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दैनिक समाचार



कष्ट उठाने वाले ही कष्ट दूर कर सकते है*- गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज


सुसनेर/- जनपद सुसनेर क्षेत्र में मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य सालरिया में चल रहें एक वर्षीय गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव के प्रथम दिवस भारतीय नूतन वर्ष विक्रम संवत् २०८२ रविवार को श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास के न्यासी बोर्ड कार्यकारिणी एवं सुरभि प्रज्ञा परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी प्रधान संरक्षक परम गो वत्स पूज्य राधाकृष्ण जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में बताया कि एक बार भानपुरा पीठ के जगतगुरू शंकराचार्य पूज्य स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज ने हरिद्वार में एक सन्यासी को बताया कि राजस्थान में एक ऐसा स्थान है जहां लाखों गोमाता की सेवा होती है और वहां एक समय के चारे की ही व्यवस्था रहती है लेकिन वहां एक ऐसे संत है जो सायंकाल के चारे के लिए भजन करते है और ठाकुर जी चारे की व्यवस्था कर देते है,ऐसे दिव्य संत है पूज्य पथमेड़ा महाराज जी ,जिनका जन्म केवल भगवती माता की सेवा के लिए ही हुआ है।
   पूज्य महाराज जी ने आगे बताया कि भगवती गोमाता के लिए अगर कष्ट उठाना पड़े तो हमें घबराना नहीं चाहिए क्योंकि "कष्ट उठाने वाले ही कष्ट दूर सकते है " साथ ही गौसेवा करने वालों की बैठक देश के क्रांतिकारियों की बैठकों की तरह होनी चाहिए और हमारे हर न्यासी को इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम विश्व के लोक प्रसिद्ध गोसेवा संस्थान के न्यासी है और हर कार्यकर्ता को यह ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए कि पूज्य पथमेड़ा बावजी हमारे हृदय में है इस प्रकार हम कार्य में जुटेंगे तो हम श्रेष्ठ कार्य कर पाएंगे साथ ही महाराज जी ने कहा कि आजकल किसी भी सत्संग एवं कथा की धन इकठ्ठा करने का माध्यम मानकर हम जाने अनजाने में भगवान का अपमान कर रहे है जबकि सत्संग एवं कथा तो केवल भाव जागृत करने का माध्यम होना चाहिए ।

बैठक में श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के राष्ट्रीय संयोजक ग्वाल संत गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि हमें ईमानदारी पूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए ओर हम अपने परिवार को भी गोसेवा के कार्य से जोड़ेंगे तो हम हमारे कार्य को ओर अच्छे से कर पाएंगे ।
अरबुदा गो नंदी तीर्थ के संरक्षक गोविन्द वत्सल दास जी ने बताया कि गोमाता का कार्य ईश्वरीय कार्य है और इसके लिए भगवान ने हमें निमित्त बनाया है यह हमारा शौभाग्य है साथ ही मनुष्य को कभी यह अंहकार नहीं करना चाहिए कि यह मैने किया है और जहां मैं की भावना आ जाती है वहीं से उस मनुष्य के पतन की शुरुआत हो जाती है और जिसके मन में दृढ़ संकल्प हो ओर मन में पक्का विश्वास हो तो कार्य में कोई बाधा नहीं आती ।
 गोपाल परिवार से वरिष्ठ साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती ने बताया कि गौसेवा में मातृशक्ति की भी अहम भूमिका होनी चाहिए और जिस कार्य में मातृशक्ति का सहयोग पुरुष को मिलता है वह कार्य और श्रेष्ठता से होता है और पूज्य गुरुदेव स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन में धेनु शक्ति संघ नामक संगठन मातृशक्ति के लिए गठित किया है,जिसमें पांच हजार गोव्रती माता बहिनों के माध्यम से एक करोड़ माता बहिनों को गो सेवा कार्य में जोड़ा जाएगा ।
  बैठक में श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास के अध्यक्ष प्रदीप बंसल,कार्यकारी अध्यक्ष रघुनाथ सिंह,महामंत्री अर्जुन सिंह एवं कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश जी ने आगामी वर्ष की कार्य योजना पर अपने विचार रखे ,बैठक में देश भर के सभी न्यासियों ने मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य जो 01 जनवरी 2023 से विश्व के लोक प्रसिद्द गो सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित है,उसे विश्व का प्रसिद्द गो पर्यटक स्थल बनाने एवं मध्यप्रदेश के यशस्वी गोसेवक मुख्यमंत्री जी की इच्छानुसार इस गो अभयारण्य का नाम परिवर्तन कर *श्री कामधेनु गोकुल गोधाम* करने का प्रस्ताव लेकर राज्य सरकार को भिजवाने का निर्णय लिया बैठक का संचालन कार्यपालन अधिकारी आलोक सिंहल ने किया बैठक में देशभर के सभी राज्यों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।


