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दैनिक समाचार



पर्यावरण प्रदूषण नियन्त्रण का सबसे बड़ा माध्यम गोमाता ही है*-


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 238 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने जैन मुनि दर्शन सागर जी महाराज के गोलोक गमन पर श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि पूज्य महाराज जी का जीवन दर्शन एवं फिलोशॉपी सनातन समाज को युगों युगों तक प्रेरणा देती रहेगी ।
पूज्य स्वामीजी ने कहा कि आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस है, और भोपाल गैस त्रासदी जैसी कोई घटना पुनः न हो जिसके कारण से कही लोग अपनी जान गंवा चुके थे । प्रदूषण दुनिया भर में एक बहुत बड़ी समस्या है और भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में हर साल लगभग 7 मिलियन लोग मरते हैं। प्रदूषण किसी भी पदार्थ, जैसे ठोस, तरल, गैस, या किसी भी प्रकार की ऊर्जा जैसे गर्मी, ध्वनि, आदि का पर्यावरण में शामिल होना है और प्रदूषण के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं जैसे पटाखे फोड़ना, कार्बन उत्सर्जन, बम विस्फोट, गैस रिसाव और उसके समाधान के लिए सबसे श्रेष्ठ माध्यम भगवती गोमाता है क्योंकि भगवती गोमाता की श्वास से निकली हुई पवित्र वायु एवं उसके रंभाने से निकली पवित्र ध्वनि आस पास के वातावरण को स्वत: ही शुद्ध कर देती है इसलिए *शासन को प्रदूषण पर नियंत्रण करना है तो भारत के प्रत्येक जिले में एक हजार बीघा भूमि पर गोशाला खोल देनी चाहिए ताकि उनकी पवित्र श्वास, गोबर,गोमूत्र से सम्पूर्ण वायुमंडल शुद्ध होकर प्रत्येक प्राणी को प्रदूषण से बचाया जा सकता है* और पूज्य महाराज जी ने संजीवन परिवार जो कार्बन कंट्रोल पर ही कार्य कर कार्बन का उत्सर्ग कम हो इसके लिए वृक्षारोपण का जो पवित्र कार्य कर रह है उसके लिए संपूर्ण संजीवन परिवार का आभार जताया और साथ ही सबसे आग्रह किया कि नदियों के तट, पहाड़ों की तलहटी,सरोवर के किनारे गोमाता के लिए सुरक्षित छोड़ दे तो प्रदूषण अपने आप घटने लग जाएगा।
 स्वामीजी ने बताया कि आज विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस भी है हालांकि कम्प्यूटर विकास की दृष्टि से श्रेष्ठ है लेकिन इसके दुष्परिणाम भी खूब हुए है जिसमें सबसे बड़ी भूमिका मोबाईल की रही है अर्थात जब से मोबाईल आया है तब से रिश्ते नाते सब खत्म हो गए है और जिस दिन नेटवर्क नहीं आएं या मोबाईल की बैटरी ख़त्म हो जाएं तो उस दिन ऐसा बीतता है जैसे परिवार में किसी के चले जाने से दुःख होता है उससे कहीं गुणा दुःख उस मोबाईल धारक को होता है और अब तो सब को विचार करना होगा कि जिस प्रकार हम किसी ग्रह दोष निवारण के लिए किसी दिन वार विशेष पर व्रत उपवास करते है उसी प्रकार कम से कम महीने में एक दिन मोबाईल बंद रखने का व्रत रखना होगा क्योंकि मोबाईल आप नहीं चला रहें बल्कि वह आपको चला रहन है और यह छोटा सा यंत्र मनुष्य के नरक एवं यमलोक तक पहुंचाने का साधन बन चुका है और कम्प्यूटर साक्षरता दिवस पर पूज्य महाराज जी ने सभी से अपील की कि अत्याधुनिक उपकरणों का कम से कम उपयोग किया जाएं ।
 आज की गो कृपा कथा में पूज्य महाराज जी ने बालक के सूरज पूजन में गोमाता की भूमिका के बारे में बताते हुए कहां कि गोमाता का अनुशरण करने से अपने आप विचार बदल जाता है और गोमाता की पूछ में सूर्य शक्ति के कारण उसके झाड़े से बालक के लगे अभिचार(तन्त्र मंत्र) के दुष्प्रभाव को जला देती है।


*238 वें दिवस पर पर्यावरण क्षेत्र में कार्य कर रहें संजीवन परिवार के घनश्याम ईश्वर सिंह गढ़वी पालनपुर अतिथि उपस्थित रहे*

