल वटवृक्ष बन गया है ।
श्री सिंहल ने बताया कि श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा एक गोशाला न होकर एक रचनात्मक कार्यों का केन्द्र है और भारत ही नहीं जहां जहां भी वेदलक्षणा गोवंश विराजित है वह सभी गोवंश पथमेड़ा अपनी मानता है ।
*273 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 273 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के : गुरलाई बांध शाजापुर से विश्वकर्मा परिवार बडौद से सोनी परिवार एवं टोकडा गाँव से की महिला मंडलकी और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।