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भगवान कृष्ण ने स्वयं भूतल में आकर हमें गो सेवा का मंत्र दिया*- गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज


सुसनेर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव के द्वितीय दिवस पर पूज्य गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज द्वारा एक वर्षीय गौ आराधना महा महोत्सव के अंतर्गत भक्त चरित्र नरसिंह मेहता का परम पावन चरित्र प्रसंग नानी बाई के मायरे के माध्यम से आगे की कथा सुनाते हुए कहा कि परम पावन इस दिव्य तीर्थ गो अभयारण्य की इस भूमि पर वर्ष पर्यन्त गो महिमा का गान होता रहा है और अभी दिव्य भाव से शिव शक्ति यज्ञ यहां संपादित हो रहा है जबकि यहां बहुत अधिक पेड़ भी नहीं है बहुत अधिक जल के स्रोत भी नहीं हैं है और इस पूरे जंगल के पथरीले पठार में यहां रहकर जो गो सेवा हो रही है और जो सेवा कर रहे हैं वह अदभुत है और निश्चित मानिए कि बिना गोपाल कृष्ण की कृपा व आशीर्वाद के बिना यह संभव नहीं है 
 महाराज जी ने बताया कि जिस प्रकार गांव के व्यक्ति को अपने गांव के जीवन में शहर वाले को शहर के जीवन में रस मिलता है,उसी प्रकार जो गो सेवा में रस आता है, उसको लगता है जो रस गोमाता के गोष्ठ में गो सेवा से मिलता है उतना रस बड़े बड़े शहरों में नहीं मिलता । भगवान ने अनेक अवतार लिए और खूब पराक्रम दिखाया लेकिन नारद जी ने भगवान को कहां कि प्रभु ऐसे अवतार लीजिए जिसके माध्यम से आप कुछ करके दिखाएं ताकि आपका वे अनुसरण कर सकें और भगवान ने द्वापर में कृष्णावतार लेकर पहले माखन की चौरी की और फिर गोचारण किया । आजकल लोगों का मानना है कि पंचगव्य उत्पाद का प्रचार किसी बड़े फिल्म स्टार अथवा खिलाड़ी से करवाना चाहिए ताकि माल अधिक सकें इसपर महाराज जी ने बताया कि कोई नेता अभिनेता किसी वस्तु का प्रचार करें तो उसमें खोट हो सकती है लेकिन जिस पदार्थ का भगवान ने स्वयं प्रचार किया उसमे कोई खोट नहीं हो सकती भगवान ने माखन चोरी करके पंचगव्य का प्रचार किया और दूसरा गो चारण करके गो सेवा का यानि भगवान कृष्ण ने स्वयं भूतल में आकर हमें गो सेवा का मंत्र दिया भगवान ने स्वयं कहां कि जो फल मदभागवत के परायण के पाठ करने से मिलता है वहीं फल गो सेवा से मिलता है, इसलिए हम सभी गव्य को अमृत समझकर उसका उप एवं प्रचार करें और जिस प्रकार भगवान ने कृष्णावतार में गौसेवा की उसे हम भी दोहराकर भगवान को प्रसन्न कर सकते है। 
    महाराज जी ने नरसी मेहता जी की कथा के माध्यम से बताया कि सम्पता, विपन्नता सबको दिखती है लेकिन भक्ति किसी की नहीं दिखती और नरसी मेहता ने कुछ पाने के लिए भक्ति नहीं की लेकिन भगवान ने बिना मांगे सबकुछ दे दिया और भक्ति का सबसे श्रेष्ठ साधन गो सेवा है क्योंकि गो सेवा के बिना तो किसी भी प्रकार की कल्पना नहीं की जा सकती और जीवन में वही श्रीमंत है,जिसका जीवन उपयोगी है। महाराज जी ने बताया कि नरसी जी की तरह इस अभयारण्य की स्थिति है,लेकिन भगवान की कृपा की कृपा से आज यहां आनन्द हो रहा है और यह एक सिद्ध क्षेत्र बन गया है ओर यहां जो जो भी आएंगे उनके सारे कष्ट भगवान मिटा देंगे और अंत में पूज्य गो वत्स राधा कृष्ण जी महाराज का आभार जताते हुए स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि भगवान के बहाने जब आपने भगवान की कथा सुनाई तो ऐसा लगा कि यह अभयारण्य नरसी जी की भूमिका में है और आप नानी बाई के भाई भगवान कृष्ण के रूप में यहां पधारे है। 
*उपसंहार उत्सव के तृतीय दिवस 01 अप्रेल को आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पूज्य श्री श्री रवि शंकर जी महाराज जी के कृपा पात्र शिष्य स्वामी हरिहर जी महाराज का पावन आशीर्वाद मिलेगा। 