*238 वे दिवस पर चुनरीयात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 238 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील के श्यामपुरा ग्राम के सरस्वती शिशु मंदिर के सेंकड़ों बालक बालिकाओं ने विद्यालय के प्रधानाचार्य गंगाराम व्यास, कार्यालय प्रमुख लाल सिंह, सह कार्यालय प्रमुख हैमसिंह, गोकुल सिंह, शहजाद, पवन,श्याम ,, बहादुर सिंह,, कमल, गोविन्द आदि आचार्यों के नेतृत्व में एवं राजस्थान के झालावाड़ जिले की पचपहाड़ तहसील के जीजणी ग्राम की महिला मण्डल की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए अमावस्या के पुण्य दिवस पर गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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समस्त दानो में गोदान सर्वश्रेष्ठ दान है*


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 239 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी का जन्मदिवस है भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे; और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारत गणराज्य का संविधान दिया था। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने भारत के पहले मंत्रिमंडल में 1946 एवं 1947 मेें कृषि और खाद्यमंत्री का दायित्व भी निभाया था। सम्मान से उन्हें प्रायः 'राजेन्द्र बाबू' कहकर पुकारा जाता है।
   हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की पुण्य तिथि पर पूज्य। महाराज जी ने श्रद्धांजलि दी 
पूज्य महाराज जी ने बताया कि पूज्य सदगुरुदेव भगवान की आज्ञानुसार भारत के गांव गांव में भगवती गोमाता की महिमा जन जन तक पहुंचाने के लिए निकाली गई 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पद यात्रा को 12 वर्ष पूर्ण हो चुके है और कल से 13 वर्ष प्रारम्भ हो जाएगा और अभी 03 पदयात्रा मध्यप्रदेश में ही चल रही है 

पूज्य महाराज जी ने कथा में गो दान का महत्व बताते हुए बताया कि अगर कोई व्यक्ति गो सेवी गो भक्त ब्राह्मण देवता को एक गाय माता दे तो पर भी 1000 गोमाता दान देने का पुण्य प्राप्त होता है । अगर ऐसे विप्र नहीं मिले तो जिस गोशाला में नित्य गोमाता जी का पूजन अर्चन होता है,गोमाता की मातृत्व भाव से सेवा होती हो ऐसी गोशाला में आवश्यकता अनुसार दान करने से गोदान का पुण्य प्राप्त हो जाता है।
समस्त दानो में गोदान सर्वश्रेष्ठ है। कथा में रघुवंशी राजाओं के गो दान का वर्णन गुरुदेव ने बताया रघुवंशी सभी राजाओं ने गो दान किया था ।

*239 वे दिवस पर चुनरीयात्रा मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 239 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील के बड़ा देहरिया ग्राम की महिला मण्डल की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए अमावस्या के पुण्य दिवस पर गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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भारत के प्रत्येक सनातनी मन्दिर में गोशाला अवश्य होनी चाहिए


On Fri, 29 Nov, 2024, 13:05 Shiv Pathmeda, wrote:
* .................................….....*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 235 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने 

कथा के 235 वें दिवस पर .…............. अतिथियों का बहुमान किया।
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भारतीय संस्कृति के मूल प्राण गोमाता का वध भारत में कब रुकेगा*-


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 235 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने प्रसूति स्नान/सूतिका स्नान में गोमाता की भूमिका के बारे में बताते हुए कहां कि बच्चे के गर्भावस्था से लेकर उसके पूरे जीवन में गोमाता की महत्ती भूमिका है लेकिन सूतिका स्नान के समय तो गोमाता के गोबर एवं गोमूत्र की बहुत बड़ी भूमिया है अर्थात गोमाता का गोबर एवं गोमूत्र एंटीबायोटिक के रूप में नवजात बच्चे एवं प्रसूता नारी के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है लेकिन आजकल की आजकल कि तथाकथित पढ़ी लिखी माता बहिनें गोमाता के गोबर एवं गोमूत्र से घृणा करती है जिसके दुष्प्रभाव से जच्चा एवं बच्चा हमेशा रुग्ण ही रहते है ।
स्वामीजी ने गोबर के बारे में बताते हुए कहां कि इस संसार में केवल गोबर ही ऐसा पदार्थ है जो भले ही गायमाता के मल के रूप में प्राप्त होता है फिर भी इस सृष्टि की सबसे पवित्र वस्तु है जो अपवित्र जगह को भी उससे लीपने पर पवित्र हो जाती है और गोबर खतरनाक रेडीशियन को भी रोकता है और भगवान शंकर एवन माता पार्वती के पुत्र गणेश जी महाराज एवं शिवजी को चढ़ने वाले बिल्वपत्र की उत्पत्ति भी गायमाता के गोबर से ही हुई है और जब गोमूत्र एवं गोबर दोनों आपसे मिल जाते है तो इनकी शक्ति कही गुणा बढ़ जाती है । 
    

