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दैनिक समाचार



गौ सेवा करने से जो चाहते हैं वह स्वत: मिल जाता है* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 311 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि वास्तविक सेवा से चित्त शुद्धि होती है सेवा के फलस्वरूप कुछ मिलता है और उसे प्राप्त कर लिया जाए तो चित्त की शुद्धि समाप्त हो जाती है। गौ सेवा करने से जो चाहते हैं वह स्वत: मिल जाता है। लेकिन जो स्वत:मिलता है उसका त्याग ही उचित है। सेवा, जप, तप, भक्ति, साधना, समाधि, ध्यान कुछ न कुछ मिलता है। कितना मिलता है क्या मिलता है यह जो करते है उन्हें पता रहता है। आप सकाम कर्म करो या निष्काम कर्म करेंगे तो भी फल तो मिलेगा ही। जिस प्रकार बीज बोने से फल तो लगता ही है चाहे आपकी खाने की इच्छा हो चाहे ना हो। प्रकृति का अपना नियम है कृपा निधान का अपना विधान है। सेवा में लगे हैं उनको फल तो मिलेगा ही इसमें तो कोई संदेह की बात नहीं है। उस मिले हुए फल का भी उपयोग न करें तो संभवत मुक्ति मिल सकती है।

आज कथा में बांसवाड़ा से अयोध्या पैदल जा रहे परम गौभक्त कांति लाल जी पंड्या ओर प्रकाश जी कलाल कथा के दौरान अभ्यारण्य पधारें। इनसे महाराज जी ने निवेदन किया कि आप पैदल अयोध्या जा रहे है हम एक चिट्ठी दे रहे वह रामजी के चरणों में रखना और हमारी ओर से प्रार्थना करना
कि भगवान आप गौ हित पृथ्वी पर आए लेकिन आज यह क्या हो रहा है या तो गौमाता को सुख पहुंचा दो या हमें ले जाओ क्यों व्यर्थ में यहां बैठा कर रखा है गैया के दुख को देखने के लिए, हमारा काम क्या है यहां। जब हम गौ की सेवा ठीक से नहीं कर पा रहे है।
रास्ते में जहां जहां आप जाए, जो जो भक्त आपसे मिले उनसे भी गौ सेवा करने के लिए कहें।

*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में महाशिवरात्रि के पुण्य पर्व 22 फरवरी से 27 फरवरी 2025 तक गो अभयारण्य में गोष्ठाधिपति भगवान गोपालेश्वर महादेव के मंदिर में शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा,श्री राधा कृष्ण विवाह,दो कन्याओं का विवाह,श्री शिव कथा,गो कृपा कथा एवं अग्नि नृत्य जैसे विशाल आयोजन में सम्मिलित होने का पूज्य महाराज ने सभी से आह्वान किया*

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के त्रयोदश दिवस पर प्रशिक्षणार्थियों ने स्वयं एक एक गोष्ठ की जिम्मेदारी लेकर ग्वालों से विधिवत गौसेवा कार्य करने का प्रशिक्षण लिया*



*311 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा एवं राजस्थान के बागड़ से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 311 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के खमारपानी ग्राम से शिवदयाल जी ,कैलाश उमरेठी ,चंद्रधर एवं राजस्थान के बागड़ के बांसवाड़ा से कांति लाल पंड्या, प्रकाश कलाल ने अपने परिवार की ओर से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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मध्यप्रदेश के गोपालन मंत्री की भांति देश के हर मंत्री गौसेवा की भावना रखे तो देश में एक भी निराश्रित गोवंश नहीं रहेगा* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 310 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि भारत में चल रहें महाकुंभ के दौरान माघ पूर्णिमा के दिन संगम स्नान के साथ गोदान दान का विशेष महत्व होता है और जो कोई महाकुंभ में संगम स्नान के लिए नहीं जा पाएं और उन्होंने आज किसी गोशाला में जाकर गौसेवा के लिए दान कर दिया तो उस दान का महत्त्व संगम स्नान के बराबर है अर्थात जो गौसेवा करता है उन्हें संगम के स्नान का पुण्य सहज ही मिल जाता है क्योंकि भगवती गोमाता के चरणों में सब तीर्थों का फल मिलता है ।
 स्वामीजी ने आगे बताया कि देश में प्रतिदिन लाखों निरपराध पूज्य गोमाता का वध किया जाता है, उस पाप में क्या हमारे जैसे सामान्य व्यक्ति की भी कोई हिस्सेदारी है?
हां जी,, उस पाप में हर भारतीय की भागीदारी है,उसकी मुख्य वजह दो है,,,एक तो हमारे वोटों से चुनी सरकारें यह गोवध का लाइसेंस देकर करवाती है और गोवध के लिए जाते गोवंश को रोकने वालों को जेल में डाल देती है
और दूसरा जो भी गोवंश सड़कों पर निराश्रित घूम रहा है वो हमारे ही किसी के घर से छोड़ा गया है और हमारे शास्त्रों में क्षण भी है कि जो घर से गो को निकालता है वह भी गो हत्या के समान महापाप का भागी है अर्थात गो को घर से निकालना गो हत्या के बराबर ही पाप है और 
इस पाप की मुक्ति गौसेवा करने से हो सकती है, और गौसेवा करने का सामर्थ्य भगवान ने हमें दिया है, तो हम तन,मन ,धन एवं समय दान देकर अपने इहलोक के साथ परलोक को सुधारे ।।