एक वर्षीय गोकृपा कथा के उपसंहार उत्सव के द्वितीय दिवस पर चुनरी यात्रा मुंबई से नरेंद्र पुरोहित, कोटा से सुरेंद्र शर्मा , भवानीमंडी रवि , कपिल भराडिया ,खानपुर के गोलाना ग्रामवासी, ,खानपुर,झालावाड,सेमली खाम, धरोनिया, भोपाल से श्रीमति निर्मला माधव चतुर्वेदी dysp,ब्यावर के कोटडा केसर सिंह गोमाता के लिए मायरा ,नलखेड़ा सुई गाँव,रतलाम के.पिपलोदा तहसील के रानीगांव, रियावन एवं-संत श्री आसाराम जी गौशाला , सुसनेर आदि ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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विगत 10-12 वर्षों से ही आजादी का अनुभव कर रहा है सनातन समाज*- रामस्वरूप जी महाराज,भारत माता मंदिर बांसवाड़ा


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 349 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज हमारे बीच में एक ऐसे दिव्य संत पधारे है जिन्होंने सभी चारों वर्णों के लोगों को एक सूत्र में बांधकर सनातन धर्म को मजबूत कर रहें है ऐसे दिव्य संत भारत माता मंदिर बांसवाड़ा परियोजना के दिव्य संत रामस्वरूप जी महाराज का विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में अभ्यारण्य में विराजित 6700 गोवंश एवं उनकी सेवा करने वाले ग्वालों की और से हार्दिक अभिनंदन है । रामस्वरूप जी महाराज बांसवाड़ा परियोजना के माध्यम से बांसवाड़ा में ही नहीं वरन भारत के पूर्वी क्षेत्र त्रिपुरा,मिजोरम जैसे सुदूर क्षेत्र में भी सनातन समाज को संगठित करने का कार्य कर रहें है ।

