दैनिक समाचार



जो गाय की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा को साबित कर दिखाया है महाराष्ट्र के मतदाताओं ने


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 230 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज गुरु तेग बहादुर जी का निर्वाण दिवस है. गुरु तेग बहादुर, सिख धर्म के नौवें गुरु थे. औरंगज़ेब के आदेश पर उनका दिल्ली में सिर कलम कर दिया गया था ।

गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म, संस्कृति, और मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी.

गुरु तेग बहादुर जी उस समय धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थक थे, जब लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा था.

गुरु तेग बहादुर जी के उपदेशों का संग्रह “गुरु ग्रंथ साहिब” में किया गया है ।

गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को याद करने के लिए दिल्ली के गुरुद्वारा सीस गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब जैसे गुरुद्वारे बनाए गए हैं ।

स्वामीजी ने आगे बताया कि अभी अभी महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि जो गाय की बात करेगा,वही देश में राज करेगा।

स्वामीजी ने कहां कि भारत के चारों मठों सभी पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य भगवान एवं गोपालमणि जी महाराज सहित देश के सभी गोप्रेमी सन्त महात्माओं द्वारा गोमाता की जो अलख जनमानस में जगाई है उसके परिणाम अब सामने आ रहें है, अर्थात महाराष्ट्र के एक रिक्शा चालक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस एवं अजीत पंवार सरकार ने जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज (ज्योतिर्मठ) के मार्गदर्शन एवं सानिध्य में भगवती गोमाता को राज्यमाता का जो दर्जा महाराष्ट्र सरकार ने दिया है,उसी का परिणाम वर्तमान महाराष्ट्र चुनाव में महाराष्ट्र के मतदाताओं के परिणाम से यह साबित हो गया है कि जो गाय की बात करेगा,वही देश पर राज करेगा और बाल्मीकि रामायण में तो भगवान राम ने अपने भ्राता भरत जी को स्पष्ट कहां है कि "गायमाता के बिना राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं है" इसलिए देश के सत्ताधीशों को भी अब इस रास्ते की और बढ़ना होगा क्योंकि गायमाता के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं हो सकता जिसका स्पष्ट उल्लेख बाल्मीकि रामायण में प्रभु श्रीराम ने अपने छोटे भइया भरत को कहां है कि है! भरत गाय के बिना राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता और जिसका रास्ता महाराष्ट्र सरकार एवं वहां के देवतुल्य मतदाताओं ने दिखा दिया है ।


स्वामीजी ने विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में विगत 229 दिनों से गो कृपा कथा का अभ्यास कर रहें द्वारिका के बटुक जयवत्स गोपाल को सम्पूर्ण गुजरात में गोमाता की महिमा कथा के लिए सुरभि माघव गोसेवा द्वारका से पधारे बटुक जयवत्स गोपाल के माता पिता तेजल बैन,हार्दिक भाई वायडा के साथ द्वारका के लिए विदा किया और बताया कि यह बालक गुजरात के हर नगर,कस्बे,ग्राम में भगवती गोमाता की महिमा गो कृपा कथा के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का पुनित कार्य करेगा और गोमाता की रक्षा के लिए अगर भिक्षा भी मांगना पड़े तो उससे भी यह बालक पीछे नहीं हटेगा और आज एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 230 वे दिवस की गो कृपा कथा में पधारे श्रोताओं से बटुक जय वत्स गोपाल ने भिक्षा मांगकर श्रीगणेश किया ।




*230 वे दिवस पर भारतीय दूरदर्शन DD News के आगर मालवा संवाददाता भागीरथ देवड़ा ने सपरिवार गो अभयारण्य पधारकर गोकृपा कथा में पूज्य गोपालानंद जी सरस्वती महाराज से गोमाता की छवि लेकर आशीर्वाद लिया*


