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दैनिक समाचार



चूड़ियां कमजोरी का मानक नहीं,स्त्रियों का हथियार है*- साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 330 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा मनाएं जा रहें गोवंश रक्षा वर्ष के तहत आज मध्यप्रदेश के गौसेवक यशस्वी मुख्यमंत्री जी के गृह जिला उज्जैन के घटिया थाना क्षेत्र से एक सुखद सूचना आई कि घटिया थाना के थाना प्रभारी निरीक्षक डी एल दसोरिया, उप निरीक्षक अल्केश कुमार डांगे, उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह अलावे, प्रधान आरक्षक 410 गजेंद्र सिंह प्रधान आरक्षक 1290 मानसिंह, प्रधान आरक्षक 1702 राजेंद्र राठौड़, प्रधान आरक्षक 1301 शांतिलाल जाट, आरक्षण 892 बद्रीलाल, आरक्षक 868 पवन शर्मा, आरक्षक 936 रामचंद्र मालवीय, आरक्षक 1814 बनवारी लाल यादव, आरक्षक 1815 दीपक यादव सैनिक आत्माराम सैनिक मोहनदास बैरागी की जांबाज टीम ने दो मेवाती मुसलमान कसाइयों अकील पिता आशीष खान उम्र 22 साल निवासी भेरू नाला शीतला माता मंदिर की गली उज्जैन थाना जीवाजीगंज 02 सलीम उर्फ बिटिया पिता अबीब खा उम्र 35 साल निवासी ताजपुर उज्जैन द्वारा बालेनो कार में गोवंश को चारों पैर एवं एवं मुंह बांधकर ले जाते हुए दबोचा और उनकी अच्छे से धुनाई कर अपराधियों से गाय हमारी माता है पुलिस हमारी बाप है के नारे लगाते हुए उनका झुलस निकाला और अपराध क्रमांक 68/25 धारा 4,6,9, म प्र गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 11 D पशु कुरता में गिरफ्तार कर आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बालेनो कार को जप्त कर आरोपियों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज गया उसके लिए पूज्य महाराज ने घटिया थाना क्षेत्र सहित सम्पूर्ण उज्जैन क्षेत्र की पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक उज्जैन से निवेदन किया कि भगवती गोमाता का पुनीत कार्य करने वाले उक्त जांबाज भारत माता के सभी लाल को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य जहां पर मध्यप्रदेश शासन के गोवंश रक्षा वर्ष के तहत एक वर्षीय गो कृपा कथा चल रही है उसमें उन सभी जांबाज बहादुर सिपाहियों को भिजवाने की कृपा करावे ताकि आस्था चेनल के माध्यम से विश्व के 160 से अधिक देशों के साथ सम्पूर्ण भारत को एक प्रेरणा इन जांबाज वीर बहादुर सिपाहियों के माध्यम से मिल सकें ।
*पूज्य महाराज जी ने सभी को सूचित करते हुए बताया कि आज 04 मार्च को भोपाल में मध्यप्रदेश की केबिनेट बैठक से मध्यप्रदेश के गोपालन विभाग एवं डेयरी मंत्री माननीय लखन जी पटेल के माध्यम से सूचना मिली है कि मध्यप्रदेश के गोसेवक मुख्यमंत्री महोदय डॉक्टर मोहन जी यादव ने मध्यप्रदेश शासन द्वारा आगर मालवा में स्थापित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार कार्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की है साथ ही विश्वास दिलाया है कि मैं भारत के गृह मंत्री माननीय अमित जी शाह को भी लाने का पूर्ण प्रयास करूंगा*