स्वामीजी ने माघ पूर्णिमा के दिन जन्मे सामाजिक समरसता के प्रखर पुरोधा गुरु रविदास जी के जन्मदिवस पर समाज में जाति पाती के भेट को मिटाकर समाज के सामने उन्होंने जो कार्य किया है,उसे भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि भगवती मान मीरा ने भी उन्हीं से प्रेरणा लेकर प्रभु भक्ति के रस में डूबकर अंत में स्वयं गोविन्द में ही समा गईं थी ।

*स्वामीजी ने मध्यप्रदेश के गोपालन मंत्री लखन जी पटेल का उदाहरण देकर बताया कि वे भारत के ऐसे गो प्रेमी है जो अपने घर पर भारतीय नस्ल की थारपारकर गोमाता की सेवा करना चाहते है ,यदि उनसे प्रेरणा लेकर देश एवं राज्यों के सभी मंत्री भी गौसेवा की भावना रखेंगे तो मेरे देश की एक भी गोमाता निराश्रित नहीं घूमेगी*

 

310 वें दिवस पर उत्तरप्रदेश के हरदोई (प्रह्लादपुरी ) से श्री अमरनाथ गुप्ता, मुन्नू सिंह ,श्री गिरीश दीक्षित,श्री आदेश सिंह ,श्री संजय बाबू एवं कमला ने हरदोई में एवं रतलाम के अंकित यादव ने रतलाम में एवं भारतीय किसान संघ के आगर तहसील अध्यक्ष श्री श्याम सिंह ने आगर में गो चिकित्सालय के लिए भूमि उपलब्ध करवाने का संकल्प लिया*

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के द्वादश दिवस पर प्रशिक्षणार्थियों ने स्वयं एक एक गोष्ठ की व्यवस्थाओं को संभालकर ग्वालों से विधिवत गौसेवा कार्य का किया*

