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दैनिक समाचार



परमात्मा को पाने का एक ही साधन है सेवा और सुमिरन*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 336 वें दिवस पर स्वामीजी ने बताया कि परमात्मा को पाने का एक ही साधन है सेवा और सुमिरन।
व्यक्ति को अन्य पाखंडों में नहीं पड़ना चाहिए। महिलाओं को व्यर्थ की बातों में उलझने से पहले इस ओर ध्यान देना चाहिए कि आज से 178 सालों पहले सावित्री बाई फुले ने क्रांतिकारी कदम उठाया था। उनके कार्यों को देखते हुए दुनिया इतने वर्षों बाद भी याद कर रही हैं। क्यों कि उन्होंने घर से निकल कर सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया था। अहिल्या बाई, जीजा बाई, जयवंता बाई जैसी वीरांगनाओं को दुनिया इसी कारण याद करती है कि इन सभी के जीवन में सेवा ओर सुमिरन था। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की माता जी जयवन्ता बाई ने युवा अवस्था में घर छोड़ अपना शेष जीवन वृन्दावन में बिताया। जब उन्हें लग गया कि महाराणा प्रताप को देश की रक्षा के योग्य बना दिया तब इस सोच के साथ कि मां की ममता प्रताप के राष्ट्र रक्षा के कार्यों में बाधा न बने, उन्होंने भक्ति में अपना मन लगा लिया ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि एक अवस्था के बाद हमे भी अपने जीवन को सेवा ओर सुमिरन में लगाना आवश्यक है।
सेवा के बगैर संसार में कुछ नहीं है।

भारत जब तक हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता जब तक गौशाला में कर्मचारी काम करते रहेंगे। जिस देश के लोग अपनी मां के लिए नौकरों से काम करवाते है और खुद अपना समय व्यर्थ में गंवाते हो वह देश कैसे हिन्दू राष्ट्र बनेगा। सेवा और त्याग हमारे में नहीं है और हिन्दू राष्ट्र के सपने देख रहे है। 
आज की पीढ़ी का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि बचपन से लेकर जवानी तक उन्हें सेवा ओर सुमिरन के महत्व को बताया नहीं गया ।

मध्यप्रदेश शासन द्वारा मनाएं जा रहें गोवंश रक्षा वर्ष के तहत विश्व के प्रथम गो अभयारण्य कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव जो आगामी 30 मार्च से 12 अप्रैल 2025 तक होने जा रहा है उस उत्सव में मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश डॉक्टर मोहन जी यादव से मध्यप्रदेश शासन के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन जी पटेल एवं कामधेनु गो अभयारण्य के प्रबन्धक शिवराज शर्मा ने मुख्यमंत्री के ग्वालियर प्रवास के दौरान एयरपोर्ट भोपाल में मुलाकात की जिस पर मुख्यमंत्री महोदय ने शीघ्र तिथि तय कर कार्यक्रम बनाने के लिए बताया 