*230 वे दिवस पर श्री राधाकृष्ण गोशाला वृन्दावन से अनिल कृष्ण व उनके माता पिता श्रीमती चम्पाबाई, देवीलाल ठेकेदार, पुत्रवधु श्रीमती सुमन,महंत वासुदेव त्यागी गुना,सुरभि सेवा संस्थान द्वारका हार्दिक भाई एवं श्रीमती तेजल बैन वायडा, कालूराम व्यास (भादवा) महिदपुर, लखन जोशी (तालोद) रतलाम एवं रायपुर महिला मंडल की मातृशक्ति आदि अतिथि उपस्थित रहें*



*230 वे दिवस पर चुनरीयात्रा गुजरात,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की ओर से *

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 230 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात के डीसा से मालाराम, बलराम भाई, नरेन्द्र भाई हुकमाराम जाट, सूरत से दत्तात्रेय गोशाला सूरत पवन राठी गो सेवा गतिविधि RSS केशव नगर सूरत से सत्यनारायण चांडक एवं राजस्थान के भवानीमंडी के श्रीलालचंद आदर्श विद्यामंदिर की कक्षा 9 वीं व 10 वीं की बालिकाओं ने विद्यालय के प्रधानाचार्य रामस्वरूप सोनी एवं आचार्य श्रीमती कृष्णा गुप्ता,श्रीमती प्रतिभा गौतम, श्रीमती मनीषा चौधरी,गिरिराज शृंगी,, दिनेश शर्मा एवं श्याम राठौर व मध्यप्रदेश के आगर जिले के खेरिया (सोयत कलां) ग्राम की महिला मण्डल की और से अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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जो गाय की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा को साबित कर दिखाया है महाराष्ट्र के मतदाताओं ने


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 229 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज भारत के आधुनिक वैज्ञानिक विद्युत-चुंबकीय तरंगों के अग्रदूत और व्यापक रूप से पहले आधुनिक भारतीय वैज्ञानिक माने जाने वाले जगदीश चंद्र बोस जो एक दूरदर्शी और प्रतिभाशाली प्रयोगवादी थे उनका आज निर्वाण दिवस है ।

स्वामीजी ने बताया कि जबसे श्वेत क्रांति एवं हरित क्रान्ति के मकड़जाड़ ने पुण्यभूमि भारत की धरतीमाता को दूषित करके हमें भगवती गोमाता से दूर किया है उसके लिए हमें पुनः गोमाता की और लौटना होगा क्योंकि गायमाता के बिना धरती मां का अस्तित्व नहीं है और जैविक कृषि अर्थात गो आधारित कृषि की इसे समय बहुत आवश्यकता है यानि जितनी आवश्यकता मनुष्य के लिए श्वास की है,उतनी ही आवश्यकता आवश्यकता इस समय भूमि को गो आधारित कृषि की है।
  एक और तो हम भारत माता की जय जयकार कर रहें है वाही दूसरी और हम रासायनिक फर्टिलाइजर एवं कीटनाशक डालकर भारत माता को जहर खिला रहें है। यानि जितना खतरा भारत माता को चीन पाकिस्तान से नहीं हैं उससे कही गुणा खतरा भारत माता को इन रासायनिक खाद से है क्योंकि भारत की सीमा एवं आंतरिक रक्षा तो भारत एवं राज्यों ने अपनी व्यवस्था कर रखी है,लेकिन इस समय हमें रासायनिक खेती का बहिष्कार कर गो आधारित कृषि को बढ़ावा देना होगा तभी हम भारत माता के सच्चे सपूत कहलाने योग्य होंगे ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि गायमाता इतनी कल्याणकारी है कि वह जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य के 42 संस्कारों में साथ देती है लेकिन कुछ मैकाले मानस पुत्रों ने हमारी संस्कृति को तोड़ मरोड़कर हमारे संस्कारों को भी 42 से घटाकर 16 संस्कारों तक सीमित कर दिया है । 
 स्वामीजी ने बताया कि भले ही हमें गायमाता सस्ते में दिख रहीं हो कि ये तो सड़कों में घूम रही है ,ऐसा भाव हो लेकिन सड़कों पर दो बातें देखने के लिए मिलती है वह वह दोनों ही बातें बहुत कीमती है जिसमें एक तो नमक है जिसे व्यापारी कितना भी महंगा क्यों न हो उसे दुकान के बाहर ही रखता है लेकिन उसका महत्व तब समझ में आता है जब हम 56 प्रकार के मसाले डाले लेकिन अगर नमक9 नहीं डाला तो सब फीका है उसी प्रकार बिना गाय के 42 संस्कार इसलिए गायमाता की महिमा को बढ़ाना,गायमाता के प्राणों को बचाना ,गायमाता का संवर्धन करना इस समय यही वास्तविक शुभ एवम् श्रेष्ठ कार्य है ।



