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दैनिक समाचार



शासन द्वारा घोषित गोवंश रक्षा वर्ष में भी गो तस्करों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है,पुलिस प्रशासन* स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 318 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज जी ने पुनः दुःख प्रगट करते हुए बताया मध्यप्रदेश में यदुवंशी मुख्यमंत्री होते हुए भी जहां का पुलिस प्रशासन गौतस्करों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो रहन है,अर्थात एक ओर तो प्रदेश के मुखिया गोरक्षा के लिए *
"गो वंश रक्षा वर्ष" मना रहें है , वहीं जिस जिले में मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित विश्व का प्रथम प्रथम गो अभयारण्य है ,वह जिले में भी पुलिस प्रशासन गो तस्करी पर अंकुश नहीं लगा पाया है और तस्कर निर्विघ्न होकर नित्य गो तस्करी को अंजाम दे रहें है और गौसेवक अपनी जान जोखिम में डालकर तस्करों से गोवंश को बचा रहें है लेकिन गो तस्करों पर पुलिस का आज तक कोई भय नहीं है और फिर विगत रात्रि को गौसेवक धर्मेन्द्र सिह राजपूत उमरिया देवड़ा आगर ,टीकमसिह राजपूत उमरिया देवड़ा आगर, आकाश जीरापुर, गोविन्द जीरापुर, धर्मेन्द्र शर्मा शाजापुर आदी कार्यकर्ता की टीम ने पूरी रात्रि गो तस्करों का पिछा करते हुए 07 नर गोवंश को बचाया ।
 गौरतलब है कि विगत रात्रि को गोलु लाला की स्विफ्ट पेट्रोलिंग करते हुए चल रही रही थी और उसके पीछे पीछे गोवंश से भारी बोलोरो पिकअप राजगढ़ जिले से राजगढ़ होते हुए ब्यावरा पचोर सारंगपुर शाजापुर से होते हुए दुपाडा के रास्ते कानड थाना क्षेत्र के चाचाखेडी गाँव तक रात्रि को 250 कि, मी, पिछा करके 7 नन्दी को सुरक्षित बचाया, पिकप मे सभी सातों नन्दीयो के हाथ मुँह पेर बाँधकर क्रूरता पूर्वक पिकअप वाहन में ठूस ठूस कर भर रखा था जिन्हें कानड़ थाने के माध्यम से शिवगढ़ गोशाला कानड़ में सम्मानजनक रूप से भिजवाया ।
महाराज जी ने बताया कि गोमाता की रक्षा को लेकर भी हमें इस बिन्दु पर विचार करना होगा कि आखिरकार क्या कारण है कि गाय गौय कटने को जा रही है,उस कारण पर हमें प्रहार करना होगा क्योंकि कसाई अनेक रूपों में घूम रहें है,उनको ढूंढपाना बड़ा कठिन है , एक एक कसाई को कहां कहां ढूंढेंगे, कसाई मात्र वध शाला चलाने वाले होते तो उन्हें ढूंढपाना सरल होता लेकिन कही पुलिस की वर्दी में कही जज के रूप में तो कही वकील के रूप में तो कही गो रक्षकों के रूप में हमारे ही बीच फिर रहें है,उनको हम कैसे ढूंढेंगे, इसलिए हम लोगों को मंथन करना होगा, विचार करना पड़ेगा कि जड़ क्या है और यह विचार करने के लिए के लिए विश्व के इस गो अभयारण्य में मार्च माह में वास्तविक गो रक्षकों का विशाल सम्मेलन करके कसाईयों की मूल जड़ तक जाना होगा।


 



*स्वामीजी ने बताया कि आगामी 22 फरवरी से 27 फरवरी 2025 तक विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में गोष्ठाधिपति भगवान गोपालेश्वर महादेव के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में महाशिवरात्रि के पुण्य पर्व पर विशाल मेले का आयोजन होगा जिसमें शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा,श्री राधा कृष्ण विवाह एवं आगर के लोकप्रिय विधायक माधव सिंह मधु गहलोत एवं इंदौर के गोभक्त के सहयोग से दो गरीब कन्याओं का शुभ विवाह, श्री शिव कथा,गो कृपा कथा व अग्नि नृत्य जैसे विशाल आयोजन होंगे*