गोमाता की सेवा में नारीशक्ति की महत्ता के बारे में बताते हुए दृष्टि देवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती ने बताया कि आज भी पुरुष प्रधान समाज में पुरुष मानसिकता वाले विचार जीवित है और जो पुरुष कमजोर या डरपोक होता है उसे चूड़ियां पहन रखी है क्या ? ऐसी तीखी टिप्पणी की जाती है और इसी मानसिकता के चलते आज तक गो रक्षा के आन्दोलन में मातृशक्ति को कभी अग्रणी नहीं रखा है और हमेशा उन आंदोलनों में पुरुष अग्रणी रहें है ओर दुर्भाग्य से वे आंदोलन विफल हुए है,लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि चूड़ियां धारण करने वाली रानी पद्मिनी ने खिलजियों को अपनी औकात दिखा दी थी और हाड़ारानी ने एक क्षण में अपना सिर धड़ से अलग करके अपने पति को कर्तव्य का बोध कराया कराया है अर्थात चूड़िया कमजोरी का मानक नहीं बल्कि स्त्रियों का हथियार है और जब गो रक्षा की बात आती है तो पुरुषों द्वारा विचार किया जाता है लेकिन पुरुषों को यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रत्येक वीर,महान, योद्धा में वीरता भरने वाली स्त्री ही तो होती है,महाराणा प्रताप एवं छत्रपति शिवाजी जैसे महापुरुषों में गोभक्ति का भाव भरने वाली भी तो नारी रूप में एक मां ही तो थी और आज जो छावा नामक फिल्म दिखाई जा रहीं है उसमें छावा को जन्म देने वाली भी तो एक नारी ही है ।
 साध्वीजी ने देश की मातृशक्ति से आह्वान किया कि माताओं अब समय आ गया है अब हमें गो रक्षा के लिए आगे आना होगा और इसके लिए धेनु शक्ति संघ के माध्यम से संगठित होना होगा और हमें यह दिखाना होगा कि "ना अबला हूं,ना बेचारी हूं, तू देख मुझे मैं एक नारी हूं।" और इसी उद्देश्य को प्रतिलक्षित करने के लिए आगामी 02 अप्रैल से 10 अप्रैल 2025 तक विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में दृष्टि देवी फाउंडेशन के तत्वाधान में देश भर की माता बहिनों के लिए आत्म रक्षा प्रशिक्षण(self defense training camp) शिविर रखा है ।


330 वें दिवस पर अंबालाल भामाखेड़ा एवं नीतू राज सिंह आदिअतिथि के रूप में उपस्थित रहें ।
 

*330 वे दिवस पर चुनरी यात्रा महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 330 वें दिवस पर चुनरी यात्रा पूज्य महंत शिवदास जी महाराज भिण्ड एवं सत्यानंद जी त्यागी रामनगर व महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले से पार्थ,सुषमा, सुशांत बालाजी एवं पूजा राम, सुनंदा राम,इंदुताई कृष्णा,गजानन राम व कृष्ण राहटकर के परिवार की ओर से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा*- साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 329 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने हाड़ौती नोबेल समाचार पत्र के संवाददाता धीरज जी गुप्ता एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के सेवा निवृत DSP महेन्द्र सिंह जी यादव को याद दिलाते हुए बताया कि पत्रकार लोकतंत्र के मूल स्तंभ होते है, लेकिन इस समय लोकतंत्र लंगड़ाया हुआ सा दिखता है,इसलिए इस समय पत्रकारों की भूमिका मिर्च मसालों वाली खबरों से बचकर राष्ट्र निर्माण की मूल आधार भगवती गोमाता की महिमा को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान में गो को वैश्विक स्तर पर तो पशु मानते ही है साथ ही सनातनी भी इसे दूध देने वाला असाधारण पशु मान बैठे है,जिसके परिणाम स्वरूप विश्व अशांति की और बढ़ रहा है , गोमाता दूध देने वाला जानवर नहीं है ,बल्कि विश्व शान्ति का मूल आधार है गोमाता और जिस दिन मानव अपने अपने कर्तव्य को समझ लेगा उस दिन सारे अधिकारों का झगड़ा स्वत: ही खत्म हो जाएगा ।