*310 वे दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तरप्रदेश के प्रह्लादपुरी (हरदोई) एवम् मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 310 वें दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तरप्रदेश के हरदोई (प्रह्लादपुरी ) श्री अमरनाथ गुप्ता के परिवार से उनके साथ पधारे मुन्नू सिंह जी,श्री गिरीश जी दीक्षित,श्री आदेश जी सिंह ,श्री संजय बाबू एवं कमला कांत एवं रतलाम से अंकित यादव,उज्जैन से पवन राव,एवं आगर से चंद्रशेखर पाटीदार एवं शिवराज सिंह ने सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोरक्षा,गौसेवा में मातृशक्ति आगे आ जाएं तो देश की दशा एवं दिशा दोनों बदल सकती है* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 314 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि गोमाता के साथ बिताया हुआ जीवन अदभुत एवं अलौकिक होता है और यह एक वर्षीय गो कृपा कथा उसी का एक हिस्सा है,जिससे हम गायमाता को जाने उसे पुनः पहचाने क्योंकि इस भूतल में 99% लोग गायमाता को पशु अथवा जानवर मानते है और केवल एक प्रतिशत लोग ही गायमाता को माता मानते है जबकि हमारे धर्म ग्रंथों में अनेकों दृष्टांत जिसमें गाय को विश्व की माता मानने का उल्लेख है अर्थात गांवों विश्वस्य मातर: जिससे यह प्रतीत होता है कि गायमाता पशु नहीं है वह तो भगवान की भी भगवान है और जितनी महिमा भगवान ब्रह्मा ,विष्णु,महेश की नहीं है,उससे ज्यादा महिमा गैया मैया की है यानि गायमाता ही एक ऐसा माध्यम है जो शक्ति भी देती है ओर भक्ति भी देती है बस केवल एक शर्त है कि उसकी निष्काम भाव से सेवा की जाएं तो वह बदले में ज्ञान एवं भक्ति हमें उपहार में सहज मिल जाती है ।
 स्वामीजी ने नारीशक्ति का महत्त्व बताते हुए कहां कि इस संसार में मातृशक्ति ही एसी शक्ति स्वरूपा है जो स्वयं ऊर्जा लेकर ही इस धरती पर अवतरित होती है जबकि पुरुष तो धरती से ऊर्जा प्राप्त करता है, इसलिए अगर मातृशक्ति भारत के कृषि कार्य में अग्रणी हो जाएं तो भारत की कृषि जहर मुक्त होकर पुनः ऋषि कृषि की और बढ़ सकती है क्योंकि आदमियों में दया कम होती है और माताएं दयावान होती है यानि माताएं चींटियों को भी आटा डालती है और पुरुष ड्रम भरकर जहर को अपने खेतों में डालकर लाखों,करोड़ों जीवों को मारता है,इसलिए कृषि जगत में माताएं आगे आ जाएं तो भारतीय कृषि जगत में एक नई क्रान्ति आ सकती है और भारतीय कृषि जहर से मुक्त होकर पुनः गो आधारित ऋषि कृषि हो सकती है क्योंकि माताएं वचन की पक्की होती है और वे जो कहती है,वह करके दिखाती है,इसलिए गो रक्षा एवं गोसेवा क्षेत्र में अगर कोई न्याय कर पाएगी तो वह केवल माताएं ही कर पाएंगी और उसी दृष्टि से धेनु शक्ति संघ नामक मातृशक्ति संगठन का गठन किया है जिसके माध्यम से देशभर की 5000 माताएं जो पूर्ण गोव्रती होकर पूरे देश से एक करोड़ गोप्रेमी बहिनों को जोड़ेगी और इस संगठन को ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य भगवान की कृपा पात्र शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा जी दीदी श्रीविद्यामठ काशी का आशीर्वाद मिलेगा जिससे धेनु शक्ति संघ को नई ऊर्जा मिलेगी।
   
*भारतीय किसान संघ की मालवा प्रान्त की प्रान्त महिला प्रमुख वैशाली जी मालवीया ,चंद्रप्रकाश जी,इन्द्र सिंह जी,सुरेन्द्र सिंह जी राजस्थान टेक्सटाइल मिल भवानीमंडी आदि अतिथि उपस्थित रहें*



*314 वे दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात,राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 314 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात के कर्णावती 9से गुजरात के कर्णावती से गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के न्यासी श्री पीयूष जी विठ्ठला बिछावाडी सांचौर हाल मुकाम अहमदाबाद गुजरात एवं इनके साथ पधारे श्री मदरूपा जी विठ्ठला,रमेश जी,नरेश जी ,ललित एवं प्रकाश जी व्यास दांतिया,हाल मुकाम अहमदाबाद,श्री राधाकृष्ण गोशाला कृष्ण नगर आला खेड़ी,तहसील डूगला(चित्तौड़गढ़) से गोपाल ,घनश्याम,दशरथ ,राजेश ,लक्ष्मीलाल ,रामनारायण ,मांगीलाल , पुरण मल ,भेरू लाल ,ओंकार व सुन्दर मेनारिया एवं रामलाल सुथार व मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के एकीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय लसूडलया ( खेराज) की बालक बालिकाएं एवं स्टाफ व मन्दसौर जिले की गरोठ तहसील के एगड़ी ग्राम की महिला मण्डल ने अपने परिवार ,ग्राम,नगर की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।


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इस लोक में गौसेवा करें यही हमारे लिए सबसे बड़ा श्लोक है - सुरेश कृष्ण दास महाराज कथा वाचक*


