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दैनिक समाचार



25मार्च को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जिला कलेक्टर ने गो अभयारण्य का अवलोकन किया


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 343 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला,भारत की पहली बेडमिंटन खिलाड़ी साहीना नेहवाल, 1962 में भारत चाइना युद्ध का 1967 में बदला लेने वाले ब्रिगेडियर रायसिंह यादव एवं तिथि के अनुसार आज जन्मे छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मदिवस पर बताते हुए कहां कि हमारा जीवन इतना दिव्य एवं अनमोल है और परमात्मा ने हमें मनुष्य जीवन देकर हमें पुण्यभूमि भारत की श्रेष्ठ सनातन संस्कृति में भेजकर हमारे लिए एक अदभुत एवं अलौकिक अवसर दिया है,इसलिए हमें हमारे जीवन को छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन की तरह बनाना होगा जिन्होंने छोटी सी आयु में ही एक गोमाता को वध के लिए ले जाने वाले कसाई के हाथ काट दिए थे ,इसलिए हमें भी हमारी संतान को जिस प्रकार जीजाबाई ने शिवाजी को राष्ट्र रक्षा एवं गो सेवा के लिए तैयार किया था उसी प्रकार हमारी संताने गो,राष्ट्र ,देश, धर्म एवं संस्कृति के लिए अपने को व अपनो को लगा दे जिस प्रकार गुरु गोविन्द सिंह ने अपनी चारों संतानों को देश के लिए कुर्बान कर दिया था और आज पूरे विश्व में उनकी गाथा गाई जाती है, उसी प्रकार हम भी हमारे जीवन को गो एवं राष्ट्र के लिए समर्पित कर दे क्योंकि इस समय भारत विषम दौर से गुजर रहा है ओर हम कुछ लोगों के भरोसे अपनी रक्षा की आस लगा के बैठे है जिसके कारण जिस भारत में 99% हिन्दू थे वे 70% पर सिमट गए है और आज विधर्मी आएं दिन हमारी धर्म संस्कृति पर कोई न कोई आघात कर रहें है 

 

*गोपाल परिवार संघ द्वारा गठित 12 फाउंडेशन में से धेनु शक्ति संघ के बारे में जानकारी देते हुए गोपाल परिवार संघ से कुमारी धेनु प्रिया ने बताया कि हमें गौ माता की सेवा निरंतर करनी चाहिए तन मन धन किस प्रकार हो उसे प्रकार से हमें गौ सेवा करनी चाहिए और जिस प्रकार रानी लक्ष्मीबाई की बस यही बात थी चाहे प्राण चले जाए मगर अपनी मातृभूमि इन अंग्रेजों के हाथ नहीं जानी चाहिए इस प्रकार हमें भी यह प्रण लेना है कि प्राण चले जाए मगर गौ माता किसी तस्कर के हाथ ना जा पाए जिस प्रकार से रानी लक्ष्मीबाई ने युद्ध किया और अपनी मातृभूमि को बचाया इस प्रकार से हमें भी गौ माता की सेवा करके गौ माता की रक्षा करके हमें गौ माता को बचाना है क्योंकि अब यह सारा कार्य भगवान श्री कृष्ण ने भक्तों को सौंप रखा है और यदि हम नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा हम लोग सोचते हैं कि यह सब तो भगवान के हाथ में होता है तो अब भगवान नहीं आएंगे कब तक आएंगे कृष्ण भगवान कृष्ण को भी बहुत से काम होते है इसलिए अब गौ माता की सेवा गौ माता की रक्षा यह सब हम हमें करनी है।  
 

*343 वें दिवस पर नलखेड़ा बगुलामुखी से पूज्य परमहंस कृष्ण जी महाराज, पण्डित गोपाल कृष्ण महाराज परसोली, पंडित लक्ष्मीनारायण उपाध्याय गरोडा मन्दसौर,जगदीश मीणा देवली अकलेरा व ओडिशा से सुमन कुमार दास जी पर्वत जी एवं यूपी के इटावा से श्याम सिंह तोमर,हरियाणा के हिसार से राममूर्ति,संजय जाखड़ अपने परिवार के साथ अतिथि उपस्थित रहें*