पूज्य स्वामीजी ने दुःख प्रकट करते हुए बताया कि गोपाल कृष्ण की भूमि पर गोमाता कटे यह दुःख हमें कहां तक झेलना पड़ेगा जिसका एक दु:खद समाचार वृन्दावन से पधारे गो प्रेमी सन्त गोपेश कृष्ण बाबा ने बताया कि अभी अभी कुछ दिनों पूर्व उत्तरप्रदेश के मेरठ क्षेत्र में चलने वाले कत्लखानो से सैकड़ों टन गोमांस दादरी के कोल्ड स्टोरेज में पकड़ा गया जिसमें पैकिंग में तो लिखा था बफैलो बीफ लेकिन जब लैबोरेट्री जांच करवाई तो पता चला कि ये छोटे छोटे लगभग 10,000 बछड़े बछड़ियों का मांस था और यह भी तब पता चला जब उस प्रदेश के मुखिया एक गोभक्त संन्यासी है नहीं तो मामला कभी का रफ़ा दफा हो जाता । यानि जो गायमाता भारत की संस्कृति का प्राण है उसका सरेआम कत्ल हो रहा है यह सनातन के लिए कलंक है अर्थात एक और तो हम भगवान राम कृष्ण की भूमि में जन्म लेने का गर्व महसूस करते है ,लेकिन दूसरी और 33 कोटि देवी देवताओ को अपने शरीर में धारण करने वाली भगवती गोमाता की नित्य हत्या हो रही है जो पुण्य भूमि भारत के लिए कलंक है इसके लिए पूज्य स्वामीजी ने देश के सभी धर्मावलंबियों,राजनैतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रेष्ठिजनों से अपील की भारत भूमि में गोमाता का वध न हो इसके लिए कठोर कानून बने इसके लिए सभी को एकजुट होकर संगठित होने की आवश्यकता है । 
  

एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 234 वे दिवस पर लक्ष्मण मन्दिर गोवर्धन जी से पूज्य अशोक नारायण दास जी महाराज निर्माणी अखाड़ा , पीपाधाम के पीठाधीश्वर पूज्य महामंडलेश्वर झनकेश्वर दास जी महाराज गागरोन (झालावाड़) एवं पूज्य गोपेश कृष्ण जी महाराज वृन्दावनधाम का पदार्पण कर संपूर्ण गो अभयारण्य की परिक्रमा करके भारत में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे इसके लिए ग्वालसंत पूज्य गोपालानंद सरस्वती जी से मंत्रणा की ।

*235 वे दिवस पर चुनरीयात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की ओर से *
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 235 वें दिवस पर आगर मालवा जिले के सुसनेर नगर के माली मोहल्ला निवासी निखिल गायरी के पुत्र अंकित के जन्मदिवस पर अंकित की दादी ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी एवं गुड एवं बांटा लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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मन के रोग मिटाने का सर्वश्रेष्ठ साधन भगवती गोमाता ही है*


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 234 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने पत्र में बताया प्रसव के बाद माँ को कैसा आहार ग्रहण करना चाहिए।प्रसव के 90 दिनों बाद तक माँ को आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। व्यक्ति को स्वाधीन बनना चाहिए जितना हो सके खाने पीने की वस्तुओं के लिए बाजार पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए घर की वस्तुएं अधिक उपयोग में लानी चाहिए। बाजार की पैकेट बंद वस्तुएं मां को नहीं जीमनी चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव बच्चे पर पड़ता है, आजकल कैंसर हो रहा है उसका एक कारण जहरीली कृषि भी है। पूज्य महाराज जी ने आगे कथा में बताया कि वैष्णव जैसा सादा ,शुद्ध, भगवान को भोग लगाया हुआ प्रसाद पाते हैं वैसा भोजन करने से बच्चों में वैष्णवता आती है।

पूज्य महाराज जी ने सद्गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि जिन पर गुरु कृपा है उनको सभी वस्तुएं सुलभ है। गुरु को साधारण मनुष्य समझने वाल व्यक्ति कितने ही शास्त्र पढ़ ले उससे उसका मान तो बढ़ सकता है लेकिन मुक्ति नहीं मिल सकती है।

मन के रोगों को मिटाने का सर्वश्रेष्ठ साधन भगवती गोमाता ही है तन के रोग तो कोई भी मिटा सकता है लेकिन मन के रोग मिटाने की क्षमता गौ माता में ही है। गोमाता के स्पर्श से, परिक्रमा करने से, गोमाता जी की सेवा करने से जीवन में सतोगुण बढ़ता है जिससे मन के रोग समाप्त होते हैं।

