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दैनिक समाचार



GSS के 5 हजार युवा देश विदेश की गो शालाओं की समस्याओं का समाधान करेंगे


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 269 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि हमारे सत्कर्म,हमारे विचार कृपालु प्रभु की कृपा से हमारे मन में सतत गोमाता के जीवन की महिमा,लीलाओं उनके कष्ट की एक के बाद एक विचारधारा प्रवाहित होती है उसके लिए हमें धीरे धीरे ऐसा वातावरण बनाना होगा कि जहां नजर पड़े वहां तक केवल गोमाता का ही विचार आएं क्योंकि जितना विचार जितनी सेवा जितना सम्बन्ध गायमाता से बढ़ेगा उतना ही हमारा प्रिय ठाकुर हमारे करीब आता जाएगा ,इसलिए हमारे कन्हैया ने 5 हजार पहले जो काम हमारे लिए छोड़ा है उसके लिए हमें देश के 5 हजार युवा जो 365 दिन 24 घंटे केवल गोमाता का ही चिंतन करें उसके लिए 3 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण के कार्य की भावना के लिए गठित ग्वाल शक्ति सेना का आज पुनर्गठन किया जाता है और ये पांच हजार युवा पूर्ण गोव्रती एवं व्यसन मुक्त होकर ग्वाल शक्ति सेना के रूप में 11 लाख ऐसे गोभक्तो को जोड़ेंगे जो धीरे धीरे गोव्रती एवं व्यसन मुक्त की और बढ़कर गो सेवा में लगेंगे और देश के एक करोड़ ऐसे लोग होंगे जिनके मन में गो के प्रति श्रद्धा होगी और गोमाता की सेवा में लगे गोभक्तो का सहयोग करते रहेंगे इस प्रकार ग्वाल शक्ति सेना के गठन का सत्कार्य विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महोत्सव के तहत चल रही गो कृपा कथा की गोबर पीठ से किया जाता है जिसमें अध्यक्ष के रूप में ओम गोपाल ब्रह्मचारी संगठन मंत्री के रूप में गजेन्द्र सिंह ,सचिव के रूप में उत्तम सिंह राजपुरोहित,मीडिया प्रभारी लोकेश गोपाल महाराज , कोषाध्यक्ष रामनारायण सैनी एवं प्रचारक प्रमुख के रूप में सुभाष गोपाल जी महाराज भारत एवं भारत से बाहर संचालित सभी गौशालाओं की समस्याओं के समाधान एवं गौसेवा में आ रही अन्य बाधाओं का समाधान एवं जिन गोभक्तो पर गो तस्करों द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर उन्हें फंसाया गया है उनके लिए भी ग्वाल शक्ति सेना कानूनी सहायता सहित उसके परिवार के भरण पौषण की पूरी चिन्ता करेगा ।
   ग्वाल शक्ति सेना(GSS )के कार्य को बढ़ाने के लिए पूज्य सन्त आसाराम जी महाराज के साधक पटपड़ा निवासी नारायण सिंह जी, नरवर सिंह,ईश्वर सिंह सरपंच, कालू सिंह एवं प्रभु सिंह पांचों गोभक्त 100 गांव से - 1000 ग्वाल शक्ति सेना के लिए कार्यकर्ता जोड़ेंगे ।
    स्वामीजी ने देश विदेश में आस्था चैनल सहित अन्य संचार माध्यमों से कथा श्रवण करने वाले गो प्रेमियों से आह्वान किया कि जीवन अनमोल है और सेवा से ही परमात्मा को मिलने का सामर्थ्य प्राप्त होता है और गो सेवा से बढ़कर कोई सेवा कार्य नहीं हो सकता क्योंकि जब जब भी हमारे धर्म संस्कृति को नष्ट करने के लिए सबसे पहले आसुरी शक्तियों ने गो पर आघात किया है इसलिए आइए भगवती गोमाता के कार्य के लिए ग्वाल शक्ति सेना(GSS) के साथ जुड़कर तन मन धन से सहयोग कर अपने इहलोक के साथ परलोक को सुधारने का श्रेष्ठ कार्य करें ।


*एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 269 वें दिवस पर श्रीमती कंचन देवी शिवहरे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुसनेर एवं उनके पति श्री देव शिव हरे ने गो अभयारण्य में विराजित 6000 गौमाताओं के दर्शन कर गो कृपा कथा श्रवण की और गो अभयारण्य के प्रबन्धक शिवराज शर्मा ने गोमाता की छवि एवं उपरना ओढाकर उनका बहुमान किया*

*269 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 269 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास से केशरी मल जी कुमावत(पटेल) एवं उनकी श्रीमती रेखा पटेल ने अपने परिवार के साथ अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
चित्र 1 : गोकथा सुनाते स्वामी गोपालानंद सरस्वती।
चित्र 2 : गोकथा में उपस्थित गौभक्त।
चित्र 3,4 : गोकथा में गोमाता को चुनड़ ओढाते गोभक्त ।
चित्र 5,6 : चुनरी यात्रा में आए गोभक्तो को सम्मानित करते महोत्सव के कार्यकर्ता 
चित्र 7 : गो पूजन करते गो भक्त ।
चित्र 8 : गोमाता के लिए चुनड़ लाते गोभक्त
चित्र 9: श्रीमती कंचन देवी शिवहरे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम सुसनेर अपने परिवार के साथ ।

On Thu, 2 Jan, 2025, 18:39 Shiv Pathmeda, wrote:
*GSS के 5 हजार युवा देश विदेश की गो शालाओं की समस्याओं का समाधान करेंगे* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 269 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि हमारे सत्कर्म,हमारे विचार कृपालु प्रभु की कृपा से हमारे मन में सतत गोमाता के जीवन की महिमा,लीलाओं उनके कष्ट की एक के बाद एक विचारधारा प्रवाहित होती है उसके लिए हमें धीरे धीरे ऐसा वातावरण बनाना होगा कि जहां नजर पड़े वहां तक केवल गोमाता का ही विचार आएं क्योंकि जितना विचार जितनी सेवा जितना सम्बन्ध गायमाता से बढ़ेगा उतना ही हमारा प्रिय ठाकुर हमारे करीब आता जाएगा ,इसलिए हमारे कन्हैया ने 5 हजार पहले जो काम हमारे लिए छोड़ा है उसके लिए हमें देश के 5 हजार युवा जो 365 दिन 24 घंटे केवल गोमाता का ही चिंतन करें उसके लिए 3 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण के कार्य की भावना के लिए गठित ग्वाल शक्ति सेना का आज पुनर्गठन किया जाता है और ये पांच हजार युवा पूर्ण गोव्रती एवं व्यसन मुक्त होकर ग्वाल शक्ति सेना के रूप में 11 लाख ऐसे गोभक्तो को जोड़ेंगे जो धीरे धीरे गोव्रती एवं व्यसन मुक्त की और बढ़कर गो सेवा में लगेंगे और देश के एक करोड़ ऐसे लोग होंगे जिनके मन में गो के प्रति श्रद्धा होगी और गोमाता की सेवा में लगे गोभक्तो का सहयोग करते रहेंगे इस प्रकार ग्वाल शक्ति सेना के गठन का सत्कार्य विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महोत्सव के तहत चल रही गो कृपा कथा की गोबर पीठ से किया जाता है जिसमें अध्यक्ष के रूप में ओम गोपाल ब्रह्मचारी संगठन मंत्री के रूप में गजेन्द्र सिंह ,सचिव के रूप में उत्तम सिंह राजपुरोहित,मीडिया प्रभारी के रूप में लोकेश गोपाल जी महाराज एवं प्रचारक प्रमुख के रूप में सुभाष गोपाल जी महाराज भारत एवं भारत से बाहर संचालित सभी गौशालाओं की समस्याओं के समाधान एवं गौसेवा में आ रही अन्य बाधाओं का समाधान एवं जिन गोभक्तो पर गो तस्करों द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर उन्हें फंसाया गया है उनके लिए भी ग्वाल शक्ति सेना कानूनी सहायता सहित उसके परिवार के भरण पौषण की पूरी चिन्ता करेगा ।
   ग्वाल शक्ति सेना(GSS )के कार्य को बढ़ाने के लिए पूज्य सन्त आसाराम जी महाराज के साधक पटपड़ा निवासी नारायण सिंह जी, नरवर सिंह,ईश्वर सिंह सरपंच, कालू सिंह एवं प्रभु सिंह पांचों गोभक्त 100 गांव से - 1000 ग्वाल शक्ति सेना के लिए कार्यकर्ता जोड़ेंगे ।
    स्वामीजी ने देश विदेश में आस्था चैनल सहित अन्य संचार माध्यमों से कथा श्रवण करने वाले गो प्रेमियों से आह्वान किया कि जीवन अनमोल है और सेवा से ही परमात्मा को मिलने का सामर्थ्य प्राप्त होता है और गो सेवा से बढ़कर कोई सेवा कार्य नहीं हो सकता क्योंकि जब जब भी हमारे धर्म संस्कृति को नष्ट करने के लिए सबसे पहले आसुरी शक्तियों ने गो पर आघात किया है इसलिए आइए भगवती गोमाता के कार्य के लिए ग्वाल शक्ति सेना(GSS) के साथ जुड़कर तन मन धन से सहयोग कर अपने इहलोक के साथ परलोक को सुधारने का श्रेष्ठ कार्य करें ।


*एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 269 वें दिवस पर श्रीमती कंचन देवी शिवहरे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुसनेर एवं उनके पति श्री देव शिव हरे ने गो अभयारण्य में विराजित 6000 गौमाताओं के दर्शन कर गो कृपा कथा श्रवण की और गो अभयारण्य के प्रबन्धक शिवराज शर्मा ने गोमाता की छवि एवं उपरना ओढाकर उनका बहुमान किया*

*269 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 269 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास से केशरी मल जी कुमावत(पटेल) एवं उनकी श्रीमती रेखा पटेल ने अपने परिवार के साथ अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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देशभर के 5 हजार युवा गोचर बचाओ महाभियान में जुटेंगे* -


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 268 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज एक कर्मयोगी महादेव हरिभाई देसाई जो एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, विद्वान और लेखक थे उन्हें विभिन्न रूप से "गांधी के बोसवेल , गांधी के सुकरात के प्लेटो , साथ ही गांधी के बुद्ध के आनंद " के रूप में वर्णित किया गया है, उन्हें एक शुक्रतारे के समान माना गया है जैसे शुक्रतारा अचानक छिप जाता है, उसी प्रकार महादेव भाई भी असमय काल के ग्रास बन गए।
स्वामीजी ने आंग्ल वर्ष 2025 के प्रथम दिवस पर कहां कि आज एक तारीख संकल्प का दिन है,तो आज हम सभी संकल्प ले कि हम रोज कम से कम 16 घंटे काम करेंगे ही और सचमुच आप दुनियां बदलने की इच्छा रखते है,फिर से हिन्दू राष्ट्र बनाने की अथवा फिर से भारत को विश्व गुरु बनाने की इच्छा रखते हो तो कम से कम 16 घंटे तो लगना ही पड़ेगा और वह भी गायमाता की सेवा में लग जाओ तो सर्वोत्तम है क्योंकि एक गायमाता सबकुछ देती है क्योंकि गायमाता वात्सल्य की प्रतिमूर्ति है और सचमुच कहें तो गायमाता से ही सबकुछ है,अगर गोसेवा कर दी तो सारे संसार में सतोगुण प्रकट हो जाएगा , हर घर में जिस दिन गईंया आ जाएगी सारे झगड़े खत्म हो जाएंगे और जिस दिन विश्व के हर घर में गईंया आ गई तो उस दिन से परमाणु बंब,तोपों,बंदूकों को बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही मिशाइल परीक्षण की जरूरत पड़ेगी सब जगह लड्डू बटते ही नजर आएंगे इतना प्रेम बढ़ जाएगा । स्वामीजी ने गायमाता की चरणरज स्नान का महत्त्व बताते हुए कहां कि गायमाता की चरण 
रज सब पापों का नाश का देती है,लेकिन आजकल गोमाता की चरणरज उड़ने का मौका ही हमने छीन लिया है अर्थात हम लोगों ने उनके विचरण करने की जगह चारागाह भूमि को कब्जे में कर लिया है और महाराज जी ने गोचर भूमि पर कब्जा करने वालों को चेताया कि आप गोमाता की गोचर से अपना कब्जा छोड़ दीजिए वरना हमें इसके लिए आगे आना होगा ओर देशभर के 5000 युवा गोकथाओं के माध्यम से जनजागृति करके गोचर भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ जनआंदोलन करेंगे ।