*336 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 336 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा एवं शत्रुखेड़ी के गो भक्तों ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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एक मात्र गो ही है,जो सनातन को एक सूत्र में बांध सकती है*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 337 वें दिवस पर स्वामीजी ने बताया कि गोमाता की सेवा कोई साधारण विषय नहीं है ,भगवान की परम पावनी कृपा से ही यह संभव है,लेकिन आज सनातनी गाय से दूर होते जा रहें है जिसके दुष्प्रभाव भी दिखने लग गए है अर्थात वर्तमान समय पर सनातनी का सत्य पथ कई न कई कमजोर पड़ रहा है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल जहां विधर्मियों ने कुछ व्यापारियों को नोटिस देकर कश्मीर जैसी हालात कर दी है,अर्थात जिस प्रकार कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को या तो खदेड़ दिया या मार दिया अथवा जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया यही हाल भोपाल के हो गए है वही दूसरी और महाराष्ट्र जहां गायमाता को राजमाता का दर्जा वहां की सरकार ने दे दिया है उस राज्य में गौसेवा करने वाली साध्वी बहिन गायत्री देवी को पीटपीट कर मारा यानि जिन दोनों राज्यों में सनातन विचारधारा की सरकार है वहां यह हालात है,तो फिर केरल ,बंगाल एवं अन्यों राज्यों में क्या हाल सनातनियों के साथ होते होंगे यह एक विचारणीय प्रश्न है ,इसके लिए लिए अब सनातनियों को सजग एवं सतर्क रहना होगा अर्थात सनातनियों में जो आस्तीन के सांप है पहले उन्हें पहचानना होगा और उनका उपचार करना होगा और आज जिन महापुरुष का पुण्य स्मरण है उन महापुरुष संभाजी महाराज से प्रेरणा लेकर हमें विधर्मियों को कुचलना होगा और कहते भी है ना कि जब कोई एक महापुरुष व्यक्तित्व इस संसार से चला जाता है तो वह करोड़ों को जगा जाता है और जब आज ही के दिन औरंगजेब ने धोखे से जिन संभाजी की हत्या करवा दी थी उस समय वहां की मराठा स्त्रियों ने अपने पतियों से कहा था कि या तो हमारी चूड़िया पहन ले हम हथियार उठते है या फिर मुगलों से संघर्ष करो, इसी जोश से वीर मराठाओं ने औरंगजेब की सेना को खदेड़ दिया था ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि इन सब समस्याओं से बाहर आने का मात्र एक ही समाधान है और वह है गायमाता और हमें गायमाता के विषय पर एक होना होगा क्योंकि एक मात्र गो ही है,जो सनातन को एक सूत्र में बांध सकती है और उसके लिए हमें प्रण प्राण से जुटकर गोमाता को घर घर विराजित करने का लक्ष्य पूरा करना होगा और इसके लिए देश के सभी सन्त,कथा प्रवक्ता,पंडित यह सुनिश्चित कर ले कि जिस घर में गाय हो या वह परिवार किसी गोशाला में गौसेवा हेतु सहयोग करता है उसके यहां ही कर्मकांड एवं अन्य धार्मिक एवं सामाजिक व्यवहात करना होगा और जिनके घर गाय नहीं उन्हें बहिष्कृत करना होगा और अगर हमने ऐसा नहीं किया तो फिर हमें कलमा एवं बाइबिल पढ़ना पड़ेगा ।
   गोपाल परिवार संघ द्वारा स्थापित 12 फाउंडेशन में से धारा देवी फाउंडेशन की जानकारी देते हुए धारा देवी फाउंडेशन के प्रमुख कृष्ण किरण जी महाराज ने बताया कि यह फाउंडेशन गोमाता की प्रथम मूलभूत आवश्यकता पेयजल की व्यवस्था करने के लिए गठित हुआ है अर्थात जिन गो चिकित्सालयों में पेयजल का अभाव है उनमें जल की व्यवस्था इस फाउंडेशन के माध्यम से की जाएगी ।

*337 वें दिवस पर सुसनेर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुकेश तिवारी ने भगवती गोमाता की पूजन कर पूज्य महाराज जी का आशीर्वाद लिया*

*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में शासकीय नेहरू कॉलेज आगर के बी एस सी क्लास के विद्यार्थी इको क्लब के तहत पर्यावरण संवर्धन हेतु इको क्लब प्रभारी डॉ.प्रदीप कुमार शर्मा टीम लीडर एवं सहयोगी डॉ.सुजीता कलारे,डॉ.संतोष एस के एवं प्रोपेसर पवन गरवाल के नेतृत्व में महाविद्यालय के बालक बालिकाओं ने गो अभयारण्य के दर्शन कर यहां की जानकारी प्राप्त की और सभी ने भगवती गोमाता के दर्शन कर गो व्रती प्रसादी ग्रहण की*