*229 वे दिवस पर डॉ. सुनील "पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित पौष्टिक आहार सयंत्र इटारसी" एवं संजय सैनी भोपाल डॉ.लटूर सिंह गुर्जर प्रान्त मंत्री भारतीय किसान संघ जयपुर प्रांत 
कंसल्टेंट इंडिया फाउंडेशन नई दिल्ली &
BAIF ( बायफ ) development रिसर्च foundation pune एवं जैविक एवं संरक्षण खेती biochar निर्माण , रामकुमार अग्रवाल,IIT दिल्ली में साइंटिस्ट , दिनेश भावसार पिड़ावा (व्याख्याता) एवं श्री बीसा नीमा गो सेवा मित्र मण्डल खरगौन से निलेश महाजन, विठ्ठल महाजन, मोंटी महाजन, मिलन महाजन एवं निलेश श्रीमाली , गोरक्षा कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्षा सुरेन्द्र सिंह SS टाईगर, एवं प्रभारी प्रह्लाद राठौर, जगदीश टेलर एवं बापू लाल वर्मा आदि अतिथि उपस्थित रहें*


 


*229 वे दिवस पर चुनरीयात्रा मध्यप्रदेश की ओर से * 
 एक वर्षीय गोकृपा कथा के 229 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की बडौद तहसील के डाबला क्षत्रिय ग्राम की महिला मण्डल की और से अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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*देश की माताओ को एक हाथ से चारा एवं दूसरे हाथ में भाला लेकर गो सेवा के लिए आगे आना होगा*


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में ⁹oभारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 228 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने काल भैरव अष्टमी की महिमा बताते हुए कहा कि भैरव बाबा शिव भोले बाबा के ही विशेष अवतार हैं कई लोग भैरव जी की पूजा के नाम पर कई प्रकार की तामसिक वस्तुओ का प्रयोग करते है जबकि भैरव के सभी रूप सौम्य है। जिस प्रकार भगवान नृसिंह हिरण्य कश्यप के लिए भयंकर रूप में प्रकट हुए थे लेकिन भक्त प्रहलाद के लिए तो वे एक मां के रूप में सौम्य थे उन्होंने एक मां की भांति उनको स्नेह देकर दुष्ट हिरण्य कश्यप का नृसिंह रूप धारण करके वध किया था उसी प्रकार भैरव बाबा भी दुष्टों का समन करने के लिए काल भैरव से लेकर अनेक रूपों में प्रकट होते है और भगवान कृष्ण ने गीता जी में स्पष्ट कहां है कि जो मुझे ध्याता है,वह मुझे पाता है उसी प्रकार भैरव बाबा भी अपने भक्तों पर कृपा करते है । भगवान भैरव बाबा जगदम्बा के द्वार पर कभी पुत्र बनकर कभी भाई बनकर मां भवानी के साथ हमेशा विराजमान रहते है और उनका वात्सल्यमय प्रेम ही सब पर कृपा करते है ।
 पूज्य महाराज जी ने स्वतंत्रता सेनानी एवं लक्ष्मीबाई की परम सहयोगी झलकारी बाई के जन्म दिवस पर उनको वंदन करते हुए समस्त नारी समाज को झलकारी बाई से प्रेरणा ले कर गो सेवा एवं राष्ट्र रक्षा के कार्य मे लगने की प्रार्थना की महाराज जी ने बताया कि भगवती गोमाता के लिए करपात्री जी महाराज से लेकर वर्तमान शंकरा भगवान सहित गोपालमणि जी महाराज जैसे गोप्रेमी संतो ने भारत के पुरुष समुदाय को जागृत करने का निरंतर कार्य करते आ रहें है, लेकिन भारत का पुरुष नपुंसकता की स्थिति में आ गया है,, इसलिए झलकारी देवी के जन्मदिवस के सुअवसर पर देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा क्योंकि पुरूषों में अब न तो छत्रपति शिवाजी और न ही महाराणा प्रताप जैसे प्रतापी गोभक्त होना वाले है लेकिन भारतीय नारियों ने तो राष्ट्र एवं गोमाता हितार्थ अपने प्राणों की बाजी लगाई है जिसमें झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, राजमाता मां अहिल्या देवी एवं झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं का इतिहास रहा है किन्तु आज गो माता की स्थिति देख कर भी हमारा समाज सुषुप्त अवस्था में है. अगर देश की माताएं इस कार्य मे लग जाए तो निश्चित परिवर्तन आएगा और अब भारत की मातृशक्ति को एक हाथ से गोसेवा एवं दूसरे हाथ में सहस्त्र उठाने की आवश्यकता है ।
भगवती गोमाता की भूमिका के बारे में बताते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने कहां कि बालक जब छोटा होता है तब कई तरह के बाल दोष बालक को ग्रसित कर लेते हैं
और गौ माता जी के गोबर के कंडे की धूप देने से कई तरह के बाल दोष अथवा बल ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं
क्योंकि भगवती गोमाता सारे जगत की मां है एवं समस्त प्रकार के दुखों का निवारण भगवती गोमाता की कृपा से हो सकता है। ।