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 309 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने आज की कथा में गोमाता की के सानिध्य में पालने में अपने नौनिहाल को सुंदर प्रेरणादाई लोरिया सुनाकर उस बालक को पालने में झुलाना चाहिए ताकि जब वह बालक बड़ा हो तो अपने जीवन को अपने प्रभु भक्ति के साथ साथ। अपने परिजनों,समाज एवं राष्ट्र रक्षा में लगा सकें ।
महाराज जी ने आगे बताया कि महाशिवरात्रि के पुण्य पर्व 22 फरवरी से 27 फरवरी 2025 तक विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में गोष्ठाधिपति भगवान गोपालेश्वर महादेव के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है , मार्बल से बने उस सुंदर मंदिर का निर्माण पूर्णता की और है और सभी क्षेत्र वासियों से शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा,श्री राधा कृष्ण विवाह,दो कन्याओं का विवाह,श्री शिव कथा,गो कृपा कथा एवं अग्नि नृत्य जैसे विशाल आयोजन में सम्मिलित होने का आह्वान किया*

*एक वर्षीय गो कृपा कथा के 309 वें दिवस  
कथा ईलाईपुर (उज्जैन) से कथा वाचक पूज्य सुरेश कृष्ण दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में बताया कि गोसेवा भगवान श्री कृष्ण का ही परम लक्ष्य है और जो गाय की सेवा में लगे हुए है,वही साक्षात गोपाल है क्योंकि गोवर्धनधारी भगवान कृष्ण ने हमें प्रेरणा दी है कि जो गो का वर्धन करें वही गोवर्धन है,केवल राम राम करने से काम नहीं चलेगा, और इस चराचर जगत में भवसागर की वैतरणी पार करने का एक मात्र माध्यम भगवती गोमाता ही है और उसकी पुच्छ से ही हम भवसागर की नैया को पार कर सकते है , इसलिए हमें जीवन मरण के बंधन से मुक्त होकर प्रभु के चरणों में जाना है तो उसके लिए एक मात्र साधन गौसेवा ही है,इसलिए हम सब को सात्विक होकर गो सेवा में जुटना होगा साथ ही क्योंकि इस लोक में गौसेवा करें यही हमारे लिए सबसे बड़ा श्लोक है साथ ही महाराज जी ने संकल्प लिया कि विश्व के इस प्रथम गोअभयारण्य से आज से मैं भी गोव्रत का संकल्प लेता हूं क्योंकि जब तक आहार शुद्धि नहीं होगी तब तक भगवान का भजन नहीं हो सकता और झालावाड़ जिले की पिड़ावा तहसील के हरनावदा गजा ग्राम पंचायत से चुनरी यात्रा लेकर पधारे गो प्रेमियों का आभार जताते हुए कहा कि आपने मुझे भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ने का जो अवसर दिया वास्तव में उसे मै गोलोक जैसी अनुभूति कर रहा हूं और मैं चुनरी लेकर पधारे सभी सज्जनों से भी आग्रह करता हूं कि आप भी आज विश्व के इस प्रथम गो अभ्यारण्त रूपी गोकुल से मांसाहार एवं अन्य व्यसन को छोड़ने का संकल्प ले और अंत में महाराज जी ने भगवती गोमाता की चुनरी के एक सुन्दर भजन की प्रस्तुति दी ।

309 वें दिवस पर पूज्य 9 हरिनारायण दास जी महाराज देवास,श्री ईश्वरदास जी ईलाईपुर (उज्जैन),श्री नारायण सिंह जी सरपंच ग्राम पंचायत हरनावदा गजा एवं भाजपा पिड़ावा मंडल अध्यक्ष, मान सिंह जी,भाजपा मंडल उपाध्यक्ष,
कालू सिंह जी गुर्जर आगर, करह धाम गोशाला , पटिया वाले बाबा,जिला मुरैना(म.प्र.)
बैजनाथ जी गुर्जर,मोनू गुर्जर भिण्ड, भोला गुर्जर,जितेन्द्र गुर्जर, एवं मेवाड़ से राम लाल तेली कंचन देवी ओडवाडिया उदयपुर,ओमप्रकाश तेली,राधा देवी
तारावट वल्लभनगर, लक्षित साहू
एवं सीता देवी नाथद्वारा अतिथि के रूप में पधारे*

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के एकादश दिवस पर प्रशिक्षणार्थियों स्वयं ने एक एक गोष्ठ की व्यवस्थाओं को संभालकर ग्वालों से विधिवत गौसेवा कार्य का अवलोकन किया*