*337 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 337 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील के इटभारिया से पुष्पराज समदानी, सुनील कुमार समदानी ,योगेश कुमार समदानी, राकेश कुमार समदानी परिवार एवं मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के गांव लटू गहलोत की मातृशक्ति अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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मातृशक्ति अपने चरित्र को इतना मजबूत बनाएं कि कोई आंख उठा न सकें*- साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 334 वें दिवस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने वीर महाबलिदानी पन्नाधाय के जन्मदिवस पर संबोधित करते हुए बताया आज का दिन बलिदान का सर्वोच्च उदाहरण है कि जिसने अपने इकलौते किशोर बच्चे का बलिदान दे देना और राजकुल के राजकुमार उदयसिंह को बचाना ऐसी दिव्यता सात्विकता से ही आती है और पन्नाधाय में वह सात्विकता गो सेवा से ही आई है क्योंकि गायमाता की निष्काम भाव से सेवा मनुष्य में इतना परिवर्तन कर देती है कि वह न होने योग्य काम को भी करवा सकती है उसी का उदाहरण पन्नाधाय ने दिया है कि जिन्होंने अपने कुलदीपक चंदन का बलिदान देकर मेवाड़ के कुलदीपक राजकुंवर उदय सिंह को बचाया है और वे हमें भी एक प्रेरणा दे गई है राष्ट्र की बलिदेवी के लिए बलिदान होने के लिए हमे हमेशा तैयार रहना चाहिए और आज राष्ट्र, सनातन एवं हमारी संस्कृति को बचाए रखने के लिए हमें हमारी संतान को प्रेरित करना होगा ,इसलिए अपने बच्चों को प्रेरणा दीजिए कि राष्ट्र के लिए कुछ कर जाएं क्योंकि पेट तो जानवर भी भर लेते है,, इसलिए हे ! सनातनियों जागो, उठो और राष्ट्र, सनातन एवं संस्कृति के काम में लगो!

*स्वामीजी ने शुभ सूचना देते हुए बताया कि 09 मार्च रविवार को मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र एवं गौसेवक सन्त परम पूज्य कमल किशोर जी नागर विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आशीर्वाद देने के लिए पधार रहें है साथ ही उस दिन महाशिवरात्रि पर्व पर जिन राधाकृष्ण युगल सरकार का विवाह हुआ था वे भी पहली बार फगफेरे के लिए गो अभयारण्य पधारेंगे ।

   अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मातृशक्ति के योगदान के बारे में दवादेवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती दीदी ने बताया कि राष्ट्र एवं गौसेवा के क्षेत्र में हमारे देश की माताओं का गौरवमय इतिहास रहा है, जिसमें विदुषी गार्गी,विदुषी मैत्रेई,माता अहिल्या बाई,झांसी की रानी लक्ष्मी बाई,सरोजिनी नायडू,भीकाजी कामा,नीरा आर्या जैसी वीरांगनाओं की गाथाएं हमारे देश में रही है और मालवा की बात करे तो मां अहिल्याबाई होलकर जिन्होंने गो सेवा के साथ साथ हमारी विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है,अर्थात भगवान आदि शंकराचार्य भगवान द्वारा स्थापित बारह ज्योतिर्लिंग जिनका विध्वंश हमारे यहां आएं आक्रांताओं ने कर दिया था उन 12 ज्योतिर्लिंग का जीर्णोद्वार मां अहिल्याबाई ने कराकर हमारी संस्कृति का रक्षण किया है और ये सब अपने श्रेष्ठ चरित्र के कारण ही वे कर पाई है, इसलिए *अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैं देश की माता बहिनों से आह्वान करती हूं कि हे ! अपने पापा की परियों आप अपने चरित्र को इतना महान बनाओ कि कोई हमारी और आंख उठाकर नहीं देख पाएं,हमारे विचार और कर्म इतने पवित्र हो कि जैसे लंका में रहकर भी रावण माता सीता को स्पर्श करना तो दूर की बात छाया को भी स्पर्श उसी प्रकार हमें भी वर्तमान में। विधर्मी रूपी रावण जो वेश बदलकर हमारे आस पास भटक रहे है उनसे हमें बचना होगा* और आगामी 02 अप्रैल से 10 अप्रैल तक विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में मातृशक्ति के आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर में भाग लेकर अपने आपको झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगना बनाएं।
*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में सूरत से सत्यनारायण जी चांडक की पुत्री प्राणवी, धेनु शक्ति संघ सुसनेर की वर्षा राठौर एवं रामगंजमंडी के उद्धव आदि के जन्मदिवस पर पूज्य महाराज जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि आप सभी गोमाता की सेवा करते हुए अपने जीवन को राष्ट्र निर्माण के लिए लगाएं*






 

*334 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान कोटा जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 334 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के कोटा जिले के रामगंजमंडी से रत्ना जी राठौड़, मनीषा जी राठौड़,सुमन जी राठौड़,सीतु राठौड़, हंसा राठौड़,निर्मला जी राठौड़, कल्ला जी राठौड़,निया जी राठौड़ के साथ गिरिराज जी राठौड़, हरिप्रसाद जी राठौड़,लोकेश जी राठौड़ ,राहुल जी राठौड़,विनोद जी राठौड़ ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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हम अपने प्राण दे देंगे, लेकिन गोमाता पर आँच नहीं आने देंगे*- भाईश्री भारतजी महाराज