*228 वे दिवस पर उज्जैन के वल्लभनगर निवासी सुभाष चन्द्र ब्यास उनकी श्रीमति सरोज व्यास पुत्र सुदर्शन व्यास एवं मामीजी श्रीमती कुसुम जोशी अतिथि उपस्थित रहें*

 


*228 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की ओर से * 
 एक वर्षीय गोकृपा कथा के 228 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले के रघुनाथ पुरा एवं राजगढ़ जिले के रामपुर ग्राम की महिला मंडल एवं खरगोन जिले के सेगांव से विजेन्द्र यादव एवं जय प्रकाश यादव ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता को मां मानकर उनकी सेवा करें सभी वैष्णवजन*- पूज्यपाद गोस्वामी वत्सल बाबा


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 227वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि गायमाता राष्ट्रमाता के पद पर स्थापित हो इसके लिए जगद्गुरु शंकराचार्य जी सहित गोपालमणि जी महाराज सहित देश के सभी गो प्रेमी सन्त महात्माओं के साथ देश का जनमानस भी जागृत हो गया ही और उसी का एक परिणाम आज राजस्थान के झालावाड़ जिले के राष्ट्रीय कमांडों फोर्स झालावाड़ जिले के तत्वाधान में जिले के गो भक्तों द्वारा असनावर से झालावाड़ तक विशाल वाहन रैली निकलकर जिला कलेक्टर झालावाड़ को गायमाता को राष्ट्रमाता के पद पर स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा ।