*गोकृपा कथा के 349 वें दिवस पर संबोधित करते हुए रामस्वरूप जी महाराज ने खान कि भगवान राम की कृपा से हम सबको ऐसे समय में जन्म मिला है कि हम अपनी आंखों से बहुत अच्छा होते देख रहें है और भी बहुत अच्छा देखेंगे क्योंकि विगत 700 वर्षों से भारत में बादशाही शासन और 200 वर्षों तक अंग्रेजी शासन रहा और उसके बाद 1947 से देश आजाद हुआ लेकिन हम विगत 10,,12 वर्षों से ही हम आजादी का आभाष कर रहें है और आने वाले समय में पाकिस्तान,बांग्लादेश एवं अफ़ग़ानिस्तान ये सब भी भारत के अंग बनेंगे जिसके लिए भगवान ने हमें मोदी जी एवं योगी जी जैसी दो दिव्य विभूतियों को भेजा हैं और विशेषकर योगी जी को क्योंकि भारत के अधिकांश तीर्थ स्थल यूपी में है और जब पहले कोई भी तीर्थयात्रा करने जाता तो उसको रो रो कर विदा करते थे कि अब ये वापस नहीं आएगा क्योंकि यूपी में सबसे ज्यादा मुगलियत का प्रभाव था लेकिन आज योगी जी ने सबको ठीक कर दिया है और एक दिन यूपी के मुसलमान भी यह कहेंगे कि हमारे बाप दादा भी हिन्दू ही थे इसलिए हम भी सनातन धर्म में लौटेंगे।
   महाराज जी ने खान कि हमारे लिए धरती माता एवं गोमाता महत्वपूर्ण है और मध्यप्रदेश शासन गोमाता की सेवा में अग्रणी है और उसने विश्व के प्रथम गो अभयारण्य को विश्व के लोक प्रसिद्ध गो सेवा संस्थान को देकर पुण्य का कार्य किया है साथ ही मैं राजस्थान सरकार का भी आभार प्रगट करता हूं कि वहां की सरकार ने एक जोड़ी बैल से खेती करने वाले किसान को 30,000 रुपए की सहायता राशि का निर्णय लिया है उससे गो सेवा का कार्य बढ़ेगा और बेलो के खुर के माध्यम से उन्नत कृषि का लाभ यहां की जनता को मिलेगा क्योंकि जहां जहां भी गोमाता की सेवा होती है या बेलों से खेती होती है वहां कभी भी अकाल नहीं पड़ता है इसलिए हम सबको भी धरती माता एवं गोमाता की पूजा सेवा के लिए आगे आना होगा ।


*मध्यप्रदेश के गौसेवक मुख्यमंत्री डॉ.मोहन जी यादव अपना 61 वा जन्मदिवस विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आगामी 25 मार्च, पाप मोचनी एकादशी मंगलवार को मनाएंगे ,अपने जन्मदिवस पर प्रदेश के मुखिया गो अभयारण्य एवं इस क्षेत्र की ग्राम पंचायत ननोरा,श्यामपुरा,सेमली सालरिया ग्राम पंचायत के सभी ग्राम एवं मेदपुर ग्राम पंचायत के पटपड़ा ग्राम सहित गो अभयारण्य जो कुंडा लियां डेम परियोजना में छूट गए थे उनके लिए बड़ी सौगात दे सकते है साथ ही गो अभयारण्य में गौमाताओं के लिए चारा वाहन लाने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं है इसके लिए भी मुख्यमंत्री ननोरा से गो अभयारण्य के लिए सड़क मार्ग की सौगात के साथ अन्य कई प्रकार की सौगात दे सकते है*

*349 वे दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तरप्रदेश,दिल्ली,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 349 वें दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तरप्रदेश,दिल्ली,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के गोभक्त परिवार ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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कुरीतियों एवं बुराइयों को कान से सुने हृदय में न उतारे*- स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ,जगदगुरू शंकराचार्य भानपुरा पीठ


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 353 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि जहां जहां भी संतो के चरण पड़ते है वह स्थान उन संतो के चरणारविन्दुओं से और पवित्र हो जाता है और भानपुरा पीठ के शंकराचार्य भगवान के चरण पड़ते से यह स्थान और सिद्ध हो गया है ।
स्वामीजी सहित अभ्यारण्य में विराजित संतो ने शंकराचार्य भगवान ज्ञानानंद जी तीर्थ की चरण पादुका पूजन कर उनका आशीर्वाद लिया।