*309 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की और से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 309 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले की पिड़ावा तहसील की हरनावदा गजा ग्राम पंचायत की और से ग्राम पंचायत के सरपंच कुंवर नारायण सिंह,मानसिंह भाजपा मंडल उपाध्यक्ष,नारायण सिंह अध्यक्ष,मानसिंह पटेल,बहादुर सिंह चौहान सेमली चौहान,रामलाल भगतजी सेमली चौहान,मानसिंह पटेल सेमली चौहान,गंगाराम हरनावदा पीत्ता,गुमान सिंह फतेहपुर,प्रभुलाल शर्मा हरनावदा गजा,मेहरबान सिंह भाजपा आई आई टी ग्रामीण मंडल संयोजक,बालू सिंह वार्ड मेंबर, गोपाल सिंह अध्यक्ष सहकारी समिति,एवं मदन लाल मेहर पूर्व वार्ड मेंबर के नेतृत्व में सैकड़ों मातृशक्ति एवं युवाओं के साथ समस्त ग्राम पंचायत की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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भारत के बड़े महानगरों में कुत्ते,बकरी तो पाले जा सकते है लेकिन गोमाता नहीं* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के अवसर पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि जहां पल का भरोसा नहीं,जहां कल का भरोसा नहीं , ऐसी क्षण भंगूर दुनियां में अगर कोई काल निश्चित करके किसी कार्य को प्रारंभ करते है,तो उसके पीछे वस्तुत:असल में परमात्मा की ही कृपा होती है,वही प्रेरणा दे सकते है और देते है,परमात्मा के द्वारा आयोजित नियोजित एवं संयोजित देवताओं की भी देवता कहीं जाने वाली भगवती गोमाता की गोकृपा कथा कहने सुनने का अवसर भगवान ने हमें दिया है और आज हम 308 दिन में प्रवेश कर चुके है ।
    स्वामीजी ने आगे बताया कि जिस भगवती गोमाता को पूरा ब्रह्माण्ड मां के रूप में पूजा करता है उस गोमाता की लोकतंत्र के जमाने में घोर उपेक्षा हो रहीं है क्योंकि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के बड़े बड़े महानगरों,शहरों में आप कुत्ता,बकरी तो पाल सकते है,लेकिन आप गोमाता को नहीं पाल सकते और आपने गलती से भी घर या कॉलोनी में गोमाता को पाल लिया तो नगर निकाय का प्रशासन गोपालक पर भारी जुर्माना कर उस गोमाता को अपने वाहनों में भरकर कही बाहर छोड़ देंगे ।
     मैं देश के गोभक्तो से आग्रह करना चाहता हूं कि आप अपने शहर में एक ऐसी कॉलोनी बनाएं जिसमें प्रत्येक घर में एक गोमाता के लिए स्थान हो और उस कॉलोनी के हर धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम में सर्व प्रथम गौपूजन हो उसके बाद ही सारे आयोजन हो और पूरी कॉलोनी व्यसन मुक्त एवं गोव्रती बने एक ऐसा वास्तविक गोकुल धाम बने और उस कॉलोनी में केवल गोप्रेमियो का ही प्रवेश हो गो विरोधी का प्रवेश निषेध हो।

*स्वामीजी ने बताया कि आगामी 22 फरवरी से 27 फरवरी 2025 तक विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में गोष्ठाधिपति भगवान गोपालेश्वर महादेव के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में महाशिवरात्रि के पुण्य पर्व पर विशाल मेले का आयोजन होगा जिसमें शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा,श्री राधा कृष्ण विवाह,दो कन्याओं का विवाह,श्री शिव कथा,गो कृपा कथा एवं अग्नि नृत्य जैसे विशाल आयोजन होंगे*

*एक वर्षीय गो कृपा कथा के 308 वें दिवस पर झालावाड़ जिले के पिड़ावा के ओसाव से गिरजाशंजर पंचोली, खारपाकलां से रामगोपाल पाटीदार, राजगढ़ के जीरापुर से चम्पा लाल सेन, मांगीलाल सेन, खैरासी से घनश्याम तोमर,भारत सिंह तोमर,विजय सिंह तोमर, कालू सिंह परमार, परचूखेड़ी हिन्दू सिंह आदि अतिथि के रूप में पधारे*

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के दशम दिवस पर श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा से पधारे गोसेवा प्रभारी श्री गिरधर सिंह ने नस्ल सुधार एवं गोवंश के लिए श्रेष्ठतम आहार प्रबन्धन के हेतु सभी को प्रशिक्षण दिया*