*268 वे दिवस पर दिल्ली से श्रीमति ऊषा प्रदीप गर्ग, श्रीमति नीतू यशपाल गुप्ता,प्रमोद कुमार,रवींद्र कुमार , राजस्थान के बूंदी जिले की डाबी से युवराज राठौर ,कैलाश राठौर, नंदकिशोर राठौर,राधेश्याम राठौर,पूजा चंद्रवाल , मोहनी बाई राठौर,रामपुरिया सरपंच अर्जुन सिंह,महेश शर्म व माचलपुर तहसील के मऊ ग्राम से धीरज सिंह,नीरज सिंह राजपूत सतीश कुमार नागर, सतीश कुमार एवं नीरज सिंह आदि अतिथि उपस्थित रहें*
*एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 268 वें दिवस पर राजगढ़ जिले के जीरापुर क्षेत्र के DYSP श्री रूपेश डांगी ने विश्व के प्रथम गो अभयारण्य का अवलोकन कर अभयारण्य में विराजित 6000 गौमाताओं के दर्शन कर पूज्य स्वामी गोपालानंद जी महाराज का आशीर्वाद लिया उनके साथ गोभक्त श्री विजय सिंह एवं श्री कालू सिंह भी उपस्थित रहें*




*268 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 268 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के बूंदी जिले की ग्राम पंचायत सूतड़ा के पूर्व सरपंच स्वर्गीय विजय लाल प्रजापत की पुण्य स्मृति में उनके पुत्र मोहन लाल प्रजापत एवं मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले सोडन के तोला रन जी के परिवार की ओर से अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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9 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में एक से दो लाख गोवंश ठंड में सड़कों पर भटक रहा है