*353 वे दिवस पर जगदगुरू शंकराचार्य भगवान भानपुरा पीठ स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ ने अपने आशीर्वचन में बताया कि दत्तात्रेय जी ने अपने समीप गोमाता और स्वान को रखकर हमें यह संदेश दिया हे कि जीवन में हमें किसी न किसी से कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए
धरती माता से हमे सहशीलता एवं परोपकारिता सीखनी चाहिए गोमाता का गौमूत्र सबसे पवित्र होता हे,गोमाता भूसा खा कर भी हमें अमृतमय दुग्ध देती है अर्थात बिना कुछ लिए गोमाता हमें बहुत कुछ दे देती है।
शंकराचार्य भगवान ने बताया कि प्रकृति ने सबके लिए प्रसाद की व्यवस्था की है परंतु इंसान सबके हिस्से का खा गया रहा है और गोमाता के लिए दृष्टि ने जो घास फूस बनाया है उसे भी आज मानव जलाकर नष्ट कर रहा है,जिससे असंख्य जीवों की हत्या के साथ साथ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, जबकि भगवती गोमाता उन तृणों को खाकर हमें अमृत रूपी दूध एवं गोबर गोमूत्र के रूप में पर्यावरण संरक्षण एवं हमारे स्वास्थ्य रक्षा करती है इसलिए पर्यावरण संरक्षण में भगवती गोमाता की भूमिका महत्वपूर्ण है ।
 शंकराचार्य ने धरतीमाता एवं गोमाता दोनों की महिमा बताते हुए बताया कि धरती माता हमें आश्रय देती है और गोमाता हमें पोषण के साथ साथ वात्सल्य भी देती है । समुद्र मंथन में जहर अमृत के साथ हमें कामधेनु गोमाता मिली है । जहर को तो भगवान शंकर ने अपने गले में गटक हमें यह संदेश दिया कि किसी भी बुरी बात को न तो निगले न ही उसे उगले बल्कि उसे अपने गले में ही रखे यानि कोई भी कुरीति हो उसे कान से सुन तो ले लेकिन उसे दिल में न उतारे भगवान शंकर ने हलाहल विष को अपने गले में रखकर किसी को कष्ट नहीं होने दिया और वे नीलकंठ कहलाएं।

*353 वें दिवस पर पूज्य देवानंद जी महाराज
सहित श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी अधिकारी आलोक सिंहल,प्रबंध न्यासी अंबालाल सुथार,क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्मदत्त व्यास, भूर सिंह राजपुरोहित एवं इंदौर महानगर गो सेवा भारती के वरिष्ठ कार्यकर्ता कैलाश खंडेलवाल ,निलेश गंगराड़े महामंत्री, दुर्गा प्रसाद शर्मा ,नंदकिशोर शर्मा,दिनेश दाते,महेश , प्रमोद, रत्ना , रूपाली भारती प्रमोद मौलिक प्रमोद खंडेलवाल आदि अतिथि उपस्थित रहे ।

*353 वे दिवस पर चुनरी यात्रा बिहार,झारखंड राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 353 वें दिवस पर चुनरी यात्रा बिहार,झारखंड राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के इंदौर महानगर गो सेवा भारती के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज 29,30,31 मार्च को अभयारण्य में नानी बाई को मायरो*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 354 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के अन्तिम एक दिवस पूर्व मनुष्य के जातकर्म संस्कार के बारे में बताते हुए कहां कि मैकाले मानस पुत्रों के प्रभाव एवं मुगलों एवं अंग्रेजो की गुलामी के कारण हम हमारी संस्कृति को भूलते गए और 16 संस्कार बताकर हमें गलत बताया जबकि शास्त्रों के अनुसार 44 संस्कार बताए है एवं कोई भी संस्कार गाय माता के बिना संभव नहीं है जिसके कारण युवा पीढ़ी भटकाव की बढ़ने लग गई क्योंकि जब से हम गो से दूर हुए है तब से हममें शहनशीलता एवं वात्सल्य की कमी आई है, क्योंकि ये दोनों गुण ही भगवती गोमाता के पावन सानिध्य में हमें मिलते है इसलिए बालक को गर्भावस्था से लेकर जन्म लेने के बाद सारे संस्कार भगवती गोमाता की पावन उपस्तिथि में देना चाहिए ।
  पूज्य महाराज जी ने बताया कि हम कल यानि 29 मार्च को एक वर्ष के इस महामहोत्सव के पूर्णता की और जा रहें है ओर कल 29 मार्च से 30 एवं 31 मार्च को गोवत्स पूज्य राधाकृष्ण जी महाराज के पावन मुखारविंद से हम सब को नानी बाई जी के संगीतमय मायरे को श्रवण करने का शौभाग्य विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में मिलने जा रहा है,जिसका दोपहर 01 बजे से सायंकाल 04 बजे तक का समय रहेगा जिसका आस्था,धर्म संदेश,आस्था भजन, धेनु टीवी चैनल एवं पथमेड़ा यू ट्यूब चैनल के माध्यम से सीधा प्रसारण होगा साथ ही श्री राममंदिर की शिला पूजन करवाने वाले विद्यान पंडित गंगाधर जी पाठक मैथिली के आचार्यत्व में विद्वान आचार्यों के माध्यम से शिव शक्ति महायज्ञ का 09 दिवसीय यज्ञ उपसंहार उत्सव में होगा एवं 30 मार्च से 12 अप्रैल 2025 तक प्रतिदिन देश के महान संतो के प्रवचन आदि कार्यक्रम उपसंहार उत्सव में आयोजित होंगे ।