*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आगामी 25 मार्च को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव के जन्मदिवस मनाने की तैयारी के लिए जिला कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, अपर जिला कलेक्टर एवं जिला जनपद कार्यपालन अधिकारी नन्दा भलावे मैडम,सुसनेर एसडीएम सर्वेश यादव,सुसनेर तहसीलदार विजय सेनानी एवं डॉक्टर आर सी पंवार उपसंचालक पशुपालन विभाग आगर मालवा के साथ सभी विभागों के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री महोदय के कार्यक्रम की जानकारी एवं स्थान का अवलोकन किया*



*343 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के चारभुजा नाथ गड़बोर से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 343 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के राजसमंद के चारभुजा नाथ गड़बोर से लाल सिंह अंटालिया के परिवार और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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स्वस्थ समाज के लिए श्रम आवश्यक है*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 345 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज हिम्मत एवं धैर्य दिवस है अर्थात 80 वर्ष की एक भारतीय नारी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जो केवल आठ दिनों के लिए अंतरिक्ष में गई थी लेकिन उनके यान में खराबी आने के कारण उन्हें नो महीने बाद आज प्रातः सवा तीन बजे पुनः भारत पर मुस्कुराते हुए वापस धरती पर लौट आई है अर्थात आज सीख लेने का दिन है कि भारत के गुजरात में जन्मी सुनीता विलियम्स ने विशेष कार्य किया यानि 286 दिन धरती से 400 कि.मी दूर वह भी हर 90 -90 मिनट के दिन रात के चक्र में बिना हिम्मत हारे संघर्ष करके ड्रैगन कैप्सूल के ज़रिए पृथ्वी पर लौट आई हैं ,इन सबके पीछे चार कारण रहें जिसमें से पहला गोप्रेमी परिवार में जन्म लेना,दूसरा अपने साथ गीताजी को रखना,तीसरा अपने साथ धैर्य की प्रतिमूर्ति गणेश जी की प्रतिमा रखना और चौथा कारण भारतीय विज्ञान को स्वीकार करना अर्थात जिन्हें जीवन में कुछ तो गोमाता का आश्रय लेकर जीवन में गीता जी को उतार लीजिए और भगवान गणेश जी को याद करते हुए योग साधना कीजिए क्योंकि योग एवं प्राणायाम में इतनी शक्ति होती है कि दुर्बल से दुर्बल व्यक्ति को भी बलशाली बना देता है और इन चारों सूत्रों के प्रभाव से ही मुस्कराते हुए सुनीता विलियम्स ने सफलता प्राप्त मिली और इससे हमें सीख मिली कि धैर्य छोड़ना नहीं ,गो की सेवा छोड़नी नहीं,गीताजी का आश्रय त्यागना नहीं और गणपति जी यानि सनातन संस्कृति से जुड़े रहना और श्रम करते रहना क्योंकि शरीर को स्वस्थ रखना है,तो श्रमबिन्दु से अच्छी औषधि नहीं है,श्रम बिन्दु यानि पसीना बहाने की कलां होनी चाहिए अर्थात जितना संघर्ष होगा,उतना निखार आएगा, हर संघर्ष कुछ न कुछ सीखता है और अपना जीवन ही सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है,इससे हम जो सीख सकते है,वह कही और कही नहीं सीख सकते ।