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 267 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने की शून्य से शिखर पर पहुंचना चाहे तो उसके लिए यमुनाबाई वाईकर से प्रेरणा लेनी चाहिए आज उनका जन्मदिवस है जो एक भारतीय लोक कलाकार थीं। वह लावणी और तमाशा की मराठी लोक परम्पराओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं , इन्हें यमुनाबाई विक्रम जवले के नाम से भी जाना जाता हैं । सन 2012 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री के चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आज ही के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल के दाहिने हाथ कहें जाने वाले केरल निवासी राऊ बहादुर बालप्पा का निर्वाण दिवस है जिन्होंने देश में राज्यों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का सहयोग किया था ।
 स्वामीजी ने बताया कि भारत को एकीकरण करने का सबसे बड़ा माध्यम गोमाता ही है क्योंकि हम अलग अलग राज्यों मेंख अलग भाषाओं में बंट गए है,लेकिन सम्पूर्ण भारत में एक भाव बचा है वह है गाय हमारी माता है और जब पूरा भारत एक स्वर में स्वीकार कर लेंगे कि गाय हमारी माता है तब हम अपने आप एक हो जाएंगे क्योंकि हर भारत वासी गोमाता का पुत्र बन जाएंगे तो अपने आप स्वत:राष्ट्र का एकीकरण हो जाएगा। हालांकि कहने में तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक है ,लेकिन विचारों से व्यवहारों से एवं कानून के दायरों से भारत खण्ड खण्ड बंटा हुआ है इन परिस्थितियों में इसको एक करने का एक ही तरीका है वह है धेनु शरणम् गच्छामि....अर्थात गायमाता की शरण ले ले तो सब कुछ ठीक हो सकता है बस हम सब एक स्वर में कह दे कि हम सब गायमाता के पुत्र है तो कुछ भी शेष नहीं बचेगा ।
 स्वामीजी ने दुःख प्रकट हुए बताया कि मध्यप्रदेश में 9 करोड़ की जनसंख्या है और सड़क पर मात्र एक से दो लाख निराश्रित गोवंश है अगर अपने आपको गोभक्त मानने वाला एक एक निराश्रित गोवंश को अपने घर में बांध ले तो मध्यप्रदेश की सड़कों पर एक भी निराश्रित गोवंश नहीं घूमेगा और अतिथि के रूप में पधारे उज्जैन संभाग के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के कार्यवाहक संयुक्त संचालक एवं आगर मालवा के उपसंचालक हरि वल्लभ जी त्रिवेदी जी से पूज्य महाराज जी ने आग्रह किया कि आगर मालवा की सड़कों पर इस कड़कड़ाती ठंड में एक भी गोवंश सड़कों पर नहीं रहें इसके लिए आपके जिले में स्थापित विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में ठंड से बचाव के लिए अस्थाई आवास की व्यवस्था कर देंगे तो गो अभयारण्य प्रबंधन आगर मालवा जिले की सड़कों पर एक भी गोवंश को ठंड से नहीं मरने देगा और हम एक सप्ताह के अन्दर 6000 से 10,000 गोवंश की सेवा करेंगे बस आप ठंड के बचने के लिए छाया हेतु त्रिपाल की ही व्यवस्था करवा दीजिए साथ ही श्रद्धालुओं से भी आह्वान किया कि आज हम आंग्ल वर्ष 2024 को विदाई दे रहें है और कल से 2025 में प्रवेश करने वाले है । आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है अर्थात 2024 में हमारे जीवन में जो जो कमियां रहीं है उन्हें सुधारने के लिए हमारे लिए 2025 का वर्ष शुरू हो रहा है और आज ही हम सड़कों में घूम रहें निराश्रित गोवंश को ज्यादा नहीं तो कम से हम दो माह बांधकर उनकी सेवा करेंगे तो इससे बड़ा कोई पुण्य हो ही नहीं सकता यानि आपके घर में स्वयं कन्हैया गोकुल से आपके घर आ जाएंगे। 

*267 वे दिवस पर दिल्ली से श्रीमति ऊषा प्रदीप गर्ग, श्रीमति नीतू यशपाल गुप्ता,प्रमोद कुमार,रवींद्र कुमार , डॉ. हरि वल्लभ त्रिवेदी, संयुक्त संचालक पशुपालन विभाग,पेंशनर समाज आगर के अध्यक्ष राधारमण पंड्या,,युवराज राठौर डाबी,छीतरमल राठौर कनवास,परशुराम राठौर कोटा, गणेश गोशाला चिपया के उपाध्यक्ष भगवान सिंह, भा.कि.संघ आगर जिला उपाध्यक्ष राघु सिंह ,कालूराम प्रजापति,त्रिलोक राठौर,सुरेश राठौर डाबी आदि अतिथि उपस्थित रहें*




*267 वे दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 267 वें दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली के ने
 अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता रहेगी तो स्वस्थ तन एवं स्वस्थ मन रहेगा* -