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 332 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने मातृशक्ति की महिमा बताते हुए कहां कि परिवार में सुख पूर्वक रहना है तो घर की मान को सुखी रखना होगा क्योंकि हमारी मां सुखी एवं स्वस्थ नहीं रहेगी तो घर की सारी व्यवस्थाएं बिगड़ जाएगी उसी प्रकार संसार को सुन्दर,सुरक्षित,सौम्य बनाएं रखना है,संसार में शुभ वातावरण बनाएं रखना है तो इस धरातल पर इन सब कर्तव्यों को पूरा करने में भगवती गोमाता हमारा प्रकट रूप से सहयोग करती है और गोमाता का निष्काम भाव से आश्रय लेने पर सामर्थ्य,शक्ति,,समझ सहज बढ़ जाती है,,जिससे हमारे मन में किसी के प्रति न राग रहता है न द्वेष रहता है एवं सिद्दी असिद्दी की भावना अलग हो जाती है और सिर्फ एक भाव बना रहता है कि संसार के सुख के लिए मां को सुखी करना होगा अर्थात गैया मैया सुखी होगी तो सारा संसार सुखी हो जाएगा इसलिए इस संसार में भगवान हमें गायमाता की सेवा का निर्देश देते है क्योंकि भगवान कृष्ण ने स्वयं बाबा नन्द से कहा है कि गाय हमारी देवता है और गाय की सेवा से ही समाज एवं राष्ट्र की सेवा होगी ।

*स्वामीजी ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 09 मार्च 2025 को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य मालवा में राष्ट्रीय स्वदेशी संघ एवं धेनु धरती फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में प्रातः 10 बजे से सायंकाल 04 बजे तक ऋषि कृषि सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश के उन्नत किसान एवं कृषि विशेषज्ञ भाग लेंगे*

भारत में गोमाता को सर्वोच्च स्थान मिले इसके लिए गोमाता की महिमा को बढ़ाने के लिए धेनु धन फाउंडेशन के प्रमुख भाईश्री भारत जी महाराज ने बताया कि 04 मार्च 2012 से मेवाड़ की पुण्य भूमि हल्दी घाटी से गायमाता जन जन के हृदय में पुनः स्थापित हो उसके लिए ग्वाल सन्त पूज्य स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना यात्रा प्रारंभ हुई जो आज तक 3 लाख किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा तय कर चुकी है और वर्तमान में ब्रह्मचारी एकलव्य गोपाल जी के मार्गदर्शन में तीन राम, श्याम एवं शिव पदयात्रा मध्यप्रदेश के अनूपपुर एवं बैतूल जिले के गांव गांव में भगवती गोमाता की महिमा का वर्णन करके भगवती गोमाता की कीर्ति बढ़ा रही है और पूज्य स्वामीजी ने विश्व के प्रथम गो अभयारण्य से गोमाता की महिमा बढ़ाने के लिए 12 फाउंडेशन का गठन किया है जिसमें धेनु धन फाउंडेशन जो गोमाता के पंचगव्य उत्पाद मनुष्य का स्वास्थ्य रक्षण की महत्ता बताते हुए पंचगव्य की महिमा को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करेगा साथ ही ग्वाल शक्ति सेना के माध्यम से देश के 5000 निरव्यसनी एवं गोव्रती युवा कार्यकर्ता के माध्यम से भगवती गोमाता के कार्य के लिए एक करोड़ गो भक्तों को जोड़ने का कार्य करेगा इसी प्रकार मातृशक्ति को गो सेवा में अग्रणी रखने के लिए धेनु शक्ति संघ नामक संगठन में 5 हजार गोव्रती मातृशक्ति जुड़कर देश की एक करोड़ माताओ को गौसेवा से जोड़ेंगे अर्थात ग्वाल शक्ति सेना एवं धेनु शक्ति संघ " हम अपने प्राण दे देंगे, लेकिन गौ माता पर आँच नहीं आने देंगे" के उद्देश्य से अपना सर्वच्च अर्पण कर भारत में गोमाता को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने का पुण्य कार्य करेंगे ।