*308 वे दिवस पर चुनरी यात्रा प्रशिक्षु ग्वालों की और से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 308 वें दिवस पर चुनरी यात्रा *श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहें पुरुषोत्तम डोंगरे अमरावती, ऋग्वेद भेसे,महादेव तुकाराम काकडे अमरावती ,, प्रफुल वामनराव हाडेकर अमरावती(महाराष्ट्र),भंवर देवराज सिंह सोलंकी इंदौर,निर्मला वाजपेय इन्दौर, विजय मेहरा मध्यप्रदेश,नरवर सिंह आगर मालवा,तुलसी शर्मा बरेली ,विजय पटेल बरेली(यू.पी.),नारायण लाल प्रतापगढ़,कैलाश प्रतापगढ़,रामस्वरूप केवट झालावाड़ ने ग्वाल प्रशिक्षण देने वाले श्री गिरधर सिंह सोडा के नेतृत्व में सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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भगवती गैया महारानी की सेवा से ही सारे दुखों का नाश हो जाता है* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 303 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि कि मानव का वास्तविक धर्म यही है कि वह सदा आनंद में रहें,मनुष्य होने का अर्थ यही है कि हम लोग आनंद में रहें अर्थात हम मनुष्य तभी तक है जब तक हम आनन्द में है,जब आनन्द में नहीं तो फिर मनुष्य कैसे , एक पल के लिए भी आनंद नहीं जाना चाहिए, एक पल के लिए भी आनन्द नहीं जाना चाहिए प्रसन्नता,मौज,,कोई दुःख संकट या परेशानी नहीं,कोई वैरी दुश्मन नहीं,सब हमारे और सबके हम ऐसे सुन्दर भावों के साथ ही इस संसार में जिनी का आनन्द अगर कोई दे सकती है,तो वह मैरी गैया महारानी दे सकती है , गैया मैया ही है जो हम लोगों के जीवन की नैया को पार करके प्रभु तक पहुंचा सकती है बस छोटी सी है कि जो लोग दुःखी है, परेशान है और सोचते है कि कैसे जीवन की नैया पार चलेगी, रुपए नहीं है,घर छोटा है, गाडी नहीं है, रिश्तेदारों को कैसे राजी रखे,यह नाराज,वह नाराज,यह करें तो वो हो जाएं,वो करें तो यह हो जाएं इन सारे झंझटो से गैया मैया ही छुड़ा सकती है,बस थोड़ी से निष्काम भाव से सेवा करने की आवश्यकता है और सब गैया मैया के भरोसे छोड़ते कि है ! मेरे नाथ , आपने खूब दिया है,अब कुछ नहीं चाहिए नाथ बस गैया मैया की सेवा मिल जाएं और उस सेवा के कारण आपके श्री चरण मिल जाएं,आपका साथ मिल जाएं क्योंकि भगवान का एक अंश भगवती गैया मैया इस पृथ्वी पर है और इनके होने से ही सारे दुखों का सहज नाश हो जाता है।
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*ग्वाल शक्ति सेना में 5 हजार पूर्ण गोव्रती कार्यकर्ताओं की श्रृंखला में महाराष्ट्र के हिंगोली जिले से श्याम चव्हाण,छत्रपति शंभाजीनगर जिले की गंगापुर तहसील प्रभारी नर्मदेश्वर नाना साहेब जीवरक,राजस्थान के चुरु जिले की चुरु तहसील से नेमीचंद प्रीतिसर, तारानगर तहसील सत्यनारायण स्वामी, तारानगर तहसील से। दीपू सिंह चौहान गांव कैलाश आदि की नियुक्ति की उद्घोषणा हुई*

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के पंचम दिवस पर श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा से पधारे गोसेवा प्रभारी श्री गिरधर सिंह ने श्रेष्ठतम गौसेवा किस प्रकार हो उसका प्रशिक्षण दिया*

*303 वें दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगर जिला संघ चालक माननीय मोहन जी आर्य, प्रचारक पंकज जी चौधरी, जिला कार्यवाह मनीष जी शर्मा,सह जिला कार्यवाह लाखन सिंह जी,जिला बौद्धिक प्रमुख तुलसी राम जी बैरागी ने भगवती गोमाता की पूजन कर गो अभयारण्य में विराजित भगवती गौमाताओं का दर्शन कर पूज्य महाराज जी से आशीर्वाद लिया*
 अनिल भावसार इन्दौर एवं गिरीश भावसार जीरापुर(राजगढ़) अतिथि उपस्थित रहें*


*303 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 303वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के डोंगरगांव(सोयत) की महिला मंडल ने अपने परिवार ग्राम,नगर सहित सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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