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 265 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि भगवान को रामायण सीरियल के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने वाले रामानन्द जी सागर का आज ही के दिन 29 दिसम्बर 1917 को लाहौर के नजदीक असल गुरु नामक स्थान पर एक धनाढ्य परिवार में हुआ था। उन्हें अपने माता पिता का प्यार नहीं मिला, क्योंकि उन्हें उनकी नानी ने गोद ले लिया था। पहले उनका नाम चंद्रमौली था लेकिन नानी ने उनका नाम बदलकर रामानंद रख दिया। 16 साल की अवस्था में उनकी गद्य कविता श्रीनगर स्थित प्रताप कालेज की मैगजीन में प्रकाशित होने के लिए चुनी गई। युवा रामानंद ने दहेज लेने का विरोध किया जिसके कारण उन्हें घर से बाहर कर दिया गया लेकिन उन्होंने बंटवारे को दर्द को सहकर पाकिस्तान से भारत आएं और उन्होंने संघर्ष कर रामायण जैसे अनेक धार्मिक टीवी सीरियल बनाकर भारत के जन जन के हृदय में भगवान राम को पहुंचाया। 
स्वामीजी ने आगे बताया कि देश में जो बीमारियों की फैक्टरी खुली है वह गो की कमी के कारण खुली है। पहले जिला स्तर पर एक हॉस्पिटल हुआ करता था और एक हॉस्पिटल तहसील स्तर पर हुआ करता था और पंचायत स्तर पर तो पहले सप्ताह में एक बार साईकिल लेकर मलेरिया की दवाई देने जाया करते थे और अब तो छोटे छोटे से गांव में ही डॉक्टर बैठने लग गया है और ये सब हुआ है गोमाता की कमी के कारण क्योंकि जैसे ही गोमाता की कमी हुई त्यों त्यों देश के जनमानस को अनेक बीमारियों ने जकड़ लिया और यही स्तिथि रहीं तो फिर तो प्रत्येक घर को अपना अपना डॉक्टर रखना होगा क्योंकि गोमाता से दूरी होने के कारण हम रासायनिक खादों से उत्पादित अन्न एवं मिलावटी सामग्री का उपयोग करने लग गए जिसके कारण प्रत्येक मनुष्यों को अनेक प्रकार की बीमारियों ने जकड़ लिया है ।
महाराज जी ने बताया कि जब घर में गाय रहेगी तो तन भी स्वस्थ रहेगा और मन भी स्वस्थ रहेगा क्योकि स्वस्थ तन तो मन भी स्वस्थ रहेगा ।यानि जिस मन्दिर में मूर्ति है उस मन्दिर का भी ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि मन्दिर का ध्यान नहीं रखा तो फिर मूर्ति में भी निर्जीवता आ जाएगी उसी प्रकार हमारा शरीर भी आत्मा रूपी भगवान का मन्दिर है ,इसलिए शरीर स्वस्थ नहीं रहा तो हमारा मन एवं आत्मा दोनों कुत्सित हो सकती है ,इसलिए गोमाता के साथ रहने से स्वस्थ शरीर के साथ हमारे जीवन में नकारात्मकता नहीं रहेगी

*265 वे दिवस पर महाराष्ट्र मुंबई से श्रीमती इंद्रा जयेश दायमा, श्रीमती कविता शर्मा,सुमन राजीव त्रिपाठी,श्रीमती नीता कैलाश शर्मा,श्रीमती मधु विश्वास म्हात्रे,श्रीमती सूनिता अग्रवाल ,श्रीमती मंजू राजेश दाधीच गायत्री गोशाला परिवार मुंबई एवं देवेंद्र जोशी कुशलगढ़ बांसवाड़ा आदि अतिथि उपस्थित रहें*
*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महोत्सव के लिए आयोजन समिति के सदस्यों ने उज्जैन प्रवास में पधारी प्रखर राष्ट्रवादी ओजस्वी वक्ता पूज्या साध्वी ऋत्मभरा जी एवं राजस्थान में डग कस्बे में भागवत कथा कर रहें पूज्य महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामी जी महाराज उत्तमधाम बांसवाड़ा को आमंत्रण देकर महामहोत्सव में आने का आग्रह किया और पूज्या साध्वी ऋत्मभरा जी एवं पूज्य महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामीजी ने शीघ्र गो अभयारण्य में चल रहें महामहोत्सव में आने की सहमति दी*


*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*



*265 वे दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र के मुम्बई एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 265 वें दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र के मुम्बई महानगर में स्थित गायत्री गोशाला परिवार से श्रीमती इंद्रा जयेश दायमा, श्रीमती कविता शर्मा,सुमन राजीव त्रिपाठी,श्रीमती नीता कैलाश शर्मा,श्रीमती मधु विश्वास म्हात्रे,श्रीमती सुनिता अग्रवाल ,श्रीमती मंजू राजेश दाधीच एवं राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की कुशलगढ़ तहसील के देवेंद्र जोशी ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोभक्ति का भाव जागृत करने के लिए 5000 युवक युवतियां देश भर में गो कथा करेंगे* -