कथा के 234 वें दिवस पर झालावाड़ जिले की रायपुर एवं पिड़ावा तहसील के तहसीलदार श्री गणेश जी शर्मा ने अपने परिवार के साथ भगवती गोमाता की पूजन कर पूज्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती का आशीर्वाद लिया एवं अतिथि के रूप में मदन सिंह जी गोहिल
, इन्दौर,एडवोकेट भाव सिंह जी ,रविन्द्र सिंह जो गोहिल बिछावाडी सांचौर एवं बालाराम जी दांगी गर्दन खेड़ी से पधारे जो जैविक खेती करते हैं आपने आज तक अपने कृषि में डीएपी, यूरिया,रसायनिक दवाई का उपयोग नहीं किया है कार्यकर्ताओं ने दुपट्टा पहना करके बालाराम जी एवं अन्य अतिथियों का बहुमान किया।

*234 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजगढ़ जिले की ओर से *
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 234 वें दिवस पर चुनरी यात्रा श्री बद्रीलाल जी गुर्जर, जेथली , जीरापुर (राजगढ़)ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गुरु की वाणी के एक शब्द का उल्लघंन भी मनुष्य को नरक का गामी बना सकता है*


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 233 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने नारी के सतीत्व के बारे बताते हुए कहां कि एक ऋषि नारी जो वन में रहकर भी भगवान श्रीराम की पत्नी सीताजी को पत्नी व्रत धर्म के बारे में बता रही है और एक राजा की पत्नी मां जानकी गुरु भाव से उसी स्वीकार कर पतिव्रत धर्म पालन की शिक्षा ग्रहण कर रहीं है ।।
महाराज जी ने गुरु की महिमा बताते हुए कहां कि दीक्षा गुरु तो एक ही होते है, जिनसे हमें परमात्मा को पाने के लिए मंत्र प्राप्त होती है ओर वे ऐसे गुरु हितैषी जिनकी वाणी का एक शब्द भी उल्लघंन करना मनुष्य के नरक गमन के लिए प्रयाप्त होता है अर्थात किसी को नरक जाना है तो उसे कुछ करने की जरुरत नहीं है बल्कि गुरु की आज्ञा का उल्लंघन कर लो नरक का रास्ता एकदम क्लियर मिल जायेगा। साथ ही महाराज जी ने बताया कि शिक्षा गुरु अनेक हो सकते है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण मान अनुसूया जी के पुत्र भगवान दत्त के 24 गुरु थे और चाणक्य ने भी चाणक्य नीति में 24 गुरु की बात कही है । इसी प्रकार महर्षि बाल्मीकि ने मां अनुसूया जी को अपना गुरु बनाकर गर्भावस्था संबंधित सारी शिक्षा प्राप्त की थी और वनवास के दौरान माता सीता और राम जी जब चित्रकूट में महर्षि अत्रि के आश्रम पहुंचे, तब वहां देवी अनुसूया ने सीता जी को पतिव्रत धर्म की शिक्षा दी थी. अनुसूया ने सीता जी को बताया था कि आदर्श पत्नी को अपने पति के लिए कैसा व्यवहार करना चाहिए और गृहस्थ जीवन को कैसे संवारना चाहिए. अनुसूया की इस शिक्षा से सीता जी ने रावण की कुदृष्टि को नाकाम किया और अग्नि परीक्षा में भी सफल रहीं.है ।

महाराज जी ने बताया कि आगामी 11 दिसम्बर को गीता जयंती पर गो अभयारण्य में भव्य उत्सव मनाया जायेगा और 15 दिसम्बर को कल्पगुरु भगवान दत्तात्रेय जी का प्राकटीकरण उत्सव मनाया जाएगा।

स्वामीजी ने आगे बताया कि बिना गायमाता के कोई भी सुखी नहीं हो सकता अर्थात देवता भी बिना गायमाता के सुखी नहीं रह सकते क्योंकि गायमाता की घृत से किए गए हवी से ही देवता प्रसन्न होते है और जब गोमाता नहीं रहेगी तो देवता कैसे प्रसन्न होंगे और देवता प्रसन्न नहीं होंगे तो फिर सभी दुःखी रहेंगे इसीलिए सभी की प्रसन्नता के लिए गोमाता का होना जरूरी है ।


*233वे दिवस पर चुनरीयात्रा महाराष्ट्र के बुलडाना जिले की ओर से * 
 एक वर्षीय गोकृपा कथा के 233 वें दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र के सेगांव से रिखब चन्द पीयूष जी बाफना ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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