*332 वें दिवस पर झालावाड़ जिले के रटलाई निवासी राजवैद्य स्वर्गीय पण्डित रेवा शंकर जी शर्मा के परिवारजन में पुत्र वैद्य नरेन्द्र कुमार शर्मा, पौत्र भावेश शर्मा, आशुतोष शर्मा, भानेज धर्मेन्द्र कुमार एवं श्रीमती संगीता शर्मा,श्रीमती अनुसूईया एवं मनीष शर्मा आदि अतिथि उपस्थित रहें*
 

*332 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के श्री गंगानगर जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 332 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के सीमाव्रती जिला श्री गंगानगर से दयाराम ,तेजपाल ,मेघाराम ,हंसराज ,रामचंद्र ,कृष्णलाल , नंदराम के साथ श्रीमती कलावती देवी,श्रीमती कैलाश देवी,श्रीमती सुमन देवी,श्रीमती मैना देवी,श्रीमती गीता देवी एवं श्रीमती निर्मला देवी आदि मातृशक्ति 
 ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए देश की युवा एवं मातृ शक्ति को आगे आना होगा*- राधावत्स जी महाराज *मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र संत कमल किशोर जी नागर 09 मार्च को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आगमन* स्वामी गोपालानन्द सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 333 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि भगवती गायमाता की कृपा से सृष्टि है,लेकिन सृष्टि और सुखमय एवं सुरक्षित हो उसके लिए गायमाता की सेवा सुन्दर तरीके से होनी चाहिए,श्रेष्ठ एवं दिव्य रीति से हो इसके लिए द्वादश फाउंडेशन की रचना कर उन 12 फाउंडेशन के माध्यम से गायमाता को सात प्रकार "आहार,आश्रय, औषधि, आदर,आनन्द,आलिंगन एवं आजादी ये सब सुख मिले और सभी अपने अपने तरीके से। कार्य कर रहें है और प्रतिदिन किसी न किसी फाउंडेशन की विस्तृत चर्चा यहां करते है उसी क्रम में धेनु देवी फाउंडेशन के कार्य के बारे में बताते हुए कहां कि ये फाउंडेशन दो प्रकार से कार्य करता है, जिसमें से प्रथम सुप्रशिक्षित ग्वालों को प्रशिक्षण देकर उनमें गायमाता को सुखी रखने का भाव भरना और दूसरा चिकित्सा कर्मियों में श्रद्धा भाव वाली चिकित्सा का प्रशिक्षण दिलवाना और देशभर में जितनी भी गो पेथीया है उन गो प्रथीयों को गायमाता के उपचार का संग्रहरण करना और उसे सब तक पहुंचना और ग्वाल प्रशिक्षण की दृष्टि से प्रथम प्रशिक्षण विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में हो चुका है और द्वितीय प्रशिक्षण मार्च के अंतिम सप्ताह से प्रारम्भ होगा ।



*स्वामीजी ने आगे बताया कि गोमाता की सेवा में सभी फाउंडेशन श्रेष्ठ कार्य करें उसके लिए मालवा माटी के एवं मां सरस्वती के वरदपुत्र एवं गौसेवक सन्त परम पूज्य कमल किशोर जी नागर विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में 09 मार्च रविवार को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आशीर्वाद देने के लिए पधार रहें है साथ ही उसी दिन मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान के 350 प्राकृतिक कृषि करने वाले 350 किसान भोपाल से पधार रहें है और उस दिन प्रातः 10 बजे से 04 बजे तक ऋषि कृषि सम्मेलन होगा साथ ही उस दिन महाशिवरात्रि पर्व पर जिन राधाकृष्ण युगल सरकार का विवाह हुआ था वे भी पहली बार गो अभयारण्य में फगफेरे के लिए पधारेंगे ।

भारत में गोमाता को सर्वोच्च स्थान मिले इसके लिए गोमाता की महिमा को बढ़ाने के लिए धेनु देवी फाउंडेशन के प्रमुख राधावत्स जी महाराज ने बताया कि जिस गायमाता को भगवान की भी भगवान माना है और शास्त्रों में भी गायमाता को विश्व एवं त्रिलोक की माता मानकर उसकी महिमा गाई है,उस देश में गायमाता के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है और अब समय आ गया है कि जिस प्रकार देश की आजादी के लिए सुभाषचंद बोस ने देश के युवाओं से खून के बदले आजादी देने की बात कही थी उसी प्रकार देश की गोमाता की रक्षा के लिए ग्वाल शक्ति सेना और धेनु शक्ति संघ में देश के नौजवान युवक एवं मातृशक्ति आगे आना होगा ।