पूज्य महाराज जी बताया कि रणबांकुरों एवं शक्ति,भक्ति एवं शौर्य एवं बलिदानों की भूमि में आज भी महाराणा प्रताप जैसी हिम्मत है और उसी हिम्मत से उत्तरप्रदेश के पावन तीर्थ प्रयागराज से राजस्थान से प्रयागराज जाकर 200 गौ वंशों को बचाकर टोंक सवाई माधोपुर की टीम के रणबाकुरों ने पुण्य का कार्य किया है,उनके इस कार्य के लिए सभी को वंदन ।

*354 वे दिवस पर श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के पूर्व अध्यक्ष एवं ग्वाल शक्ति सेना के प्रधान संरक्षक आर.के. अग्रवाल ने बताया कि हम सब शौभाग्यशाली है कि हमें भगवती गोमाता की सेवा करने का शौभाग्य मिला है और आज इस पुण्य धाम जहां पर छ हजार से अधिक गोमाता के दर्शन एवं उसकी एक वर्ष तक निरन्तर गो कृपा कथा चल रही है अर्थात जिस गोमाता की महिमा एक वर्ष में 60 प्रतिशत भी पूर्ण न हो तो फिर उसे भगवती की सेवा का कितना महत्व है इसलिए मैं सभी देश वासियों से आह्वान करता हूं कि गाय माता को वेदों के वर्णित समान प्राप्त हो सेवा उचित प्राप्त हो सुरक्षा पूरी प्राप्त हो समान पूरा प्राप्त हो उस कार्य के आगे बड़े यही हमारा सच्चा धर्म है और यही वास्तविक सद्कर्म है इसलिए हम सभी ग्वाल शक्ति सेना एवं धेनु शक्ति संघ के माध्यम गौसेवा के कार्य में जुटकर भगवती गोमाता को सम्मान दिलाने में अपनी भूमिका निभाए ।
एक वर्षीय वेद गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव जो आगामी 30 मार्च से 12 अप्रैल 2025 चलने वाला है उसके लिए भारत सरकार के गृह मंत्री माननीय अमित शाह, केंद्रीय परिवहन मंत्री एवं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष माननीय नितिन गडकरी, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि एवं पंचायत राज मंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय संचार मंत्री माननीय ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद माननीय रोडमल नागर आदि जनप्रतिनिधियों को उनके दिल्ली आवास पर अभ्यारण्य के प्रबंधक शिवराज शर्मा ने उपसंहार उत्सव का आमंत्रण पत्र देकर उन्हें भगवती गोमाता के पुण्य धाम पर आने जा आग्रह किया।