*गोपाल परिवार संघ से गोवत्स धीरेन्द्र गोपाल ने गो रक्षा से ही राष्ट रक्षा संभव है सनातन धर्म का मूल प्राण गो माता है बिना गो के ना धर्म बचेगा ना राष्ट बचेगा आज विडम्बना है इस देश की कि गो माता की सेवा के लिए स्वयं भगवान श्री कृष्ण आए और गो माता को ग्वाल बनके चराया भगवान राम तो स्वयं गो रक्षा गो सेवा के लिए ही अवतरित हुए उसी धर्म धरा पर नित्य प्रतिदिन हजारों गो माता की हत्या हो रही है और आज का हिन्दू समाज सोया हुआ है आज हिंदुओं का आदर्श भगत सिंह सुखदेव नहीं अपितु हनि सिंह बना हुआ है हमारी माताओं बहनों की आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज की मम्मी नहीं अपितु तैमूर और जहांगीर पैदा करने वाली करीना खान बन चुकी है उसी का परिणाम है कि आज के युवा को ना धर्म की चिंता है ना संस्कृति की चिंता है ओर ना ही धर्म का मूल प्राण गो माता की चिंता है आज इस आजाद देश में एक दिन की 82 हज़ार गो माता कट रही है 6 करोड़ गो माता सड़कों पर निराशित भ्रमण कर रही है रोड एक्सीडेंट में दुर्घटना ग्रस्त हो रही हैं भूखी प्यासी दर दर भटक रही है पर आज का खुद को हिन्दू कहने वाला समाज कुंभकर्ण की निंद सोया हुआ है अतः युवाओं से आग्रह है कि गो माता की रक्षा में गो माता की सेवा में लगे तभी आप हिन्दू कहलाने के वास्तविक अधिकारी हैं सत्य तो यह है कि गो बचेगी तो ही राष्ट बचेगा गो बचेगी तो ही धर्म बचेगा ओर गो बचेगी तो ही हिन्दू बचेगा ओर गो बचेगी तो ही हिंदुस्तान बचेगा।


*345 वें दिवस पर मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम से गो अभयारण्य के ट्रैक्टर के दानदाता श्री ओम प्रकाश तिवारी उनके माताश्री श्रीमती कमला देवी तिवारी, मित्र कमलेश शर्मा एवं चालक अजय यादव, उत्तराखंड के देहरादून से राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल प्रदीप दिनेश एवं श्रीमती सीमा अग्रवाल, राजस्थान के अलवर से श्रीमती संतोष गुप्ता, सुरेश चन्द गुप्ता,विमल चन्द गुप्ता एवं मोहित गुप्ता,मध्यप्रदेश के छापीहेडा से दिनेश ,गौरव गुप्ता एवं सरस्वती एवं रेखा देवी गुप्ता आदि अतिथि उपस्थित रहें*