*333 वें दिवस पर श्री कामधेनु गोपाल गोशाला सेवा संस्थान सुमेल के अध्यक्ष श्री सोहन लाल जी शर्मा,श्रीमति पुष्पा देवी,अजीत जी शर्मा,श्रीमती सीमा शर्मा,श्रीमती गायत्री जी दाधीचएवं लेफ्टिनेंट ऋषभ जी शर्मा व श्री बालाजी गौ सेवा धाम दतैङी पिलखुवा जिला हापुङ से गो प्रेमी अभय अग्रवाल,श्रीमती आकांक्षा अग्रवाल एवं लक्ष अग्रवाल व बद्रीलाल राठौर सलोतीया,राजेश कुमार राठौर पिड़ावा अतिथि उपस्थित रहें ।
*विगत दिनों उज्जैन पुलिस ने गो तस्करों को पकड़कर जो सबक सिखाया है उन सभी जांबाज पुलिस अधिकारियों को भी 09 मार्च को कथा के समय सम्मानित किया जाएगा जिसका आस्था चेनल के माध्यम से सीधा लाइव प्रसारण होगा*


*333 वे दिवस पर चुनरी यात्रा सिक्किम एवं उत्तरप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 333 वें दिवस पर चुनरी यात्रा सिक्किम के भारत चाइना सीमा पर भारत माता की सेवा कर रहें लेफ्टिनेंट ऋषभ शर्मा,अपने दादाजी, दादीजी श्री सोहन लाल जी शर्मा,श्रीमति पुष्पा देवी,एवं अपने माता पिता अजीत जी शर्मा,श्रीमती सीमा शर्मा, व श्रीमती गायत्री जी दाधीच एवं उत्तरप्रदेश के हापुड़ जिले से आईआईटी इंजीनियर अभय अग्रवाल ने अपनी धर्मपत्नी आकांक्षा अग्रवाल एवं पुत्र लक्ष अग्रवाल के साथ सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।


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अपनी बेटियों को चांद का टुकड़ा न बनाकर सूरज का अंगारा बनाएं*- साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 331 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि गौसेवा ही असल में भगवान की सेवा है,जिसका प्रभाव दिख भी रहा है और अभी हाल में दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा जी गुप्ता ने भी अपने वक्तव्य में स्वीकार किया है कि मैं तो विधायक के रूप में जनता जनार्दन की सेवा करने आई थी लेकिन भगवती गोमाता ने ही उनकी सेवा करने के लिए मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा है और भारत की राजधानी दिल्ली में अब एक भी गोमाता निराश्रित नहीं रहें इसके लिए मैं पूर्ण सेवा भाव से कार्य करूंगी अर्थात दिल्ली की मुखिया की तरह भारत के हर राज्य के मुखिया इसी प्रकार की भावना रखकर गो सेवा में जुट जाएंगे तो मेरे देश की एक भी गोमाता निराश्रित नहीं रहेगी ।

स्वामीजी ने अतिथि के रूप में आंबादेह(बडौद) से पधारे रघुनाथ सिंह जी आर्य का अभिनन्दन करते हुए बताया कि आपने अपने विवाह में भाग लेने आई माता बहिनों को एक एक तलवार भेट कर एक इतिहास बनाया है और कहां कि आर्य साहब से प्रेरणा लेकर अन्यों को भी इस प्रकार का उपहार हमारी माता बहिनों को देनी चाहिए और आग्रह किया कि आपने जिन जिन माता बहिनों को तलवार भेंट की है उन्हें आगामी 02 अप्रैल से 10 अप्रैल 2025 तक विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में होने वाले आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर में भेजिए ।