गाय माता को वेदों के वर्णित समान प्राप्त हो सेवा उचित प्राप्त हो सुरक्षा पूरी प्राप्त हो समान पूरा प्राप्त हो उस कार्य के आगे बड़े यही हमारा सच्चा धर्म है और यही वास्तविक सद्कर्म है।

*354 वें दिवस पर पूज्य संत 
लक्ष्यानद जी बावजी,भेरूगिरी जी महाराज,सुरेश पूरी जी महाराज पुष्कर ब्रह्मामंदिर का पावन सानिध्य मिला*


*354 वें दिवस पर जमशेदपुर से आर.के अग्रवाल,सोहन लाल जी एवं राजसमंद के पूर्व विधायक गौसेवक बंशी लाल अतिथि के रूप में पधारे अतिथियों का श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यपालन अधिकारी आलोक सिंहल, क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्मदत्त व्यास एवं न्यासी भूर सिंह राजपुरोहित ने उपरना एवं मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर भगवती गोमाता की छवि देकर सम्मानित किया।

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 354 वें दिवस पर चुनरी यात्रा झारखंड, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के गो प्रेमियों की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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दिव्य संतो के सानिध्य में मध्यप्रदेश का गोकुल बन गया है विश्व का गो अभयारण्य* ,- डॉक्टर मोहन यादव,मुख्यमंत्री


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 351 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि मध्यप्रदेश के गौसेवक मुख्यमंत्री डॉ.मोहन जी यादव ने विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में अपना 61 वा जन्मदिवस मनाकर एक मिशाल कायम की है और इससे प्रदेश में गो संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा कि एक प्रदेश का मुखिया भगवती गोमाता की पूजन एवं यज्ञ करके गो शाला में अपना जन्मदिवस मना रहें है इससे सनातन परम्परा को बल मिला है ।


अपने 61 वें जन्मदिवस के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने खुशी जाहिर करते हुए कहां कि मुझे आज बड़ी खुशी हो रहीं है कि मैं 6700 गोमाता के बीच अपना जन्मदिवस मना रहा हूं और इसके लिए श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा महाराज जी एवं स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती के साथ साथ में अहमदाबाद के गो भक्त चिमन भाई अग्रवाल एवं उनके परिवार एवं साथियों का आभार जताता हूं कि उन्होंने मध्यप्रदेश शासन द्वारा मनाएं जा रहें गोवंश रक्षा वर्ष में अपनी द्रव्याहुति देकर मध्यप्रदेश में एक वर्ष के महामहोत्सव का मुख्य यजमान बनकर भगवती गोमाता का बड़ा कार्य किया है साथ ही मुख्यमंत्री ने गो अभयारण्य की जगह अन्य नाम रखने की बात कहकर कहा कि यह तो पूज्य संतो के सानिध्य में मध्यप्रदेश का गोकुल बन गया है ओर यहां साक्षात भगवान कृष्ण स्वयं विराजित है इसलिए यह विश्व का एक गोकुल तीर्थ के रुप में स्थापित होगा ।