   स्वामीजी जी ने बताया कि आज भारत के महान क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ का जन्म दिवस भी है । ठाकुर केसरी सिंह बारहठ (२१ नवम्बर १८७२ – १४ अगस्त १९४१) भारत के एक क्रान्तिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे, वे एक प्रख्यात राजनीतिज्ञ, कवि, विचारक व लेखक थे। इन्हें 'राजस्थान केसरी' के नाम से भी जाना जाता है,उनके भाई जोरावर सिंह बारहठ, जिनको राजस्थान का चन्द्रशेखर आज़ाद भी कहा जाता है, उनके पुत्र कुँवर प्रतापसिंह बारहठ और जमाता ईश्वरीसिंह आशिया ने सम्पूर्ण परिवार सहित भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में महती भूमिका निभायी। आज भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी वैज्ञानिक डॉक्टर सी.वी रमण का निर्वाण दिवस भी है भारतमाता के राष्ट्रवादी दोनों सपूतों को वन्दन करते हुए महाराज जी ने चल रहें राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के सातवें दिवस पर नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए भगवती गोमाता की भूमिका के बारे में बाल कल्याण कथा में बताते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने कहां कि बालको जन्म होने से 17 वर्ष की आयु में बच्चों को लगने वाली ग्रही(वायरस) एवं उसने निवारण में गोमाता की भूमिका क्या रहती है उसके बारे में बताते हुए कहां कि नवजात शिशुओं को जन्म से वयस्क अवस्था तक लगने वाले समस्त ग्रही का उल्लेख अग्निपुराण के साथ साथ आयुर्वेद के महान ज्ञाता आचार्य सुश्रुत ने भी अपने ग्रन्थों में उल्लेख किया है और इसे वर्तमान में मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रहें भावी चिकित्सकों को भी पढ़ाया जा रहा है और आचार्य सुश्रुत ने स्पष्ट लिखा है कि जिस घर में गोमाता है उसमें तो किसी प्रकार की ग्रही का प्रभाव नहीं पड़ता है ।
स्वामीजी ने आगे बताया कि कि आजकल भलाई का जमाना नहीं है, इसलिए श्रेष्ठिजनों को भलाई करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए साथ ही भलाई करने वालों के साथ ज्यादा अति नहीं करनी चाहिए बल्कि उसका उत्साहवर्धन करके उसका सहयोग करके उसका मनोबल बढ़ाना चाहिए । 
 महाराज जी ने बताया कि आज के भौतिक युग में सबसे ज्यादा उपेक्षा गो आधारित खेती करने वालों की होती है अर्थात वे सात्विक अन्न सबको मिले उसके लिए भरपूर मेहनत करते है लेकिन अन्त में उन्हें अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता है इसलिए हम सब जैविक खेती करने वालों का मनोबल बढ़ाकर उनके द्वारा उत्पादित अन्न को रासायनिक जहर से उत्पन्न अन्न से अधिक मूल्य देकर क्रय करना चाहिए ताकि हम हमारे स्वास्थ्य रक्षण के साथ साथ गो आधारित खेती करने वाले कृषकों को भी प्रोत्साहित करें जिससे वह और अधिक शुद्ध एवं सात्विक अन्न हमारे लिए पैदा करे साथ ही। महाराज जी ने किसानों से आह्वान किया कि देश में जो जो भी गो आधारित कृषि के जानकार है वे इस गो अभयारण्य में पधारकर यहां कृषि करें उन्हें उनकी क्षमता एवं योग्यता के आधार पर उचित अवसर एवं पारिश्रमिक दिया जाएगा और उनके द्वारा उत्पादित अन्न को उचित मूल्य दिलाने में गो अभयारण्य प्रबंधन विशेष सहयोग करेगा ।


*227 वे दिवस पर पिडावा से प्रकाश मूंदड़ा अपने परिवार के साथ एवं खरगोन जिले के सेगांव से विजेन्द्र यादव एवं जय प्रकाश यादव अतिथि उपस्थित रहें*

 


*227 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की ओर से * 
 एक वर्षीय गोकृपा कथा के 227 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की झालरापाटना तहसील के देवर गांव की महिला मंडल ने भगवान सिंह गुर्जर के साथ एवं पिड़ावा नगर की मातृशक्ति व मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के नारायण गाँव से सिद्दू लाल. तोलाराम एवं सोनू ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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*गो आधारित कृषि करने वालों को विशेष प्रोहत्साहन देगा गो अभयारण्य प्रबन्धन*


*गो आधारित कृषि करने वालों को विशेष प्रोहत्साहन देगा गो अभयारण्य प्रबन्धन*

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 227वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि गायमाता राष्ट्रमाता के पद पर स्थापित हो इसके लिए जगद्गुरु शंकराचार्य जी सहित गोपालमणि जी महाराज सहित देश के सभी गो प्रेमी सन्त महात्माओं के साथ देश का जनमानस भी जागृत हो गया ही और उसी का एक परिणाम आज राजस्थान के झालावाड़ जिले के राष्ट्रीय कमांडों फोर्स झालावाड़ जिले के तत्वाधान में जिले के गो भक्तों द्वारा असनावर से झालावाड़ तक विशाल वाहन रैली निकलकर जिला कलेक्टर झालावाड़ को गायमाता को राष्ट्रमाता के पद पर स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा ।