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 264 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि भगवती गोमाता का चरित्र हम पिछले 263 दिन से सुन रहें है और आज 264 वा दिवस है और मौसम खराब होने के बावजूद भी आप लोग मां की महिमा सुनने के लिए पधारे है तो इसका स्पष्ट आशय है कि आपका गोमाता के प्रति प्रेम है और गोमाता के प्रति आपके प्रेम को बारम्बार वंदन है ।
स्वामीजी ने गो कथा सीख रहें श्रोताओं से आह्वान किया कि गो कथा के लिए स्वर,ताल एवं राग का महत्त्व नहीं है,गोकथा के लिए तो सिर्फ भावों का महत्त्व है,अगर हम भाव से बोलेंगे तो गो की सेवा का अभाव सनातन भाई बहनों के हृदय में आ गया है,वह समाप्त हो जाएगा और पुनः भाव बन जाएगा और देश में 5000 हजार गो कथा कहने वाले वक्ता तैयार हो जाएं और प्रत्येक वक्ता अपने जीवनकाल में 108 गो कथा भी करेगा तो भारत के गांव गांव में गोकथा हो जाएगी और उसके परिणाम स्वरूप हर घर ,हर दिल में गायमाता बस जाएगी ।
स्वामीजी ने धैर्य की महिमा बताते हुए कहां कि धैर्य इतना शक्तिशाली है कि रामजी से मिला सकता है,अगर आपके पास धैर्य है तो भगवान राम आपके पास आ जाएंगे क्योंकि शबरी के 120 वर्ष के धैर्य के कारण ही भगवान राम शबरी माता के घर आएं तो और शबरी माता को धैर्य उनकी गोभक्ति एवं गौसेवा से ही मिला है ,यानि धैर्य हर जगह,सब जगह रहें तो धैर्य सब कुछ प्रदान कर सकता है । संकटकाल में बड़े से बड़ा संकट आ जाएं,तब भी धैर्य का त्याग किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए क्योंकि धैर्य रखने से संकट की स्थिति भी सुधार जाती है। धैर्य का बड़ा महत्व है अगर सुभद्रा थोड़ा सा धैर्य रख लेती और सोती नहीं और चक्रव्यूह की पूरी कहानी सुन लेती तो अभिमन्यु चक्रव्यूह से बाहर बाहर चला आता इसलिए जीवन में धैर्य खूब रखना चाहिए एक धैर्य ने ही तो शबरी के घर राम को ला दिया था और हमारा भी तो यही उद्देश्य है कि अगर मनुष्य जीवन मिला है तो राम मिल जाएं और राम मिल गया तो सदा सदा के लिए आराम हो जाएगा ।

*264 वे दिवस पर गुमानपुरा कोटा से हेमेंद्र सिंह राजावत एवं झालावाड़ जिले के ठिकाना हेमडा से भगवत सिंह सोनगरा एवं महेंद्र सिंह सोनगरा व 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवर लाल खारोल (गलवा, भीलवाड़ा) व गो कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक प्रहलाद राठौर चेचट अतिथि उपस्थित रहें*



*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*

*264 वे दिवस पर चुनरी यात्रा पंजाब,मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 264 वें दिवस पर चुनरी यात्रा पंजाब के लुधियाना से श्रीमती रानी देवी ने अपने पुत्र जितेन्द्र एवं मध्यप्रदेश के इन्दौर से श्रीमती संतोष शर्मा ने अपने पुत्र योगेश देवकीनंदन,पौत्र दिव्यांशु,पुत्री चेतना भरत शर्मा एवं दोहित सात्विक शर्मा झालावाड़ व 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवर लाल खारोल (गलवा, भीलवाड़ा) व गो कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक प्रहलाद राठौर चेचट ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गो के लिए आजादी की लड़ाई लड़ने वाले देश में अभी भी गौहत्या हो रही है