*318 वें दिवस पर जितेंद्र सिंह,गजराज सिंह,कमल सिंह ठिकाना छीगरी उज्जैन अतिथि उपस्थित रहें* 
 
*318 वे दिवस पर चुनरी राजस्थान,महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 318 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के देशनोक में विराजित भगवती करणीमाता जी के दरबार से गोपालदान चारण एवं जगदीश चारण एवं अजीत जी शर्मा,महाराष्ट्र के पुणे से श्री जगदीश शर्मा ,श्रीमती सुशीला जी शर्मा एवं पुत्रि प्रीति शर्मा व रतलाम जिले की जावरा तहसील के ढोढर ग्राम से बद्री लाल माली, कान्हा माली ,प्रकाश माली एवं उज्जैन से अरूण अग्रवाल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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शिवाजी को छत्रपति शिवाजी बनाने में भी एक नारी की भूमिका रही है* स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 317 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि मेरे देश में नारी की बड़ी भूमिका रही है लेकिन जबसे हम पराधीन हुए तब से हमारी मातृशक्ति को हमने नजरअंदाज किया है जिसके कारण धार्मिक, सांस्कृतिक सभी प्रकार की स्थितिया कमजोर हुई है, याद रखिए जिन शिवाजी महाराज का आज हम जन्मदिवस मना रहें है उन शिवाजी को छत्रपति शिवाजी बनाने के पीछे भी एक त्याग तपस्या की प्रतिमूर्ति जो महाराष्ट्र के शिवनेरी में मराठा परिवार में शाहजी भोसले की अर्दाग्नि थी उस वीरांगना मां जीजाबाई के गर्भ से ही आज के दिन 19 फरवरी 1627 को बहादुर,शौर्यवान एवं दयालुता से परिपूर्ण वीर बालक के रूप में छत्रपति शिवाजी महाराज को जन्म दिया है , मां जीजाबाई परम धार्मिक स्वभाव की होने के साथ साथ एक वीरांगना नारी भी रहीं है और माता का असर तो संतान पर आता ही है क्योंकि मां जीजाबाई ने छत्रपति शिवाजी को बचपन में रामायण,महाभारत एवं वीर पुरूषों की गाथाएं शिवाजी को सुनाई थी और उन्होंने शिवाजी को आत्मरक्षा का पाठ बचपन से ही सीखना शुरू कर दिया था और जब वे छोटे थे उस समय एक कसाई गाय को वध के लिए ले जा रहन था उस समय शिवाजी ने कसाई से गाय को मुक्त करवाकर कसाई की गर्दन को काट दिया था । अपनी मां जीजाबाई एवं गुरु समर्थ रामदास जी ने शिवाजी को समर्थ बना दिया था और उसी सामर्थ्य के आधार पर उनकी कुलदेवी माँ तुलजा भवानी ने उनको आशीर्वाद स्वरूप अपने हाथ की तलवार देकर गोघातीयों को समूल नष्ट करने के लिए दी थी और उसी तलवार से छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों का संहार किया था और छत्रपति शिवाजी महाराज की गोभक्ति के कारण ही उन्हें दरबार में गोप्रतिपालक से संबोधित किया जाता था।

पूज्य महाराज जी ने भोपाल में कोलार रोड के पास अपनी निजी भूमि में बिना सरकारी सहायता के 400 से अधिक सड़क दुर्घटना से ग्रस्त एवं बीमार गोवंश की सेवा के लिए भारत के बैंगलोर गुड़गांव हैदराबाद जैसी मेट्रो सिटीज में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे पैकेज को छोड़कर गौसेवा में सम्पूर्ण समय देने वाली भोपाल निवासी नीताजी नायर को भोपाल क्षेत्र की धेनु शक्ति संघ की प्रभारी के नाते घोषणा कर भगवान कामधेनु कृष्ण से प्रार्थना की कि वे भोपाल क्षेत्र की एक्सीडेंटल एवं बीमार गौमाताओं की और श्रेष्ठ सेवा करे और गोपाल परिवार संघ उनका हर प्रकार से सहयोग करेगा ।