   स्वामीजी जी ने बताया कि आज भारत के महान क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ का जन्म दिवस भी है । ठाकुर केसरी सिंह बारहठ (२१ नवम्बर १८७२ – १४ अगस्त १९४१) भारत के एक क्रान्तिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे, वे एक प्रख्यात राजनीतिज्ञ, कवि, विचारक व लेखक थे। इन्हें 'राजस्थान केसरी' के नाम से भी जाना जाता है,उनके भाई जोरावर सिंह बारहठ, जिनको राजस्थान का चन्द्रशेखर आज़ाद भी कहा जाता है, उनके पुत्र कुँवर प्रतापसिंह बारहठ और जमाता ईश्वरीसिंह आशिया ने सम्पूर्ण परिवार सहित भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में महती भूमिका निभायी। आज भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी वैज्ञानिक डॉक्टर सी.वी रमण का निर्वाण दिवस भी है भारतमाता के राष्ट्रवादी दोनों सपूतों को वन्दन करते हुए महाराज जी ने चल रहें राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के सातवें दिवस पर नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए भगवती गोमाता की भूमिका के बारे में बाल कल्याण कथा में बताते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने कहां कि बालको जन्म होने से 17 वर्ष की आयु में बच्चों को लगने वाली ग्रही(वायरस) एवं उसने निवारण में गोमाता की भूमिका क्या रहती है उसके बारे में बताते हुए कहां कि नवजात शिशुओं को जन्म से वयस्क अवस्था तक लगने वाले समस्त ग्रही का उल्लेख अग्निपुराण के साथ साथ आयुर्वेद के महान ज्ञाता आचार्य सुश्रुत ने भी अपने ग्रन्थों में उल्लेख किया है और इसे वर्तमान में मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रहें भावी चिकित्सकों को भी पढ़ाया जा रहा है और आचार्य सुश्रुत ने स्पष्ट लिखा है कि जिस घर में गोमाता है उसमें तो किसी प्रकार की ग्रही का प्रभाव नहीं पड़ता है ।

स्वामीजी ने आगे बताया कि कि आजकल भलाई का जमाना नहीं है, इसलिए श्रेष्ठिजनों को भलाई करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए साथ ही भलाई करने वालों के साथ ज्यादा अति नहीं करनी चाहिए बल्कि उसका उत्साहवर्धन करके उसका सहयोग करके उसका मनोबल बढ़ाना चाहिए । 

 महाराज जी ने बताया कि आज के भौतिक युग में सबसे ज्यादा उपेक्षा गो आधारित खेती करने वालों की होती है अर्थात वे सात्विक अन्न सबको मिले उसके लिए भरपूर मेहनत करते है लेकिन अन्त में उन्हें अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता है इसलिए हम सब जैविक खेती करने वालों का मनोबल बढ़ाकर उनके द्वारा उत्पादित अन्न को रासायनिक जहर से उत्पन्न अन्न से अधिक मूल्य देकर क्रय करना चाहिए ताकि हम हमारे स्वास्थ्य रक्षण के साथ साथ गो आधारित खेती करने वाले कृषकों को भी प्रोत्साहित करें जिससे वह और अधिक शुद्ध एवं सात्विक अन्न हमारे लिए पैदा करे साथ ही। महाराज जी ने किसानों से आह्वान किया कि देश में जो जो भी गो आधारित कृषि के जानकार है वे इस गो अभयारण्य में पधारकर यहां कृषि करें उन्हें उनकी क्षमता एवं योग्यता के आधार पर उचित अवसर एवं पारिश्रमिक दिया जाएगा और उनके द्वारा उत्पादित अन्न को उचित मूल्य दिलाने में गो अभयारण्य प्रबंधन विशेष सहयोग करेगा ।



*227 वे दिवस पर पिडावा से प्रकाश मूंदड़ा अपने परिवार के साथ एवं खरगोन जिले के सेगांव से विजेन्द्र यादव एवं जय प्रकाश यादव अतिथि उपस्थित रहें*