गोमाता की सेवा में नारीशक्ति की महत्ता के बारे में बताते हुए दाता देवी फाउंडेशन की प्रमुख साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी ने बताया कि भारत में करपात्री जी महाराज से लेकर अभी तक जितने भी गोमाता की रक्षा के लिए आंदोलन हुए उन सब में दुर्भाग्यवश हमें विफलता ही हाथ लगी हैं और अब तक हम सब गायमाता को सम्मान नहीं दिला पाएं है और आज भी प्रतिदिन 80000 गोमाता रोज़ कट रही है और अब गोमाता को बचाना है तो शक्ति स्वरूपा नारी को आगे आना ही होगा क्योंकि गायमाता शक्ति स्वरूपा है और गायमाता चाहती है कि यह कार्य भी शक्ति स्वरूपा माताओं द्वारा ही हो क्योंकि माताएं ही है जो ममता की ,त्याग की,बलिदान की प्रतिमूर्ति होती है और नारी शब्द का एक अर्थ बलिदान भी होता है यानि जब तक सर्वच्च त्याग करने की भावना नहीं होगी तब तक गायमाता की सेवा और रक्षा नहीं हो सकती और हमारे देश के इतिहास में तो मातृशक्ति की अहम भूमिका रही है,चाहे वह झांसी की रानी हो ,चाहे सरोजनी नायडू या चाहे कोरोना 19 जैसी वैश्विक महामारी में वैक्सीन बनाने वाली सुचित्रा जी क्यों न हो जिन्होंने संपूर्ण विश्व को कोरोना जैसी महामारी से बचाया है।
   साध्वी जी ने बताया कि नारी जिसमें सृजन शक्ति भी होती है तो उसमें विध्वंश का बल भी होता है ,और आवश्यकता पड़ने पर दुष्टों का दमन करने के लिए वह मां चंडी, मां काली,मां भगवती का रूप भी लेती है ,इसलिए भगवती गोमाता की रक्षा के लिए भी देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा क्योंकि गोमाता को जिन मूलभूत सात आवश्यकता आहार,आश्रय,ओषधि,आदर,आजादी, आनन्द एवं आंलगन आदि सप्त गुण ये सब मातृशक्ति में विद्यमान होता है ,और जिस दिन मेरे देश की 10 लाख माताएं एक साथ गोमाता को राष्ट्रमाता जैसे सर्वोच्च स्थान के लिए एक साथ खड़ी हो जाएगी उसी दिन भारत में गोमाता सर्वोच्च स्थान पर आरूढ़ हो जाएगी क्योंकि अब तक भी जितने भी गोरक्षा के लिए आंदोलन हुए वे पुरुषों की अगुआई में हुए है और उसमें सफलता नहीं मिली है,इसलिए अब गोमाता की रक्षा के लिए देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा और धेनु शक्ति संघ इसी उद्देश्य के लिए कार्य कर रहा है और पूर्ण विश्वास है कि मेरे देश की मातृशक्ति ही गोमाता को सर्वोच्च स्थान दिलायेगी।

*329 वें दिवस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली,सेवा निवृत DSP महेन्द्र सिंह जी यादव गुरुग्राम, ब्रजेश कुमार जी अग्रवाल,चार्टेड अकाउंटेट गुरुग्राम, डॉ. महेंद्र प्रसाद जी अग्रवाल,यमुना नगर हरियाणा,बृजपाल जी नेगी,श्याम विहार नई दिल्ली,बीरबल जी यादव,नई दिल्ली,छत्तीसगढ़ के रायपुर से जय विजय एवं उनकी माताजी व नर्मदा जी के तट पर 250 गौमाताओं की सेवा करने वाली श्रीमती सुधा जी बाहेती नेमावर आदिअतिथि के रूप में उपस्थित रहें*



*आगामी 09 मार्च को धेनु धरती फाउंडेशन के तत्वाधान में होगी ऋषि कृषि संगोष्ठी*
 
*329 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 329 वें दिवस पर चुनरी यात्रा हाड़ौती नोबेल समाचार पत्र के संवाददाता धीरज गुप्ता एवं उनके पिता श्री कन्हैया लाल गुप्ता सुनेल (झालावाड़) के परिवार , डग तहसील के रतनपुरा एवं पचपहाड़ तहसील के गुराडिया की महिला मंडल एवं राजगढ़ जिले की सारंगपुर तहसील के गामड़ी ग्राम की ओर से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गौमाता हमारे जीवनचर्या से लेकर मोक्ष तक, हमारी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति करती है* - डॉ.रमेशचंद पंवार,उपसंचालक *घर घर गाय, हर घर गाय,यही हमारा वास्तविक उद्देश्य बने*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 327 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी ने बताया कि परम्परा से परंपरागत सेवा करना अत्यंत आवश्यक है। हमारे धर्मग्रन्थो में जिस नीति से बेलों की सेवा का उल्लेख आता है तो भगवान की प्राप्ति हो सकती है। हमारे पूर्वज खेती के कार्य हेतु बेलो को रखते थे। उनकी सेवा करते थे। और भगवत प्राप्ति का बेल की सेवा ही सशक्त माध्यम था। बड़ी जमीन है तो आधुनिक संसाधनों के उपयोग करें लेकिन बीजों की बुवाई का कार्य बेल द्वारा ही करवाना चाहिए।