*गौ संवर्द्धन आश्रम, ग्राम मोकलावास, जोधपुर में स्व. डॉ. श्री चंचलमल जी चौरड़िया की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर पूज्य संत श्री गोपालनंद सरस्वती जी महाराज के नाम से पंचगव्य विद्यापीठ का उद्घाटन राष्ट्रीय जैन कांफ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष और समाजसेवी श्री नेमीचंद जी जैन ने अपने करकमलों से पंचगव्य विद्यापीठ का उद्घाटन किया।
र्यक्रम में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति श्री प्रदीप प्रजापति जी, इसकॉन सर्जिकल के संस्थापक श्री सोहनलाल जी जैन, अन्य गणमान्य अतिथि, ग्रामीणजन, और पंचगव्य चिकित्सा में रुचि रखने वाले लोग उपस्थित रहे*



*317 वे दिवस पर चुनरी हरियाणा,गुरुग्राम,छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 317 वें दिवस पर चुनरी यात्रा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से राधेश्याम जी शर्मा ,हरियाणा के हिसार से सुशील जी , नवीन जी यादव एवं गुरुग्राम से डॉक्टर राजीव खरे, श्रीमती किरण जी खरे की पुत्री एवं प्रियांशु खरे की बहिन श्रीमती पूर्वी जी खरे पत्नी रोहित जी खरे गुरुग्राम ने अपने पुत्र दक्ष खरे के साथ व कैलाश सिंह जी पीपल्दा की नातिन श्रीमती रानू जी सिसोदिया गोपालपुरा(जीरापुर) के परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गो के बिना राष्ट्र रक्षा एवं राम की कल्पना नहीं की जा सकती* स्वामी गोपालानंद सरस्वती


गो के बिना राष्ट्र रक्षा एवं  राम की कल्पना नहीं की जा सकती* स्वामी गोपालानंद सरस्वती 

सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा  द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में  चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 316 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि आज चैतन्य महाप्रभु एवं स्वामी विवेकानंद जी के गुरु एवं भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक सन्त रामकृष्ण परमहंस, क्रांतिकारी मदन लाल धींगरा एवं राजस्थान के तीसरे मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास आदि दिव्य महापुरुषों के जन्म दिवस पर उन्हें स्मरण कर हम भी  धेनु रक्षा के लिए अपना सर्वच्च अर्पण कर दे क्योंकि  गैया नहीं बची तो हम भी नहीं बचेंगे और यह शाश्वत सत्य है कि राष्ट्र की रक्षा गो से ही संभव है अर्थात गो के बिना राष्ट्र रक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती,गो के बिना राम की कल्पना नहीं की जा सकती ।
     स्वामीजी ने आगे बताया कि हमारे धर्मग्रंथों के आधार पर नीति कहती माताओं से कोई भी भला काम करवाना है तो उन्हें स्नेहभाव से आग्रह किया जाना चाहिए और जब माताएं आगे आ जाती है तो बात गतिशील  हो जाती है,इसलिए गोमाता के कार्य के लिए हमारे देश की मातृशक्ति को आगे आना होगा और इसके लिए ही धेनु शक्ति संघ नामक संगठन की रचना गोपाल परिवार संघ ने की है।
    स्वामीजी ने शुभ सूचना देते हुए बताया कि गोपाल परिवार संघ ने भारत के सभी जिलों में भगवती गोमाता की चिकित्सा के लिए पूरे देश में जो 1008 गो चिकित्सालयों का संकल्प लिया है और आगे बढ़ रहा है और उसी श्रृंखला में  मंदसौर जिले की जावरा तहसील  के ग्राम ढोढर से श्री बद्री लाल माली ने 5 बीघा भूमि गो चिकित्सालय को देने का संदेश  उज्जैन निवासी श्री अरुण जी अग्रवाल के माध्यम से भिजवाया है साथ ही उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले में भी गो चिकित्सालय के लिए अमरनाथ जी गुप्ता हरदोई का संदेश आया है साथ ही मध्यप्रदेश की लाल माटी कहें जाने वाले आगर में स्थित चिपिया गोशाला में गो चिकित्सालय के लिए गोशाला की समिति ने भारतीय किसान संघ के आगर तहसील अध्यक्ष श्री श्याम सिंह जी के माध्यम से सन्देश भिजवाया है , पूज्य महाराज जी ने उक्त तीनों स्थानों के सज्जनों से आग्रह किया है कि आप वहां की एक स्थानीय समिति का गठन कर जमीन समिति के नाम करवा लीजिए ताकि दाता देवी फाउंडेशन के माध्यम से शीघ्रताशीघ्र चिकित्सालय निर्माण कार्य करवाया जा सकें ।