 



*227 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की ओर से * 

 एक वर्षीय गोकृपा कथा के 227 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की झालरापाटना तहसील के देवर गांव की महिला मंडल ने भगवान सिंह गुर्जर के साथ एवं पिड़ावा नगर की मातृशक्ति व मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के नारायण गाँव से सिद्दू लाल. तोलाराम एवं सोनू ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।


पारिश्रमिक दिया जाएगा और उनके द्वारा उत्पादित अन्न को उचित मूल्य दिलाने में गो अभयारण्य प्रबंधन विशेष सहयोग करेगा ।



*227 वे दिवस पर पिडावा से प्रकाश मूंदड़ा अपने परिवार के साथ एवं खरगोन जिले के सेगांव से विजेन्द्र यादव एवं जय प्रकाश यादव अतिथि उपस्थित रहें*


 



*227 वे दिवस पर चुनरीयात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की ओर से * 

 एक वर्षीय गोकृपा कथा के 227 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की झालरापाटना तहसील के देवर गांव की महिला मंडल ने भगवान सिंह गुर्जर के साथ एवं पिड़ावा नगर की मातृशक्ति व मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के नारायण गाँव से सिद्दू लाल. तोलाराम एवं सोनू ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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*जगतगुरु श्री वल्लभाचार्य जी के वंशज श्री वत्सल बाबा मुम्बई का 20 नवम्बर को गो अभयारण्य में पदार्पण*


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 225 वे दिवस पर 15 से 21 नवम्बर तक चल रहें राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के पांचवें दिवस पर नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए भगवती गोमाता की भूमिका के बारे में बताते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने कहां कि बालक जब छोटा होता है तब कई तरह के बाल दोष उसे बालक को ग्रसित कर लेते हैं जैसे बालक के जन्म के छठे दिन फटकारी नामक ग्राही बालक को ग्रस्त लेती है जिसमें बालक अधिक रुदन करता है तथा दूध नहीं पीता है इस प्रकार सातवें दिन मुक्त केसी नाम की ग्रह ही शिशु को ग्रस्त लेती है जिसमें बालक अधिक अर्थ हो जाता है तथा उसके तन से दुर्गंध आती है ऐसे कई प्रकार के दोष बालक को ग्रसित करते हैं और गौ माता जी के गोबर के कंडे की धूप देने से कई तरह के बाल दोष अथवा बल ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं

क्योंकि भगवती गौ माता सारे जगत की मां है एवं समस्त प्रकार के दुखों का निवारण भगवती गौ माता की कृपा से हो सकता है परम पूज्य गुरुदेव भगवान ने कथा में गोबर एवं गोमूत्र की की महिमा भी श्रोताओं को बताइए गोमूत्र में साक्षात मां गंगा जी का निवास है
साथ ही आज की कथा में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जी का अवतरण उत्सव मनाया गया परम पूज्य गुरुदेव भगवान ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई स्वयं शक्ति का अवतार थे इसी कारण करने के पश्चात भी महान कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान जी ने अपनी सुप्रसिद्ध कविता में लिखा बुंदेले हर बोल के मुख हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी
  
*स्वामीजी ने बताया कि विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में आगामी 20 नवम्बर 2024 बुधवार को जगतगुरु श्री वल्लभाचार्य जी के वंशज श्री वत्सल बाबा जी मुंबई वाले अपने अनुयायियों के साथ गो अभयारण्य पधार रहें है*

225 वे दिवस पर सागुसिंह जी गांव सरोद जिला झालावाड़,वल्लभजी पाटीदार गांव सिरावत ,रामकिशन सूबेदार जी खोडियार खेड़ी जिला झालावाड़ आदि अतिथि उपस्थित रहें.
आज कथा मे सरस्वती शिशु मंदिर पटपड़ा के विद्यार्थी भी उपस्थित रहे.

 225 वे दिवस पर चुनरीयात्रा9 पाली जिले के हमीरवास से श्री गुलाब सिंह जी
अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया ।

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