महाराज जी ने आगे कहा कि समस्याएं चारों तरफ भयंकर है, गाय माताएं सड़कों पर है, दुर्घटनाएं खूब हो रही है, रोग से गोमाताए प्राण त्याग रही है, हमारी लापरवाही से गौमाता सड़कों पर आ रही है। इन सब का वास्तविक समाधान सिर्फ एक है कि हम लोग अपने अपने घर पर एक गोमाता रखे। गौशाला इसका समाधान नहीं है। जब तक गोमाता को हम अपने घर पर आदर पूर्वक स्थान नहीं देंगे, प्रेम से आहार नहीं करवाएंगे, उचित उपचार नहीं देंगे तब तक समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए महान अभियान की आवश्यकता है "घर घर गाय, हर घर गाय" । जो सच्चे सनातनी है सच्चे हिंदू है, सच्चे राम और कृष्ण भक्त है उनको कुछ नियम बनाने पड़ेंगे कि हम लोग उन घरों में नहीं जाएंगे, उन घरों का जल नहीं पियेंगे, उन रिश्तेदारों के साथ व्यवहार नहीं करेंगे जो अपने घर गौवंश नहीं रखेगा। एक एक नंदी जिस दिन हर हिन्दू ने अपने घर रख लिया उसके बाद ही भारत की आबोहवा पवित्र होगी

आगर जिले के पशुपालन विभाग के नए उपसंचालक डॉक्टर रमेश चंद पंवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस एक वर्षीय गो कृपा कथा के माध्यम से पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश जा रहा है। गौ माता हमारे जीवनचर्या से लगा कर मोक्ष तक, हमारी मूलभूत आवश्यकता से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ है। इसके बिना हमारा उद्धार नहीं हो सकता। हम धन्य है कि हम जिस विभाग में सेवा दे रहे हैं हम सब का जो भरण पोषण हो रहा है वह सब गोमाता की सेवा के कारण ही हो रहा है।       
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327 वें दिवस पर चंडीगढ़ से महंत गोविंदाचार्य जी महाराज,कानपुर से अमर चेतन जी महाराज,छत्तीसगढ़ रायपुर से जय जी तिवारी, विजय जी, सरिता जी,भगवान सिंह जी, गोविंद सिंह जी, किशन सिंह जी, सेमली से एवं गोअभयारण्य से डॉक्टर राहुल दांगी,डॉक्टर तृप्ति पुनवानी सुसनेर एवं झालावाड़ जिले के नाहर गट्टा से श्याम सिंह जी, एलकार सिंह जी अतिथि के रूप में उपस्थित रहें 