*स्वामीजी ने बताया कि आगामी 22 फरवरी से 27 फरवरी 2025 तक विश्व के  प्रथम गो अभयारण्य में गोष्ठाधिपति भगवान गोपालेश्वर महादेव के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं श्री राधा कृष्ण विवाह के साथ  आगामी 25 फरवरी को आगर के लोकप्रिय विधायक माधव सिंह मधु गहलोत एवं इंदौर के गोभक्त मनीष जी गुप्ता तीन गरीब कन्याओं का शुभ विवाह सम्पन्न  होना है, ज्ञातव्य हो कि आगर के बेटी प्रिय विधायक  मधु जी गहलोत ने विगत दिनों अपने पुत्र के विवाह के साथ 61 गरीब कन्याओं का विवाह आगर में करवाया था और अब दो  गरीब कन्याओं का विवाह विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में करवाने जा रहें है*

*316 वें दिवस पर गोपुत्र सेना अकलेरा (झालावाड़) से गोपुत्र केशव बैरागी घाटोली,गोपुत्र सुनील कुमार  गेहूं खेड़ी,बापू लाल शर्मा, कल्याणपुरा आदि अतिथि उपस्थित रहें* 
 
*316 वे दिवस पर चुनरी राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 316 वें दिवस पर चुनरी यात्रा के भीलवाड़ा जिले के बागौर में स्थित श्री गोसेवा समिति बागौर एवं ब्राह्मणी कलेक्शन बागौर की ओर से अमित काबरा भीलवाड़ा,जगदीश तेली बागौर, विमल खारोल,ओम प्रकाश खारोल,शिवरतन  काबरा के साथ गोप्रेमी सज्जन मातृशक्ति ने सम्पूर्ण मेवाड़  की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए  गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी  लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया  और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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हमारे सम्पूर्ण जीवन का मूल आधार है गोमाता* - कैलाश चन्द, वरिष्ठ प्रचारक राजस्थान