*345 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश,राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 345 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम से श्रीमती कमला देवी तिवारी, पुत्र ओम प्रकाश तिवारी एवं मित्र कमलेश शर्मा व चालक अजय यादव राजगढ़ जिले के छापीहेड़ा से दिनेश गुप्ता के परिवार राजस्थान के अलवर से सुरेश चन्द गुप्ता के परिवार,भीलवाड़ा के राजेंद्र सिंह के परिवार एवं बूंदी जिले के गोपाल गो संघ से गोभक्त गोपाल मीणा के परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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25 मार्च को गौसेवक यदुवंशी मुख्यमंत्री जी के जन्मदिवस से शुभारंभ होगा उपसंहार उत्सव*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 346 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि कुछ पल हमको भगवान ने कृपा करके दिए है उन पलो को हम प्रेम पूर्वक गायमाता की गोद में बैठकर जिएं और जो गायमाता की गोद में बैठकर उन पलों को जी लेंगे उससे उनमें सामर्थ्य आ जाएगा ताकि हम गायमाता की सेवा का कार्य कर पाएं क्योंकि अब काम भावुकता से नहीं चलेगा बल्कि युक्ति एवं योजना से काम लेना पड़ेगा,भावुकता से तो हम भटकते रहेंगे और सरकार हमारा उपयोग करती रहेगी या तो चिवमिंग की तरह हमें चूसते रहेंगे या फटाखों की तरह फोड़कर खत्म कर देंगे,इसलिए हमें न तो चिवमिंग बनना है न फटाखा बल्कि हमें कुछ ऐसा करना है,जिससे गायमाता की सुरक्षा,सेवा सबकुछ सहजता से हो जाएं और ये सब गोभक्तो के सहयोग से ही संभव होगा वैसे आनंदयुक्त बयार चल चुकी है और नित्य प्रति धेनु शक्ति संघ एवं ग्वाल शक्ति सेना के माध्यम से सैकड़ों मातृशक्ति एवं युवा शक्ति गोव्रत धारण कर भगवती गोमाता के कार्य से जुड़ रहें है और जब तक गायमाता को सम्मान नहीं मिल जाएं एवं भारत से गौहत्या पूरी तरह से बन्द नहीं हो जाएं और जब तक गोमाता की सेवा व्यवस्थित नहीं हो जाएं तब तक भारत के सम्पूर्ण गोभक्त आंदोलन के नाम से केवल सुरभि संकीर्तन जारी रहेगा आंदोलन में कोई तोड़ फोड़ नहीं क्योंकि "सर्व भूमि गोपाल की" है , भारत का कण कण गोमाता का है तो फिर तोड़ फोड़ किस बात की सिर्फ क़त्लखाने के अलावा किसी वस्तु को तोड़ना नहीं और जिस दिन एक करोड़ गोप्रेमी दिल्ली की सड़कों पर सुरभि संकीर्तन करेंगे तो उस दिन अच्छे अच्छे नर्तन कर कहेंगे कि हमें क्या करना है ।

*स्वामीजी ने बताया कि एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव का उपसंहार उत्सव का शुभारंभ 25 मार्च पाप मोचनी एकादशी मंगलवार के पुण्य दिवस से भगवान कृष्ण के वंश यदुवंश में जन्मे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन जी यादव के जन्मदिवस से मनाया जाएगा एवं 27 मार्च को भानपुरा पीठ के पूज्य शंकराचार्य भगवान पूज्य ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज,29,30 एवं 31 मार्च को गोवत्स पूज्य राधाकृष्ण जी महाराज,शिवशक्ति यज्ञ,02 अप्रैल को सुमेरू पीठ के पूज्य शंकराचार्य भगवान नरेंद्रा नन्द जी सरस्वती महाराज, विष्णु प्रिया दीदी,साध्वी रितंभरा दीदी मां,साध्वी प्रज्ञा जी,साध्वी उमाभारती जी,, कनकेश्वरी माताजी,, दयानन्द जी सरस्वती,धनवंतरी जी महाराज,पूज्य राजेन्द्र दास जी महाराज मलूकपीठाधीश्वर जी महाराज सहित अनेक दिव्य संत महात्माओं का आशीर्वाद मिलेगा।




*गोपाल परिवार संघ से संजय गोपाल ने बताया कि ऋषि युग में पूज्या गोमाताजी की सुख एवं आनन्द पूर्वक रहती थी लेकिन कुछ कालखंड एवं राजनैतिक स्वार्थ के कारण गोमाता की दयनीय स्थिति हो गई है,इसलिए उनकी सेवा, सुरक्षा एवं सम्मान के लिए पुनः विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि व्यक्ति की जैसी सोच होती है,वैसा ही कार्य संपादित होता है शायद उसी के कारण गोमाता राष्ट्रमाता के पद पर आसीन नहीं हो पा रही है जबकि हमारे शास्त्र एवं धर्म ग्रंथों में "गावों विश्वस्य मातर:" गोमाता विश्व की माता है का कई जगह उल्लेख है और गोमाता राष्ट्रमाता बने इसके लिए हम सभी सनातनियों को गोमाता को एकजुट आना होगा,इसलिए गोपाल परिवार संघ ने ग्वाल शक्ति सेना एवं धेनु शक्ति संघ रूपी संगठन का गठन किया है, जिसके माध्यम से 5,5 हजार गोव्रती कार्यकर्ताओं के माध्यम से एक एक करोड़ मातृशक्ति एवं पुरुषवर्ग को जोड़कर भगवती गोमांस को उचित आहार, औषधि,आश्रय, आनन्द,आजादी,आदर एवं आलिंगन मिले साथ ही उन्हें भारत में सर्वोच्च स्थान मिले उसके लिए भारत के सभी सनातनियों को धेनु शक्ति संघ एवं ग्वाल शक्ति सेना के माध्यम से जुड़कर भगवती गोमाता की सेवा के लिए आगे आना होगा ।