*327वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 327 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ग्राम होलखेड़ा से रामप्रसाद , फूलचंद , इंद्र सिंह ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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सामर्थ्य,शरीर, संपति और संतति यह सब कुछ सेवा के लिए ही प्राप्त हुए है*- स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 328 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी ने बताया कि कुछ पल दुर्लभ होते है जो जीवन बनाने के लिए होते है। वह पल आत्मसात कर ले तो हमारा मनुष्य जीवन सफल हो जाता है। यह मनुष्य शरीर प्राप्त हुआ है, जो चीज प्राप्त होती है उसे अपना नहीं माना जाता है। यह मिला हुआ है इस मिले हुवे शरीर का हम सदुपयोग कर ले। कुछ समय के लिए ही यह मिला है। हमारी आत्मा, हमारा जीव सदा से है और रहेंगे लेकिन यह जो जीवन मिला है इसका पूरा लाभ लेना चाहिए। इस शरीर का सदुपयोग करे दुरुपयोग नहीं। थोड़ा कन्वर्ट करना है। मॉर्निंग वॉक को मंदिर जाने में बदल दीजिए, जॉगिंग को गौशाला जाने में बदले, जिम जाने वाले गौशाला में जाकर गोबर उठाएं,चारे की गांठ उठाएं। पसीना ही बहाना है तो गौशाला में जाकर मेहनत करें। जिस समय को पार्टियों में व्यर्थ करते है उस समय को सत्संग में लगाएं। जिस धन का तथाकथित प्रसन्नता के खर्च करते है उसे वास्तविक प्रसन्नता के लिए सेवा में लगाएं। सामर्थ्य, शरीर, संपति और संतति यह सब कुछ सेवा के लिए ही प्राप्त हुवे है। ओर जब इसे सेवा में लगाएंगे तो ही वास्तविक सुख मिलेगा। 
चार प्रकार की सब्जी, तीन प्रकार की मिठाई, दो तीन प्रकार की पुड़ी चपाती, आचार, नमकीन पापड़ उसको खाकर जितना प्रसन्न नहीं हो सकते उतना प्रसन्न दो सुखी रोटी किसी को खिला कर प्रसन्नता मिलेगी। जिससे वास्तविक प्रसन्नता प्राप्त हो वहीं इस कलिकाल में मनुष्य के लिए श्रेष्ठ बताया है। इस समय भगवती गौमाता एक ऐसा दिव्य आश्रय है हम सब के लिए, एक ऐसा महान सहारा है जिनके प्रभाव से हमारा स्वभाव बदल सकता है। विध्वंशमयी विचार निर्माण में तब्दील हो सकते है।

*328 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ एवं बिहार से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 328 वें दिवस पर चुनरी यात्रा श्री कामधेनु गो अभ्यारणय मालवा मध्यप्रदेश के सभी ग्वाल ग्वालिनो ,राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी से
पोरवाल मेटल्स से भगवंती जी, रेखा जी, अलका जी, संगीता जी, निधि जी, शाबी जी,रायपुर की महिला मंडल,छत्तीसगढ़ के रायपुर एवं बिहार के पटना से सैनिक परिवार ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोपालेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा के साथ दो कन्याओं का विदाई समारोह* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 324 वें दिवस पर चल रहें सप्त दिवसीय महाशिवरात्रि महामहोत्सव में आज प्रातः ब्रह्ममुहुर्त में महा शिवरात्रि के पुण्य पर्व पर गोष्ठाधिपति भगवान गोपालेश्वर महादेव एवं उनके साथ "शिव दरबार" की प्राण प्रतिष्ठा होकर विश्व के प्रथम गोअभयारण्य के लोक आवास में बने सुन्दर शिव मंदिर में एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के मुख्य यजमान अहमदाबाद के श्री चिमन भाई अग्रवाल,श्रीमती शशि बेन,पुत्र संजय जी अग्रवाल,मनीषा जी अग्रवाल, पौत्र धनंजय जी अग्रवाल एवं चिमन भाई के पूरे परिवारजन एवं मित्रगण मीनाक्षी जी अग्रवाल,अनिल कुमार जी गुप्ता,विष्णु जी अग्रवाल,,दिनेश जी गुप्ता, मंजू जी गुप्ता,वरुण जी गुप्ता,दशरथ जी पटेल,पुरुषोत्तम जी पित्रोदा,विनीता बेन सोनावत एवं पायल जी अग्रवाल एवं इंदौर से ओम प्रकाश भूतड़ा,मनोरमा मांगीलाल कुलमी, प्रभु राजपुरोहित, बैंगलोर से संजय जी,उज्जैन से अनिल राजपुरोहित,गंगापुर से नन्द लाल जी राठौर, जलगांव से लखन राठौर ,मेवाड़ से पीयूष पिछोलिया, धार सन्तोष राजपुरोहित एवं साल रिया के लाल सिंह जी ने विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चार द्वारा भव्य मंदिर में विराजित हुए ।