गोमाता की सेवा में नारीशक्ति की महत्ता के बारे में बताते हुए दाना देवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती दीदी ने बताया कि माताओं ने अपने परिवार के कर्तव्यों के साथ गोरक्षा का कर्तव्य भी निभाया है,
हालाकि समाज की छोटी सोच के कारण, माताओं को कमजोर माना है , पर माताएं कोमल हो सकती हैं पर किसी भी सूरत में कमजोर नहीं हो सकती और ईश्वर ने भी
 नारी और पुरुष को समान बनाया है, 
पर समाज में माताओं को पुरुषों से कम समझा है, और माताओं पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा दी और 
पुरुषों को हर काम करने की स्वतंत्रता दी गई हैं
पर स्त्रियों को रीति रिवाज, संस्कारों का आश्रय बताकर उनपर तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिया जाता है और घर में बिठा दिया जाता है पर अब स्त्रियां भी अपने अधिकारों के प्रति
 जागरूक हो रही हैं क्योंकि अब माताएं भी पीछे नहीं है और जब जब आवश्यकता पडी तो माताओं ने भी पुरुषों के साथ खड़े होकर हर क्षेत्र में अपना योगदान एवं बलिदान दिया है भगवान राम मर्यादा राम बनते है तो वह प्रेरणा सीता माँ की ही थी,अहिल्या माता के साथ छल किया था इंद्र भगवान ने ,पर दंड भोगा माँ अहिल्या ने जिन्हें पत्थर बनना पड़ा ।
3. करणा देवी बड़ी सुंदर थी, अकबर का शासन काल, मीना बाजार लगता, माताएँ ही पुरुष नहीं ja सकते थे, जब अकबर महिला का वेश बनाकर पहुंचा, हाथ पकड़ा, समझी लात मारी, गिराया, और कटारी निकालकर गर्दन पर लगायी, अगर मन से माँ कहकर पुकारेंगे , और आगे से सभी बहन बेटियों को माँ बहन की दृष्टि से देखेगा तो छोड़ेगी, और बोला कि आप तो दुर्गा हो भवानी हो बोला tab छोड़ा इसी प्रकार पन्नाधाय ने अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए अपने खुद के बेटे की प्राणों की आहुति दे डाली और इस प्रकार का त्याग एवं बलिदान एक नारी ही कर सकती हैं और ऐसा इतिहास कभी पुरुषों का नहीं रहा हैl साध्वी जी ने देश की माताओं से आग्रह किया कि है,माताओं आप अपनी बेटियों को चांद का टुकड़ा नहीं,सूरज की तरह ओजस्वी बनाओ,तेजस्वी बनाओ ताकि कोई उसकी तरफ़ आँखें उठाकर न देख सके और अब राष्ट्र रक्षा,,धर्म रक्षा के साथ देश की माता बहिनों को गो रक्षा में आगे आना पड़ेगा क्योंकि आज गौमाता को लोगों ने दूध पीकर दर दर भटकने के लिए छोड़ दिया है, भूख प्यास के कारण के कारण गौमाताओं के प्राण चले जाते हैं और देश में 80 हजार से अधिक गोवंश कसाइयों के चंगुल ने फंसकर कट रहा है , सनातन संस्कृति की मूल आधार भगवती गौमाताओं को बचाने के लिए आगे आना होगा और उसके लिए श्री गोपाल परिवार संघ ने धेनु शक्ति संघ रूपी माताओं के लिए संगठन बनाया है जिसमें देश की 5 हजार व्यसन मुक्त गो व्रती माताएं जुड़कर देश भर में एक करोड़ माताएं गो सेवा एवं गो रक्षा के लिए तैयार करेगी क्योंकि अब गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिला पाएंगी।


331 वें दिवस पर भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रान्त संगठन मंत्री श्री परमानंद जी भाईसाहब, झालावाड़ जिला अध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर एवं दैनिक आगाज ए चन्दन समाचार पत्र के संवाददाता मनीष जी राठौर सुसनेर आदि अतिथियो को उपरना एवं गोमाता की छवि देकर सम्मानित किया ।
 

*331 वे दिवस पर चुनरी यात्रा भारतीय किसान संघ एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 331 वें दिवस पर चुनरी यात्रा भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रान्त के संगठन मंत्री परमानंद जी एवं झालावाड़ जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर एवं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के उड़नखेड़ी से श्रीमती गीता बाई एवं सेठ श्रीनाथ जी अग्रवाल के परिवार व रामचंद्र पुष्पक,सर्जन सिंह पटेल एवं भोला आदि ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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