*346 वे दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली,उत्तरप्रदेश,गुजरात राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 346 वें दिवस पर चुनरी यात्रा श्री गोपाल गोसेवा दल दिल्ली से वीरेंद्र सिंह भदौरिया गौ सेवा दल मथुरा वृंदावन से तेजा पंडित,लखन ठाकुर,धर्मेन्द्र चौधरी एवं छोटू पंडित ,गुजरात के कर्णावती से सुरेखा महाराज,भक्ति पंड्या,राजस्थान के भीलवाड़ा से राजेन्द्र सिंह एवं मध्यप्रदेश के आगर जिले के कानड़ से करण सिंह धानीखेड़ा, गोकुल सिंह मालीखेड़ा,नाथू सिंह हरण गांव व नारायण सिंह काशी का वर्डिया के परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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25 मार्च को सवा छः हजार गौमाताओं के मध्य गो अभयारण्य में अपना जन्मदिवस मनाएंगे प्रदेश के मुख्यमंत्री*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 342 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि मध्यप्रदेश के गौसेवक मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव ने अपना जन्मदिवस मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य सालरिया(आगर मालवा) में आगामी 25 मार्च 2025, मंगलवार पाप मोचनी एकादशी के पुण्य पर्व गो अभयारण्य में विराजित सवा छः हजार गौमाताओं को लड्डू प्रसाद खिलाकर अपना जन्मदिवस मनाने का एक सुन्दर एवं प्रेरणादाई निर्णय लिया है, जो प्रदेश के सभी जनमानस के लिए एक प्रेरणा बनेगा अर्थात एक प्रदेश का मुखिया अपना जन्मदिन गौमाताओं के मध्य मनाएं ये मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है कि भगवान कृष्ण के कुल में जन्मे राज्य के मुखिया के हृदय में भगवती गोमाता के प्रति अपार श्रद्धा है इसलिए उन्होंने अपना जन्मदिवस अभयारण्य में विराजित सवा छः हजार गौमाताओं के मध्य मनाने का सुन्दर निर्णय लिया है साथ ही महाराज जी ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय ने विगत दिनों मध्यप्रदेश की सभी गोशालाओं के गोवंश के चारे के लिए प्रति गोवंश 20 रुपए के बजाय 40 रुपए देने का जो निर्णय लिया था उसे भी 01 अप्रैल 2025 से सभी गौशालाओं को देने के लिए शासन द्वारा आदेश जारी कर दिया है जो प्रदेश के गोशाला संचालकों के लिए खुश खबरी है यानि प्रदेश के मुखिया द्वारा अपना जन्मदिन गौमाताओं के मध्य मनाना ये प्रदेश के लिए शुभ संकेत है और जब प्रदेश का मुखिया अपना जन्मदिन गौमाताओं के मध्य मनाता है तो मध्यप्रदेश में राम राज्य स्थापित होने के संकेत मिल रहें है क्योंकि भगवान राम ने स्वयं अपने भ्राता भरत को कहां था कि गायमाता के बिना राष्ट्र निर्माण नहीं हो सकता । 
 