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 315 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि आज दो वीर दिव्य महापुरुषों का निर्वाण दिवस है जिसमें से वासुदेव बलवंत फडके जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे जिन्हें आदि क्रांतिकारी कहा जाता है,दूसरा दक्षिण की झांसी की रानी कही जाने वाली रानी गिडालू या रानी गाइदिन्ल्यू भारत की नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेत्री थीं जिन्होने भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व किया।
स्वामीजी ने बताया कि भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में अनेकानेक वायरस का कुप्रभाव पड़ रहा है और अब तो हमारी ओजोन परत में भी छेद हो गए है ऐसा हमारे वैज्ञानिकों का मानना है इसका मूल कारण है पर्यावरण विशुद्धि और वायुमंडल को शुद्ध करने का सबसे श्रेष्ठ साधन गोमाता ही है और जहां वह मां"""""का उच्चारण करती है,उसी के स्वर से वातावरण शुद्ध हो जाता है और जहां जहां उसका गोबर गोमूत्र गिरता है वहां किसी भी वायरस का प्रभाव नहीं पड़ता है ।
315 वें दिवस पर राजस्थान क्षेत्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक कैलाश चन्द ने बताया कि जिन भगवान कृष्ण ने इच्छा की है कि मेरे आगे गाय,पीछे गाय,दाएं गाय,बाएं गाय रहें अर्थात गायमाता मैंरी हर प्रकार से सुरक्षा ही नहीं करें बल्कि मुझे हर प्रकार से आशीर्वाद प्रदान करें,जब भगवान गोमाता से यह अपेक्षा रखते है तो फिर हमारे लिए तो गोमाता की बड़ी भूमिका है ।
हम जानते है कि भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि का मूल आधार गोमाता ही है और गोमाता गोमाता केवल कृषि का ही नहीं वरन हमारे सम्पूर्ण जीवन का मूल आधार है और यह एक वर्ष की गोमाता की महिमा हमारी गौसेवा से दूरी बढ़ी है उसी की राख हटाने का कार्य कर रही है ,क्योंकि हम सब जानते है कि गोमाता का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन हम भूल जाते है,विस्मृत हो जाते है लेकिन इस प्रकार के आयोजन हमें पुनः स्मृत करवाते है कि हम अपने कर्तव्य की पूर्ति हेतु सकारात्मक रहें,सक्रिय रहें,गोमाता की सेवा में सदैव संवेदनशील रहें और गोमाता की सेवा का हम अधिकाधिक काम तभी कर सकते है,जब हम समय का प्रबंधन करें और इसके लिए हमें निरोगी एवं स्वस्थ रहना होगा और गोमाता की सेवा में रहेंगे तो सभी सुखी रहेंगे और सर्वे भवन्तु सुखिन...... एवं वसुदेव कुटुंबकम्,,,,,, यानि सारे संसार को परिवार मानकर सब सुखी रहें यह हमारे सनातन के विचार है और गोमाता की सेवा से हम ये सब पा सकते है ।

*315 वें दिवस पर श्री नितिन कासनीवाल शिक्षा संस्कृति उत्थान प्रान्त संयोजक जयपुर प्रान्त,मयंक रोहिला भारती भवन जयपुर,श्री प्रद्युम्न जी शास्त्री सालरिया,श्यामगढ़(मंदसौर), स्वामी सचमार्गी जी महाराज हरियाणा, लक्ष्मी नारायण जी खरोनिया प्रदेश अध्यक्ष,अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठनएवं राष्ट्रीय सचिव गो रक्षा प्रकोष्ठ,अजीत पटेल जिला अध्यक्ष, पवन जराटीया सचिव मानवाधिकार संगठन कोटा से ब्रजेश बैरागी,रामबलवान मीणा आदि अतिथि उपस्थित रहें*



*315 वे दिवस पर चुनरी यात्रा बिहार, हरियाणा एवं राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 315 वें दिवस पर चुनरी यात्रा बिहार के दरभंगा से डॉ. परमानंद झा, डॉ.मंदाकिनी देवी,प्रीतेश दीक्षित,हरियाणा के हिसार जयवीर जी,साहिल जी,मीना देवी जी,शीला देवी मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के गोवर्धनपुरा से पूनमचंद जी पाटीदार पिता बाबूलाल जी पाटीदार अपने परिवार ,ग्राम,नगर की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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गोसेवा एवं गोरक्षा क्षत्रिय का मूल धर्म है* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 313 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि क्षत्रिय वही है जिसके शरीर पर गाय माता की रक्षा करते हुए, धर्म रक्षा सेवा करते हुए, बहन बेटी को बचाते हुए लड़ाई झगड़े में पांच पच्चीस निशान हो तो वह राजपूत है। क्षत्रिय का असली मैडल यही है। धर्म ग्रंथों में यही लिखा है। राणा सांगा के शरीर पर पूरे अस्सी घाव थे। वह भी बड़े बड़े घाव थे इसीलिए उन्हें सबसे बड़ा क्षत्रिय माना जाता है। क्षत्रियों की यही डिग्री है।

आपको बुद्धि मिली है, शक्ति मिली है, आपको सामर्थ्य मिला है और आप गौरक्षा नहीं करते है तो महाभारत के अनुसार आपको नर्क जाना पड़ेगा।