मुख्यमंत्री महोदय ने गो अभयारण्य में चार वृहद गो प्रसादम गृह का लोकार्पण करके ,विभिन्न संस्थाओं की स्टॉल का अवलोकन कर सजीवनी लाइफ संस्था के माध्यम से गो अभयारण्य को हरा भरा करने के क्रम में 1008 आंवलकी उपवन में आंवला वृक्ष का पौधारोपण किया उसके बाद मंच पर विराजित ग्वाल संत पूज्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपने जन्मदिवस पर यज्ञ एवं गोव्रती केक एवं सिंघाड़े के आटे एवं राजगिरा के गोमाता के घी से बने फलाहारी लड्डू से अपना तुलादान करवाकर दीप प्रज्वलन कर अपना जन्म दिवस मनाया उसके बाद एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के मुख्य यजमान चिमन भाई अग्रवाल एवं उनके साथ पधारे राधेश्याम जोशी ने मुख्यमंत्री महोदय को भगवान राधा कृष्ण भगवान की सुन्दर मूर्ति भेट की और मुख्यमंत्री महोदय ने महामहोत्सव के मुख्य यजमान चिमन भाई अग्रवाल का स्वागत कर उन्हें भगवान तिरुपति बालाजी का स्मृति चिन्ह भेंट किया साथ ही मुख्यमंत्री महोदय ने एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के संयोजक मनीष गुप्ता का सम्मान करते हुए यदुवंश कुल के भगवान कृष्ण की मूर्ति देकर सम्मानित किया और श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी अध्यक्ष रघुनाथ सिंह , कार्यपालन अधिकारी आलोक सिंहल ,क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्मदत्त पुरोहित मुख्यमंत्री महोदय का स्वागत किया ।
अपने स्वागत भाषण में कार्यकारी अध्यक्ष रघुनाथ सिंह राजपुरोहित ने गोभक्त मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव के दीर्घायु एवं स्वस्थ रहने के लिए भगवती गोमाता से प्रार्थना की साथ मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट हुए कहां कि मुख्यमंत्री जी ने सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में सभी गौशालाओं में 40 रुपए प्रति गोवंश देकर पूरे देश के लिए गो संरक्षण के लिए मिशाल कायम की है ।
 श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा एवं मध्यप्रदेश शासन के सामंजस्य से संचालित गो अभयारण्य ने विश्वपटल पर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। 



मुख्यमंत्री महोदय ने विभिन्न विकास कार्यों के साथ गो अभयारण्य में कुंडालियां परियोजना से जल लाने की घोषणा के साथ गो अभयारण्य में ग्वालों के बालकों के लिए निःशुल्क कामधेनु गुरुकुलम एवं ग्वाल प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया साथ ही प्रबंध न्यासी अम्बालाल सुथार द्वारा लिखित *गौसेवक प्रशिक्षण माला* पुस्तक का विमोचन किया ।

एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के प्रमुख कार्यकर्ता लाल सिंह सालरिया, नाथु सिंह सालरिया,कालुसिंह सालरिया, नारायणसिंह पटपड़ा, कैलाषसिंह जीरापुर, कालुसिंह लोधाखेडी,विक्रमसिंह जमुनिया, नारायणसिंह टिपुखेडा, राजेन्द्र शर्मा आगर,कैलाश माहेष्वरी आगर, द्वारका लड्डा सुसनेर, मोहन राठौर सुसनेर, प्रदीप बजाज सुसनेर, प्रदीप सोनी सुसनेर,अभिशेक शर्मा सुसनेर, विक्रमसिंह सरखेडी, लालसिंह खेड़ी, वेद्य हरिष स्वामी पिडावा, घनश्याम राठौर सोयत, विजय चौधरी सोयत,दीपसिंह राठौर पीपलोन, श्यामसिंह निमोड,रामप्रसाद दांगी निम्बाहेडा आदि एवं भाजपा के जिलाध्यक्ष ओम मालवीय सहित भाजपा के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने 61 किग्रा की बड़ी माला से 61 वें जन्मदिवस पर स्वागत किया ।

*151 वें दिवस पर भानपुरा पीठ के युवाचार्य वरुर्णेंद्र तीर्थ जी महाराज के सानिध्य सहित मध्यप्रदेश शासन के श्री लखन पटेल पशुपालन विभाग ,(राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) एवं श्री गीतम जी टेंटवाल , तकनीकी शिक्षा मंत्री (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) एवं आगर, सुसनेर,जीरापुर एवं सुवासरा विधायक सहित महामहोत्सव के मुख्य यजमानचिमन भाई अग्रवाल,राधेश्याम जोशी,समीर गुप्ता,अहमदाबाद कोलकाता से सत्यनारायण राठी,श्रीमती इंद्रमणी राठी एवं सजीवन लाइफ से नीतू बेन राजकोट एवं श्री गोधाम महातीर्थ के कार्यकारी अध्यक्ष रघुनाथ सिंह,CEO,प्रबंध न्यासी अंबालाल सुथार, आलोक सिंहल,क्षत्रिय निदेशक ब्रह्मदत्त व्यास आदि अतिथि उपस्थित रहें  


*351 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 349 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के गोभक्त परिवार ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।


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