एक वर्षीय महोत्सव के 324 वें दिवस पर श्री गोपाल परिवार संघ के प्रणेता परम् पूज्य संत श्री गौ भैरव उपासक ग्वाल संत स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में आज 12 सेवा प्रकल्पों 1.धेनु धाम फाउंडेशन (www.dhenudhamfoundation.com)
2.दावा देवी फाउंडेशन (www.davadevifoundation.com)
3.दाता देवी फाउंडेशन (www.datadevifoundation.com),4.दाना देवी फाउंडेशन (www.danadevifoundation.com),5,दृष्टि देवी फाउंडेशन (www.drishtidevifoundation.com),6.ग्वाल शक्ति सेना (www.gwalshaktisena.com),7.धेनु शक्ति संघ (www.dhenushaktisangh.com),8.धेनु धन फाउंडेशन (www.dhenudhanfoundation.com),9.धेनु दर्शन फाउंडेशन (www.dhenudarshanfoundation.com),10. धेनु देवी फाउंडेशन(www.dhenudevifoundation.com),11. धेनु धरती फाउंडेशन (www.dhenudhartifoundation.com),
12. धेनु धारा फाउंडेशन (www.dhenudharafoundation.com)
का लोकार्पण किया गया। जो पूरे भारत व विश्व में गौ सेवा के कार्यों को पूरा करेंगे। 
 विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में शिवरात्रि के महामहोत्सव में राधा लड्डू गोपाल के साथ दो कन्याओं का विवाह सम्पन्न हुआ था उन्हें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के मुख्य यजमान अहमदाबाद के श्री चिमन भाई अग्रवाल के परिवार ,श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी अधिकारी आलोक जी सिंहल एवं आगर के विधायक माधव सिंह मधु गहलोत एवं साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती,साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती,साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती एवं साध्वी निष्ठा को गोपाल ने नव विवाहित दूल्हे,दुलहन को आभूषण एवं आगर के विधायक मधु जी गहलोत एवं इन्दौर के गोभक्त मनीष जी गुप्ता की ओर से दोनों वर वधु को सोफा सेट,आलमारी, टी टेबल,फ्रीज,कूलर,मिक्सर,प्रेस,पलंग, बिस्तर,गैस टंकी, चूल्हा ,51 सेट बर्तन एवं सोने का मंगल सूत्र चांदी के पायजेब, फोलरिया दोनों दुल्हनों के लिए एवं दोनों दूल्हों के लिए सोने की चेन सहित दुल्हन + दूल्हे को ड्रेस उपहार में दिए गए।

विदाई समारोह में आगर के विधायक मधु सिंह गहलोत ने गर्व महसूस करते हुए बताया कि मुझे गर्व है कि मैं जिस जिले से आता हूं वहां पर विश्व का प्रथम गो अभयारण्य है और यहाँ पूज्य पथमेड़ा महाराज जी एवं स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती के सानिध्य में 6000 से अधिक गौमाताओं की मातृत्व भाव से सेवा हो रही है और गो अभयारण्य के जल संकट निवारण के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी ।
कथा यजमान चिमन भाई अग्रवाल ,उनकी श्रीमती शशि बेन, पुत्र संजय अग्रवाल एवं पुत्र वधु मनीषा अग्रवाल ने गर्व महसूस करते हुए बताया कि भगवती गोमाता ने हमें जो एक वर्ष की सेवा का सहयोग मिला है उसके लिए हमारा परिवार पूज्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज एवं सभी संतो एवं साध्वी दीदियों का आभार व्यक्त करता है कि इन्होंने इस पुण्य कार्य के लिए हमारा चयन किया और भरोसा दिलाया कि भगवती गोमाता का किसी भी प्रकार का कार्य हमें आगे भी मिलता रहें ऐसी भगवती गोमाता से हम प्रार्थना करते है और अन्त में श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी अधिकारी आलोक जी सिंहल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
 कार्यक्रम में इंदौर के गोभक्त ओम प्रकाश जी भूतड़ा,मनीष जी बिसानी, अशोक जी सोमानी ,गिरिराज जी भूतड़ा,संजय जी अग्रवाल,प्रभु जी राजपुरोहित,भूरा लाल जी राजपुरोहित सहित सहित गोपाल संघ परिवार के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता को सम्मानित किया ।