*गोपाल परिवार संघ द्वारा गठित 12 फाउंडेशन में से धेनु शक्ति संघ के बारे में जानकारी देते हुए गोपाल परिवार संघ से बहिन करुणा गोपाल ने बताया कि गुरुदेव द्वारा नवगठित 12 फाउंडेशन गोमाता को आश्रय, आहार ,औषधि,आजादी,आनंद एवं आलिंगन मिले इसी के लिए यह गठित हुए है साथ ही ग्वाल शक्ति सेना एवं धेनु शक्ति संघ का पावन उद्देश्य गोमाता को तस्करों, दुःख पीड़ा, कष्ट से बचाकर उसे उचित आदर एवं सम्मान मिले साथ ही उनकी गोचर भूमि पुनः गौमाताओं के लिए संरक्षित हो और भगवती गोमाता को भारत में सर्वोच्च स्थान मिले तथा भारत भूमि पर गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे इसके लिए जनजागृति करने के लिए उक्त दोनों संगठनों का गठन हुआ है क्योंकि गोमाता अपनी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करती है,गोमाता के संरक्षण से हम न केवल पर्यावरण की रक्षा करते है,अपितु कृषि की सुदृढ़ता को भी बढ़ाते है जिससे संपूर्ण राष्ट्र समृद्ध बनता है।
 बहिन करुणा गोपाल ने भारत के सभी पुरुषवर्ग एवं मातृशक्ति से आह्वान किया कि आप सभी अधिक से अधिक संख्या में गोसेवा से जुड़कर गोमाता के रक्षण के लिए आगे आएं तभी भगवती गोमाता को हम सर्वोच्च स्थान दिला पाएंगे ।

 राजकीय सेवा में अध्यापिका के पद पर रहकर गौसेवा के लिए अपने जीवन का सर्वच्च अर्पण करने वाली गो सेविका कृष्णा टांक (बाड़ी माता) ने अपने संबोधन में बताया कि गोमाता जगत जननी है और वह हमारी रक्षा करती है ,जिसके मन में एक बार गौसेवा का भाव जागृत हो जाएं तो वह अपना तन,मन,धन सभी गोमाता के लिए सर्वोच्च अर्पण कर देता है और हम सब जहां तक गोमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान नहीं मिले तब तक हमें गोमाता की सेवा में लगे जुटे रहना होगा क्योंकि गोमाता को पहले अपने घर की माता बनाना होगा उसके बाद ही हम राष्ट्र माता की कल्पना कर सकते है। 

*338 वें दिवस पर श्री अजय जंझी पत्रकार PTI आगर मालवा, श्रीअरुण एवं श्रीमती रजनी वाटल दिल्ली, रंगनाथ परचुरे,रमेश चन्द अलावा गरोठ एवं बाड़ी माता सेवा समिति के गोभक्त आदि अतिथि उपस्थित रहें*