गौ माता रखने के दो-तीन उद्देश्य है पहला उद्देश्य दर्शन, दूसरा उद्देश्य सेवा, तीसरा उद्देश्य दूध। दूध को कभी बेचे नहीं। अतिथियों को पिलाएं, बच्चों को पिलाए ओर फिर भी यदि दूध बच जाए तो उसे गर्म करके दही जमाएं और फिर उस दही को मथ कर घी बनाये। हर घर में पूजा पाठ इत्यादि के लिए घी की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए पूजा पाठ हवन आदि में गौमाता के घी का उपयोग करे यदि फिर भी बच जाए तो उसका विक्रय कर सकते है।

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के पंच दिवस पर प्रशिक्षणार्थियों ने स्वयं एक एक गोष्ठ की जिम्मेदारी लेकर ग्वालों से विधिवत गौसेवा कार्य करने का प्रशिक्षण लिया*


*313 वे दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात एवं मध्यप्रदेश से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 313 वें दिवस पर चुनरी यात्रा गुजरात के डांग जिले चुनर यात्रा
सुबेर डांग जिला के सूबेर से लवकेश पाण्डेय, श्याम राजपुरोहित लोकेश सिंह, हरिसिंह ओर रौशन बाड़ी महिला मंडल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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धेनु को इस संसार में सबसे बड़ा धन माना गया है* - स्वामी गोपालानंद सरस्वती


सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 312 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि खाटू श्याम जी गाय माता की दुग्ध की धारा से प्रकट हुए और आज हमारे भाई बहन सब लोगों को जिनका धन चाहिए वह विशेष रूप से खाटू श्याम बाबा के श्री चरणों में जाते हैं। आजकल खूब बड़ी संख्या में भाई-बहन जा रहे हैं। 
आप सब को पता होना चाहिए हमारे खाटू बाबा तो परम गो प्रेमी है आजकल उनके भक्त कितने गो प्रेमी यह तो नहीं पता। खाटू बाबा ने गो की सेवा के लिए अपना जीवन लगाया और को के दूध से प्रकट हुए।

आज अंकित जी अग्रवाल और सुनील कुमार जी शर्मा खाटू श्याम जी से पधारे हैं। जब 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा आप श्री के द्वारा संचालित गौशाला के दर्शन करने गई वहां पर एक छोटी सी विसंगति नजर आई। वहां गैया मैया के साथ विदेशी पशु भी विराजमान थे, आपके श्री चरणों में प्रार्थना की की संभव हो तो आप इनको पृथक कर देवे। आपने हम जैसे साधरण ग्वाले की बात को भी स्वीकार करके और उन विदेशी पशुओं को गौ माता से अलग किया, इसके लिए हम आपके जीवन भर ऋणी रहेंगे। 

धेनु को इस संसार में जितने भी धन है उसमें से सबसे बड़ा धन माना गया है। अगर आप कभी च्यवन ऋषि की कथा पढ़ोगे या सुनोगे तो आपको पता चलेगा कि त्रिलोकी का राज एक तरफ और एक गाय माता एक तरफ है। 

ब्राह्मण देवताओं के लिए गौ ही परम धन है। गो नहीं तो त्रिकाल संध्या, यज्ञ, पूजा पाठ नहीं हो सकते। इसलिए सबसे बड़ा धन गो है और सबसे बड़ा धर्म भी गो ही है ।

*श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ,कामधेनु गो अभयारण्य ,धेनु देवी फाउंडेशन एवं दृष्टिदेवी फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें ग्वाल प्रशिक्षण शिविर के चतुर्दश दिवस पर प्रशिक्षणार्थियों ने स्वयं एक एक गोष्ठ की जिम्मेदारी लेकर ग्वालों से विधिवत गौसेवा कार्य करने का प्रशिक्षण लिया*

*312 वे दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तराखंड एवं राजस्थान से*

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 312 वें दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तराखंड के भुवन चन्द जी तिवारी एवं खाटूश्याम से अंकित अग्रवाल एवं सुनील शर्मा ने अपने परिवार की ओर से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
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