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 263 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज ही के दिन भारतीय सैनिक और नोबेल पुरस्कार विजेता अल्बर्ट एक्का का जन्म हुआ है ,जिनकी 1971 के भारत पाक युद्ध में विजयश्री दिलाने में अहम भूमिका रही है अर्थात उन्होंने भारत माता की रक्षा हेतु मात्र 28 वर्ष की आयु में बलिदान हो गए थे। 
अंतराष्ट्रीय महामारी तैयारी दिवस पर पूज्य महाराज जी ने बताया कि जब जब लोगों का व्यवहार,लोगों का विचार,लोगों का जीवन जीने का तरीका प्रकृति के अनुकूल न होकर विकृति की तरफ बढ़ जाता है,तब तब महामारी पैदा होती है अगर हम संस्कार से रहें प्रकृति के साथ सामंजस्य मिलाकर चले,सभी जीवों का समान रूप से आदर दे,हम किसी को कष्ट न दे तो फिर महामारी कैसे आ सकती है और ये सब भगवती गोमाता की शरणागति से ही आ सकता है जिसका कोरोनाकाल का प्रत्यक्ष उदाहरण है,अर्थात कोरोना के समय गौसेवा करने वाले किसी भी गोशाला के ग्वाल को कोई कष्ट नहीं हुआ ,इसलिए वैश्विक महामारी तैयारी दिवस पर मै सभी देशवासियों से आह्वान करता हूं कि प्रत्येक परिवार अपने घर पर एक एक गोमाता की सेवा कर लीजिए ,हमारे जीवन में किसी भी प्रकार की महामारी हमारे जीवन में नहीं आएगी। 
स्वामीजी ने बताया कि आज सड़के बनने से ही हम देश का विकास मान बैठे है,जबकि सर्व भूमि गोपाल की है और सरकार इस पर सड़क बना रही है,तो गो की रक्षा के लिए नीति निर्धारित करना भी सरकार का काम है,एक गोमाता के प्राण जाने का अपराध शासक एवं वाहन चलाने वाले दोनों पर लगता है इसलिए सड़क पर तेजगति वाहन चलाने से सड़क पर हुई गोवंश की हत्या के लिए सरकार को कड़ा कानून बनाकर उन्हें कठोर सजा देने का प्रावधान होना चाहिए। 

स्वामीजी ने आगे बताया कि अगर हमें गो हत्या के पाप से बचना है तो जब तक भारत में गौहत्या का कानून नहीं बन जाएं तब तक हमें वोटो का बहिष्कार करना होगा अर्थात जब तक भारत भूमि से गौहत्या का कलंक नहीं मिट जाता या इसके लिए कटिबद्ध होकर कोई भी सरकार ईमानदारी से प्रयत्न नहीं करती तब तक हम किसी को वोट नहीं देंगे ऐसा दृढ़ संकल्प हमे लेना होगा क्योंकि आजादी लड़ाई के लिए 1857 की क्रांति में जो बिगुल बजा था वह मेरे देश में गौहत्या पर रोक लगे उसकी के लिए हुआ था और सरदार वल्लभभाई पटेल की आत्मा अन्तिम समय तक यही कह के गई कि ये विदेशों में कपड़े धुलाने वालो जरा गायमाता की हत्या पर तो प्रतिबंध लगा दीजिए यह कहकर गई थी लेकिन न उनसे कुछ हुआ न इनसे कुछ हुआ ।


*आंग्ल वर्ष 2024 की विदाई एवं 2025 की पूर्व संध्या 31 दिसम्बर 2024 मंगलवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में भगवान श्री कृष्ण की नृत्य नाट्य लीलाओ एवं भजन संध्या का आयोजन होगा*

*263 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 263 वें दिवस पर चुनरी यात्रा भारत विकास परिषद् आगर मालवा के प्रांतीय सदस्य राजेश कुमार में के परिवार की और उनके पिताश्री बृजमोहन पत्नि सविता देवी बहिन उषा एवं पुत्री गरिमा खंडेलवाल व नाती नातिन सहित अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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