*342 वे दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 342 वें दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली से अरुण वाटल एवं श्रीमती रजनी वाटल ,राजस्थान के ब्यावर जिले की बिजयनगर तहसील की बाड़ी माता गो सेवा समिति के कार्यकर्ता एवं झालावाड़ जिले के डग से रमेशचंद प्रधान के परिवार व देहरिया से ब्रजमोहन गुप्ता, डोंगरगांव सोयत से राधेश्याम गुप्ता एवं मध्यप्रदेश के आगर जिले के गडबड़ा ग्राम के गोभक्त एवं मातृशक्ति अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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भारत की गौमाताओं को सम्मान दिलाने के लिए जन आंदोलन करेगा धेनु शक्ति संघ*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 338 वें दिवस पर स्वामीजी ने बताया कि यह समय बहुत ही महत्वपूर्ण हैं और इस समय को गवाना नहीं है और एक एक पल गैया मैंया के चरणों में लगाने का समय है , समय कम है और भारत की 09 करोड़ गौमाताओं को उचित आहार,आश्रय,आजादी, आनन्द , औषधि, आलिंगन एवं सम्मान मिले उसके लिए हमें जुटना होगा और उसके लिए धेनु शक्ति संघ एवं ग्वाल शक्ति सेना जन आंदोलन करेगा जिसके प्रथम चरण में आज 12 मार्च से ही हमें भारत के महामहिम राष्ट्रपति, एवं प्रधानमंत्री को पोस्ट कार्ड अभियान के तहत भारत की 09 करोड़ गाय माता को सम्मान दिलाने एवं भारत में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे उसके लिए जुटना होगा ।
 पूज्य महाराज ने भारत की टैक्स नीति पर भी अपसोच जाहिर करते हुए कहां कि भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि का मूल आधार भगवती गोमाता है लेकिन हमसे जो टैक्स लिया जाता है उसका अधिकतम सड़कें बनाने में उपयोग किया जाता है जबकि जिस गोमाता के कारण भारत सोने की चिड़िया कहलाता था उन गौमाताओं के लिए भारत की टैक्स नीति में कुछ बदलाव करके गौमाताओं के लिए टैक्स का कुछ प्रतिशत आरक्षित रखना चाहिए जिससे मेरे देश की 09 करोड़ गोमाताएं सुख पूर्वक रह सके ।
महाराज जी ने गौमाताओं के जल की व्यवस्थाओं के लिए गोपाल परिवार संघ के तत्वाधान में गठित धारा देवी फाउंडेशन के बारे में बताते हुए कहां कि "गो को जल तो,शुभ सनातन का कल" अगर यह नहीं होगा तो सनातन खत्म हो जाएगा ।
   गोपाल परिवार संघ द्वारा गठित 12 फाउंडेशन में से धारा देवी फाउंडेशन की जानकारी देते हुए धारा देवी फाउंडेशन के प्रमुख किरण कृष्ण मुखिया ने बताया कि पूज्य महाराज जी ने जितने भी फाउंडेशन का गठन किया है ,वह अपनी पद प्रतिष्ठा के लिए नहीं किया बल्कि भारत की 09 करोड़ गोमाताएं सुख पूर्वक रह सके उसके लिए ही इन 12 फाउंडेशन का गठन किया है ,उसी के तहत धेनु धारा फायंडेडन गोमाता की प्रथम मूलभूत आवश्यकता पेयजल की व्यवस्था करने के लिए गठित हुआ है अर्थात जिन गो चिकित्सालयों में पेयजल का अभाव है उनमें जल की व्यवस्था इस फाउंडेशन के माध्यम से की जाएगी ।

*338 वें दिवस पर रासबिहारी गोशाला से नारायण सिंह,कृपाल सिंह,रायपुर से राजेन्द्र शर्मा,भगवती लाल शर्मा एवं अहमदाबाद से रतन लाल आदि अतिथि उपस्थित रहें*

शासकीय नेहरू कॉलेज आगर की बहिनें डॉ.सुनीता कनेरा,सपना यादव,राधा मालवीय,खुशबू राजोरिया,दुर्गा कुमावत एवं नेहा कलवार ने धेनु शक्ति संघ से जुड़कर भगवती गोमाता की सेवा का संकल्प लिया और इन सभी को धेनु शक्ति संघ से जोड़ा गया*



*338 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 338 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले के रायपुर एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के जीरापुर की मातृशक्ति ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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बालहत्या,परस्त्री,विश्वासघात ,स्वर्ण की चोरी और आग लगाना इन पांच महापाप से बचे* - संत कमल किशोर नागर. राम और रावण का मुखौटा पहनकर कथनी करनी में भेद न हो*- सन्त कमल किशोर नागर