*324वे दिवस पर चुनरी यात्रा भारत के सात राज्यों से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 324 वें दिवस पर भारत के कर्नाटक,तेलंगाना,महाराष्ट्र,गुजरात,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान,हरियाणा,दिल्ली एवं उत्तरप्रदेश ,बिहार व पश्चिम बंगाल राज्य के हजारों गोप्रेमी महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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जिसके जीवन में अपना कोई हित हो वह कभी सेवा नहीं कर सकता


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 325 वें दिवस पर पूज्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज ने बताया कि शिवरात्रि के दिन बिल्व पत्र चढ़ाने का बड़ा महत्व है, कई लोग सवा लाख बिल्व पत्र से भगवान शिव की पूजा करते है। भविष्य पुराण के उत्तर पर्व के 79वे अध्याय में स्पष्ट लिखा है कि लक्ष्मी से युक्त बिल्व के वृक्ष की उत्पति गौमाता के गोबर से हुई है।

कथा में महाराज जी ने बताया कि जब नंदीश्वर प्रकट हुवे तब प्रजापति ने महादेव को एक गौमाता ओर बेल दिया। तब महादेव जी प्रसन्न होकर बेल को अपना वाहन बनाया और उन्ही को अपनी ध्वजा का चिन्ह बनाया।

स्वामीजी ने आगे बताया कि महाशिवरात्रि के पर्व पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे है लेकिन किसी को यह सुध नहीं आई होगी कि भगवान शिव के प्राणाधार नंदी बाबा किस स्थिति में है। उस गो नंदी को भूल करके कोई कैसे शिवरात्रि का आनंद ले सकता है। वह लोग भाग्यशाली है जो इस अभ्यारण्य में 6 हजार गौमाताएं 2 हजार नंदी बाबा के बीच में बैठ करके शिवरात्रि मनाई है ।
  पिछले एक माह से चल रहे ग्वाल प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे गौभक्त शिविरार्थियों को आज कथा में प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया। इस शिविर में गौमाताओं को कैसे रखा जाता है, कब क्या खिलाना चाहिए, कैसे गौमाताओं का वर्गीकरण होना चाहिए, बीमार होने पर कैसे उपचार करना चाहिए, गर्भवती गौमाताओं की कैसे सेवा होनी चाहिए जैसे कई विषयों पर प्रैक्टिकल प्रशिक्षण जॉब गारंटी के साथ दिया गया।

23 मार्च से 12 अप्रैल तक का 21 दिवसीय द्वितीय ग्वाल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा ।

आज कथा में क्रांतिकारी चंद्र शेखर आजाद जी की शहादत को नमन किया गया। इन्होंने कसम खाई थी कि अंग्रेजों के हाथ जिंदा नहीं आएंगे। सच में उन्होंने ऐसा कर दिखाया। प्रारंभ में इन्हों देश की आजादी के आंदोलन में अहिंसक रूप से कार्य किया लेकिन जल्द ही इन्हें समझ आ गया कि आजादी अगर लानी है तो खून बहाना पड़ेगा। केवल चरखा चलाने से आजादी नहीं मिल सकती ।

जिसके जीवन में अपना कोई हित है वह कभी सेवा नहीं कर सकता। चंद्रशेखर आजाद देश की सेवा इस कारण कर पाए की उनका अपना कोई इश्यू नहीं था। अपना मान, अपना सम्मान, अपनी इज्जत, अपना पद, अपनी प्रतिष्ठा, अपनी चाहत, अपने विचार, अपने मित्र, अपने शत्रु यह जब रहेगा तब तक एक कदम भी सेवा में हम आगे नहीं बढ़ सकते। अपने अस्तित्व को मिटा देना पड़ेगा मैं कौन हूं, क्या हूं । हमें खुद को भी याद नहीं रहना चाहिए तब जाकर हम सेवा कर सकते हैं। खुद को मिटा कर ही सेवा शुरू होती है जब तक मैं हूं तब तक सेवा का अंश भी प्रारंभ नहीं होता। सेवा करना और सेवा का सोचना तो बहुत दूर की बात है।



*325वे दिवस पर चुनरी यात्रा हरियाणा एवं मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 325 वें दिवस पर हरियाणा के पानीपत से ओमप्रकाश शर्मा, सरोज जी, भारत भूषण एवं लसुड़िया गढ़वाल से माताएं बहने,देवास से गोपाल जी ,हुरा बा गौशाला व बड़ी से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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