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 335 वें दिवस पर स्वामीजी ने बताया कि भगवान ने हमें गायमाता इसलिए दी कि हम यूरिया,डीएपी एवं रासायनिक उर्वरक न डालकर गोबर से गोबर की खाद डालें और गोमूत्र से कीटनियंत्रक क्योंकि आज देश का किसान इन रासायनिक खाद एवं कीटनियंत्रक के कारण अनेकों जीवों को मारने का पाप कर रहा है जिससे सनातन कमजोर हो रहा है और विधर्मी मजबूत हो रहें है और वे आज हमारी गायमाता को सरेआम काट रहे है और कल वे हमें भी काटेंगे और उस समय हमें बचाने कोई नहीं आएगा इसलिए अभी भी समय है कि अपने घर में एक गायमाता को बांध लीजिए और हमारी खेती जहर से बचे और हम पाप से बचे इसके लिए धेनु धरती फाउंडेशन का गठन आज कर रहें है जो अजीत जी शर्मा के नेतृत्व में किसान भाइयों को अच्छे से समझाया जा सके कि गायमाता खेत एवं किसान के लिए अनमोल धन है ।
*धेनु धरती फाउंडेशन के प्रमुख अजीत शर्मा ने जहरीली एवं विषयुक्त खेती से आज किसान को ऋषि कृषि की ओर बढ़ना होगा इसलिए अब हर किसान को भगवती गोमाता की सेवा के लिए जुटना होगा ।

*335 वें दिवस पर मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र एवं गौसेवक सन्त परम पूज्य कमल किशोर जी नागर ने विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आकर मै आज स्वर्ग एवं गोलोक की अनुभूति हो रही है और उन्होंने इस गो अभयारण्य को संतो को देने का विरोध किया है या कर रहें है उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहां कि कुछ लोग राम और रावण दोनों का मुखौटा पहनकर गोमाता की सेवा का विरोध करते है उन लोगों को एक बार इस गो अभयारण्य की गौसेवा जरूर देखनी चाहिए ।
 नागर जी ने बताया कि आजकल चाहे राजनैतिक दल हो या धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओ को चेताया कि आप अपनी कथनी करनी में भेद मत रखिए अर्थात एक व्यक्ति एक मुंह से तो राम की भूमिका एवं दूसरे मुंह से रावण का किरदार मत निभाए और और जो राम को मानने वाले है उनसे तो अपेक्षा है कि आप तो कमसे कम रावण की भूमिका तो मत निभाईये और आप तो जिस हेतु से सत्ता में आए है उस हेतु को पूर्ण करके गोमाता को सम्मान दिला दीजिए ।
नागर जी ने आगे बताया कि बाल हत्या,परस्त्री,विश्वासघात ,,स्वर्ण की चोरी और आग लगाना महापाप है और गौसेवा में दो मुंह मत लगाओ एक मुंह ही बात करो साथ ही कान भरने वालों के बारे में बताते हुए बताया कि जिस परिवार जिस संस्था में काम करने वाले कम एवं कान भरने वाले ज्यादा हो तो वह संस्था ज्यादा नहीं चलती है क्योंकि कान भरने वालो ने तो भगवान को भी नहीं छोड़ा और एक महिला के कान भरने से राम को वन जाना पड़ा ।
पंडित नागर जी बताया कि आज की युवा पीढ़ी मोबाइल के कारण विकृत होती जा रही है और वे अपने माता पिता को भी कुत्ते की तरह भौंकते है जबकि एक कुत्ते को रोटी देने के बाद वह अपने मालिक को नहीं भौंकता लेकिन आज की संतान जैसे ही गोमाता से दूर हुई वे अपने जन्मदाताओं का भी अनादर करने लग गए है,इसलिए सभी माता पिताओं से मै आग्रह करता हूं कि अपनी औलाद को गो सेवा में लगाएं क्योंकि गौसेवा करने वाले सौभाग्यशाली होते है साथ ही महाराज जी ने बताया कि आजकल लोग अपनी बहु को सुधारने की बात करते है जबकि आवश्यकता है अपनी बेटी को सुधारने की क्योंकि बेटी सुधर गई तो वह एक दिन बहुत अच्छी बहु बन सकती है ।

   
*335 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 335 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के पचपहाड़ से धीरप जी के परिवार एवं मध्यप्रदेश के सालरिया से गोभक्त लाल सिंह जी,नाथू सिंह जी एवं कालू सिंह जी ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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